बलिया स्पेशल
1972 से लापता है हंसता-खेलता और खुशहाल बलिया का एक गांव
बलिया- जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर है यह गांव। नाम है-टेकपुर। लगभग सौ बीघे से भी अधिक क्षेत्रफल में आबाद है राजस्व गांव टेकपुर (टकरसन) लेकिन करीब 45 वर्षों से गांव वालों के पास अपना कहने को एक इंच भी जमीन नहीं है। है न हैरान कर देने वाली खबर। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि करीब साढ़े चार दशक से इस गांव के सभी राजस्व और भू-अभिलेख गुम हैं। ऐसे में लोग जमीन होते हुए भी वह उनकी है, इसका कोई प्रमाण नहीं दे पा रहे हैं।
इस गांव की आबादी लगभग 6000 है। ग्राम टेकपुर में लगभग पूरे रकबे पर खेती ही होती है। कुछ मकान भी बने हैं। भू-अभिलेख गुम हो जाने व जमीन विवादित होने की वजह से दशकों से इस गांव का विकास नहीं हो पाया। टकरसन ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम टेकपुर के भूमि संबंधी समस्त अभिलेख सन् – 1972 की चकबंदी के बाद से ही गायब हैं। एक ऐसे दौर में जब सरकार श्रावस्ती माडल व समाधान दिवस जैसे आयोजनों से प्रदेश के राजस्व विवादों को दूर करने की दिशा में प्रयासरत है। टेकपुर राजस्व ग्राम के भूमि संबंधी समस्त अभिलेख कई वर्षों से नहीं मिल रहें हैं। इस राजस्व ग्राम की न ही खतौनी मिलती है और न ही इससे जुड़े कोई बंदोबस्ती दस्तावेज। ऐसी परिस्थिति में इस मौजे के अंतर्गत आने वाली भूमि संबंधी किसी भी समस्या का हल महज इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि यहां का कोई दस्तावेज कहीं उपलब्ध नहीं है। न तो सदर तहसील के अभिलेखागार में और न ही जिला अभिलेखागार में।
चकबंदी के अधिकारी कहते हैं कि इस विभाग ने चकबंदी के समस्त प्रपत्र तहसील को सुपुर्द करा दिए हैं। उधर तहसील के जिम्मेदारों का कहना है कि उसने टेकपुर से संबंधित प्रपत्र कभी रिसीव ही नहीं किए। बस इसी हाल में 45 वर्षो से टेकपुर के ग्रामीण अपनी भूमि के मालिकाना हक को लेकर परेशान हैं और सरकारी तंत्र सबकुछ जानकर भी मौन, क्योंकि उसके पास अभिलेख ही नहीं हैं।
नक्शा बंदोबस्त कुछ उपलब्ध नहीं : आम तौर पर किसी भी जमीन के कागजात जैसे खसरा, बंदोबस्ती अभिलेख व नक्शे उक्त जमीन के कास्तकारों के पास भी उपलब्ध होते हैं जिनके आधार पर उक्त भूमि की एक नवीन अभिलेखीकरण किया जा सकता था लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी टेकपुर के जमीन के संबंध मे कोई अभिलेख प्राप्त नहीं किया जा सका।
हर प्रयास विफल : टेकपुर की जमीन को लेकर कई वर्ष पहले एक समर्पित लेखपाल कलेक्टर गिरि ने कुछ कथित अभिलेख व मौके की व्यवस्था के हिसाब से एक नई बंदोबस्ती बनाने का प्रयास किया था। इस कोशिश के शुरुआती दौर में ही काश्तकारों में भूमिधरी को लेकर असंतोष पनपने लगा और देखते ही देखते विवाद के स्वर उठने लगे। इसके बाद उक्त लेखपाल ने तत्काल सभी प्रक्रिया बंद कर दी और व्यवस्था ज्यों की त्यों रह गई।
