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बलिया- शिक्षा विभाग के लिये चुनौती बना फर्जी शिक्षकों से रकम वसूली का मामला

बलिया डेस्क: प्रदेश के मैनपुरी जिले के हसनपुर निवासी अनामिका शुक्ला के 25 जिलों में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने का प्रकरण जून 2020 में सामने आया था। जिसके बाद प्रदेश के पुरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया था। उसके बाद से ही सरकार ने इस मामले पर नकेल कसने के लिये पुरी तरह कमर कस चुकी है। जिसेक बाद से हर जिले में शिक्षकों की कुंडली खंगाली जाने लगी।
बलिया में अब तक 24 ऐसे फर्जी शिक्षक मिले हैं, जो कूटरचना कर नौकरी कर रहे थे। उनका फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद उन्हें बर्खास्त भले ही कर दिया गया लेकिन उनमें से मात्र दो से ही रिकवरी हो पाई है। इसके बाद बाकी 22 फर्जी शिक्षक विभाग के करोड़ों रुपये लेकर फरार हैं। उनसे रिकवरी करने में इसलिए भी दिक्कत यह भी आ रही है कि उसमें बहुतों ने निवास प्रमाण पत्र भी फर्जी लगाया है।
विभाग की नोटिस भी गलत पते पर पहुंच रही है। इस वजह से अब तक मिले फर्जी शिक्षकों के फर्जीवाड़े के सभी कारनामे आलोपित होने लगे हैं, वहीं कुछ ने कोर्ट ये स्टे ले रखा है। अब प्रकरण में और गंभीरता लाने के संकेत मिले हैं।
बलिया के शिक्षा क्षेत्र पंदह के एक प्राथमिक विद्यालय पर तैनात एक प्रधानाध्यापक की नियुक्ति 6 जनवरी 2006 से थी। वह एक अगस्त 2018 से लगातार अनुपस्थित चल रहे थे। उनका निवास प्रमाण पत्र भी कूटरचित मिलने के बाद उन पर विभागीय कार्रवाई की गई। तब तक शिक्षक ने वेतन के नाम पर 14 वर्ष में एक करोड़ चूना विभाग को लगा रखा है।
इसी तरह रेवती में तैनात एक शिक्षक की बीएड डिग्री फर्जी मिली थी। वह छह दिसंबर 1999 से कार्यरत थे। वह भी 20 साल से इस फर्जी डिग्री पर नौकरी किए। मामला पकड़ में आने के बाद उन पर भी नोटिस जरूर जारी की गई लेकिन वेतन की रिकवरी नहीं हो पाई। जनपद में अब तक जितने भी फर्जीवाड़े के केस मिले हैं, उन पर मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है। शासन के निर्देश पर कार्रवाई गतिमान है। फर्जीवाड़े का खेल खेलने वाले चाहे जितनी चतुराई करें, वे कानून से नहीं बच सकते।
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बलिया- जानिए कौन है प्रभावती देवी? जो जिले के कद्दावर नेता के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं

बलिया डेस्क: जिले में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव की सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं। प्रत्याशियों के नामांकन के बाद अब चुनाव चिन्ह भी मिल चुके हैं। जिसको लेकर जनता के बीच प्रत्याशियों की पहुंचने की होड़ लगी है। आपको इस कड़ी में जिले के बांसडीह वार्ड नंबर 10 जिला पंचायत के एक सदस्य के बारे में बताते है। जिनकी दावेदारी ने इस सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला बना दिया है।
बांसडीह वार्ड नंबर 10 से सपा की उम्मीदवार प्रभावती देवी पत्नी रामजी यादव “बढ़ाइए कदम विकास की ओर” के नारे के साथ चुनावी मैदान में हैं। प्रभावती देवी लगातार तीन बार से चांदपुर ग्राम सभा की प्रधान भी है।
प्रभावती देवी महिला सशक्तिकरण को तो बल दे ही रही है इसके साथ-साथ उनका वादा यह भी है कि समाज के हर तबके का विकास जीतने के बाद सुनिश्चित किया जाएगा।जिससे क्षेत्र का चौमुखी विकास हो सके। वहीँ इस सीट को लेकर राजनैतिक विशेषज्ञों का दावा है कि ये सपा का गढ़ है। इस सीट पर दुसरे दल के प्रत्याशी की राह आसान नहीं होने वाली है।
वहीँ इस सीट से भाजपा के कद्दावर नेता और जिले के भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष देवेंद्र यादव मैदान में है । जिससे इस सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। जातिगत आकड़ों के हिसाब से भी इस सीट पर लड़ाई काफी क्लोज होने वाली है।
आपको बता दें कि सबसे ज्यादा इस वार्ड से वार्ड से विधानसभा के प्रभारी सपा के वरिष्ट नेता वेद प्रकाश सिंह की भी प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। जो इलाके में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते हैं। बहरहाल, अब तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि इस सीट पर जनता किस प्रत्याशी को अपना सिकंदर बनाती है।
एक बात जरूर है कि जिले में पंचायती चुनाव के लिए महिलाओं ने जिस प्रकार से बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी दिखाई हैं। वह महिलाओं के प्रति बदलते दौर के सोच को जरूर प्रदर्शित करता है।
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बलिया – पंचायत चुनाव में गाड़ी नहीं देने पर होगी एफआईआर

बलिया : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन को संपन्न कराने के सैकड़ों वाहनों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है। जिनका एकत्रीकरण करने के लिए पुलिस परेड ग्राउंड में 19 अप्रैल की सुबह 8 बजे तक बुलाया गया था, उनमें करीब 50 की संख्या में वाहन अब तक नहीं आए।
इस पर एआरटीओ (प्रशासन) राजेश्वर यादव ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दे दी है। उन्होंने बताया कि अगर शेष वाहन 19 अप्रैल को सुबह 8 बजे तक परेड ग्राउंड में नहीं आए तो निर्वाचन में बाधा डालने के आरोप में वाहन मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
आरटीओ ने कहा कि निर्वाचन कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न कराने में अपना योगदान दें। वाहन नहीं भेजने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
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बलिया- पूर्व जिलाधिकारी (IAS) सच्चिदानंद दूबे का हृदय गति रुकने से निधन

बलिया डेस्क: प्रदेश के कई जिलों में जिलाधिकारी के रुप में अपनी सेवाएं दे चुके पूर्व आईएएस सच्चिदानंद दूबे का लखनऊ में शुक्रवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। इसकी खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव बेरुआरबारी में शोक संवेदना व्यक्त करने वालों की भीड़ लग गयी।
आपको बता दें कि आईएएस सच्चिदानंद दूबे के दो पुत्र है। एक पुत्र इंकम टैक्स कमिश्नर गोवा है, जबकि एक पुत्र पीएफ कमिशनर लखनऊ है। उनका अंतिम संस्कार लखनऊ में ही किया गया। इधर, आईएएस सच्चिदानंद दूबे के निधन की सूचना मिलते ही उनके पैतृक आवास पर पहुंचे लोगों ने उनके अनुज शिवानंद दूबे से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की।
इसमें भाजपा नेता विनोदशंकर दूबे, पूर्व ब्लाक प्रमुख अनिल सिंह, गोपालजी दुबे, संजय दुबे, दिलीप दुबे, पुनीत पाठक, भासपा प्रदेश प्रवक्ता सुनील सिंह, जनार्दन उपाध्याय, प्रधानाचार्य आशीष सिंह, अमित सिंह आदि रहे।
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