क्या कहते हैं नियम : नियमानुसार यदि किसी ग्राम पंचायत अथवा विशेष भूमि के अभिलेख गायब हो जाते हैं तो उसके लिए तहसील द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से राजस्व परिषद को उक्त भूमि के अभिलेखों के पुनर्गठन की संस्तुति की जाती है। जिसके बाद राजस्व परिषद संबंधित विषय की समीक्षा कर उसके संबंध में आदेश जारी करती है। परिषद के आदेश पर राजस्व टीम उक्त भूमि की नवीन पद्धति से पैमाइश कराती है। पड़ोस के मौजों के रकबे से संतुलन स्थापित कर गांव की भूमि के नए अभिलेख तैयार करती है। किंतु दुर्भाग्य से राजस्व गांव टेकपुर की जमीन के संबंध में अभी तक कोई भी ठोस व कारगर पहल नहीं की गई।
जल्द ही अस्तित्व में आएंगे टेकपुर के अभिलेख : अभी कुछ दिनों पूर्व ही सदर तहसील का कार्यभार ग्रहण करने वाले उप जिलाधिकारी अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने राजस्व ग्राम टेकपुर के भू-अभिलेख गुम होने के मामले को गंभीर बताया। बोले, मैंने अभी कुछ दिनों पूर्व ही सदर तहसील का दायित्व ग्रहण किया है। कोशिश होगी कि जल्द से जल्द टकरसन ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम टेकपुर के भू-अभिलेख अस्तित्व में आ जाएं।
बलिया स्पेशल
बीजेपी प्रत्याशी की जन आशीर्वाद यात्रा में उमड़ी भीड़, रवीन्द्र कुशवाहा बोले- तीसरी बार मोदी बनेंगे पीएम
बलिया। सलेमपुर लोकसभा से भाजपा के सांसद और वर्तमान प्रत्याशी रवीन्द्र कुशवाहा को फिर से टिकट मिलने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता जगह- जगह स्वागत कर रहे हैं। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को स्वागत और जन आशीर्वाद यात्रा मनियर से प्रारंभ होकर बांसडीह पहुंची। बांसडीह स्थित सप्तऋऋषि चौराहे पर भव्य स्वागत किया गया।
स्वागत में उमड़े जनसैलाब ने सांसद रवीन्द्र कुशवाहा को फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। साथ ही सांसद के ऊपर पुष्प वर्षा किया। तत्पश्चात सांसद रवीन्द्र कुशवाहा ने कचहरी स्थित मां दुर्गा के दरबार में पहुंच कर पूजा अर्चना किया। जन आशीर्वाद यात्रा लेकर पहुंचे सांसद रवीन्द्र कुशवाहा का विधायक केतकी सिंह के नेतृत्व में बांसडीह चौराहे पर कार्यकर्ताओं ने स्वागत
किया। इस दौरान सांसद रवीन्द्र कुशवाहा ने अपने पांच वर्षों की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि पूरा देश प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पर गर्व कर रहा है। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिये प्रधानमंत्री अग्रसर है। अबकी बार 400 से ऊपर सीटे जीतकर तीसरी बार नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। विधायक केतकी सिंह ने कहा कि सलेमपुर क्षेत्र से पुनः रवीन्द्र कुशवाहा तीसरी बार भारी मतों से विजयी होंगे। भाजपा बांसडीह मंडल अध्यक्ष प्रतुल कुमार ओझा ने सांसद रवीन्द्र कुशवाहा को अभिनंदन पत्र और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर बैरिया चेयरमैन प्रतिनिधि शिवकुमार वर्मा मंटन, पूर्व चेयरमैन संजय कुमार सिंह मुन्ना, चंद्रबली वर्मा, राजू गुप्ता, रमेश कान्त, डब्लू गुप्ता, व्यापार मंडल अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, चंद्रमा गिरी, तेज बहादुर रावत, सिंपी सिंह, शिवम गुप्ता, अजय यादव, अरुण पांडेय, अमित यादव, बिट्टूतिवारी, अभिजीत तिवारी, इरफान अहमद, विवेक उपाध्याय, बलिराम साहनी, राकेश वर्मा, गोपाल जी आदि उपस्थित रहे।
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बलिया में भीषण सड़क हादसा अब तक 6 की मौत !
बलिया के बैरिया में सोमवार देर रात दर्दनाक सड़क हादसा हो गया जिसमें अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है । एनएच 31 पर स्थित बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत दुबेछपरा-सुघर छपरा के मध्य अंधा मोड़ पर सोमवार की रात करीब दो बजे ये भीषण हादसा हुआ हादसे में आधा दर्जन लोग घायल भी बताए जा रहे है, जिनमें से चार को वाराणसी रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि, दोकटी थाना क्षेत्र के भगवानपुर निवासी अनवत गुप्ता के घर से खेजुरी थाना क्षेत्र के मासूमपुर गांव में तिलकोत्सव गया था।
तिलकोत्सव में शामिल होने के बाद लोग कमांडर जीप से गांव लौट रहे थे। रात करीब दो बजे जीप अभी बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत दुबेछपरा-सुघर छपरा के मध्य स्थित अंधा मोड़ पर पहुंची थी, तभी टमाटर लदी तेज रफ्तार पिकअप ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि एक जीप के परखच्चे उड़ गये और सभी सवार गंभीर रूप से घायल हो गये। पिकअप पलट गई।
वहीं, दूसरी जीप में शामिल लोग भी घायल हो गये। आस-पास के लोगों ने पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दिया। एम्बुलेंस पहुंची तो लोगों ने सभी घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा। हादसे में अब तक 6 के मरने की सूचना है। मृतकों के शव को कब्जा पुलिस में लेकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही हेतु मोर्चरी हाउस भेजा गया।
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लोकसभा का टिकट मिले या न मिले स्वास्थ्य सेवा की मुहिम लागतार चलती रहेगी- राजेश सिंह दयाल
बलिया के पूर में शनिवार को दयाल फाउंडेशन के तरफ से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। यहाँ हजारों की संख्या में लोग इलाज कराने पहुचें थे। यूं तो इस क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से परेशान थे, महंगे अस्पतालों की महगी दवाओं ने इस क्षेत्र को और कमजोर कर दिया था, वहीं सलेमपुर एक नेता ने साहस दिखाया और यहाँ के लोगों के जीवन में नई किरण बिखेर दी। उनके मुफ्त स्वास्थ्य कैंपो ने सिर्फ इसी क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक मरीजों को नया जीवन दिया है। “मेडिसिन मैन” के नाम से प्रसिद्ध राजेश सिंह दयाल ने बलिया और देवरिया में गंभीर बीमारियों का न सिर्फ मुफ्त इलाज करवा बल्कि जनता के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।
महीनो से राजेश सिंह दयाल सलेमपुर क्षेत्र में बड़े बड़े स्वस्थ कैम्प का आयोजन करवा रहें हैं। वह भाजपा में बड़े पद पर हैं और इस बार सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ सकतें हैं। उनकी इस पहल को देखते हुए, बलिया और देवरिया के भाजपा नेता और समर्थक भी उनके साथ खड़े हैं। शनिवार को जब बलिया में दयाल फाउंडेशन के डॉक्टर लोगों का मुफ्त इलाज कर रहे थे तब भाजपा के ज़िला अध्यक्ष संजय यादव भी स्थानीय गाँव में मौजूद थे। इस कैम्प में 1500 मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य जाँच और मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। भाजपा के कार्यकर्ता भी इस कैप में लोगों कि मदद करते दिखे। संजय यादव ने भी सिविर में आए लोगों से बात कि और उनका हाल जाना।
इस कैम्प में लखनऊ से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों की स्वास्थ्य जांच की और उन्हें आवश्यक सलाह दी। शिविर में ब्लड टेस्ट, ईसीजी, आंखों की जांच जैसी सुविधाएं भी मुफ्त में उपलब्ध थीं। पुरे क्षेत्र में जगह जगह राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन द्वारा ऐसे कई निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते रहें हैं। अब तक ऐसी शिविरों में 1 हजार से अधिक मरीजों का मुफ्त मोतियाबिंद ऑपरेशन भी कराया गया है।
शनिवार के शिविर में बलिया के जिलाध्यक्ष की मौजूदगी ने कही न कही बड़ा सन्देश दिया हैं। दयाल सलेमपुर से भाजपा दावेदारों में सबसे मजबूत चहेरा माने जा रहें हैं। संजय यादव का इस मुफ्त स्वस्थ सिविर में रहना यह बताता है कि 2024 के चुनाव में बलिया और देवरिया के भाजपा कार्यकर्ता भी दयाल के नाम से सहमत हैं और सलेमपुर में राजेश सिंह दयाल के नाम पर बढ़ी घोषणा हो सकती हैं
इस कैम्प के दौरान राजेश सिंह दयाल ने पिछले 30 साल से भाजपा से अपने जुड़ाव को व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सामाजिक कार्य राष्ट्रहित से जुड़े हुए हैं। उन्होंने प्रेरणास्रोत के रूप में पीएम मोदी जी का नाम लिया और इसका श्रेय भारतीय जनता पार्टी को दिया। उन्होंने भाजपा को एक परिवार मानते हुए आपस में प्रेमभाव की भावना व्यक्त की।
2014 में दयाल के बड़े बेटे का निधन हो गया था। इसके बाद से वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे और राजनीति से परे, राजेश दयाल ने अपने निजी दुख को समाज सेवा में बदल दिया और इस क्षेत्र में कई बड़े काम करने लगे। उनका दयाल फाउंडेशन सालों से सलेमपुर के लोगों की मदद कर रहा हैं। टिकट मिलने कि बात पर उन्होंने कहा सेवा का कोई अंत नहीं, चाहे चुनावी टिकट मिले या न मिले। चुनाव को आधार बनाकर समाज सेवा के कार्यों को करने की बात पर दयाल ने स्पष्ट किया कि उनकी समाज सेवा और स्वास्थ्य सेवा की मुहिम निरंतर चलती रहेगी, टिकट मिले या न मिले ।
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