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बलिया – गांवों में कोरोना का कहर, हो रहीं एक के बाद एक मौतें, न टेस्टिंग, न सही इलाज !

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बलिया । बलिया में कोरोना संकट गंभीर हालत में पहुचता जा रहा है। शहरी इलाकों के बाद अब इसने गाव में भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। ग्रामीण इलाके से लागातर मौत की खबरें सामने आ रही हैं।

जिले में कोई भी ऐसा गावं नहीं है जहां पिछले हफ्तों में मौत नहीं हुई है। जिले के एक गावं में औसतन 3 दिनों में 3-4 मौतें हुई है। यही हाल तकरीबन जिले के सभों ब्लाक का है। इन मौतों के कारणों का पता नहीं चला पा रहा है लेकिन बुखार के बाद तबीयत बिगड़ने से लोगों की मौत की खबर है।

श्मशानघाट में चिता ठंडी होने से पहले ही फिर से मौत होने की सूचना मिल जाती है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीण इलाके में इतनी मौतें हो चुकी है, लेकिन अभी तक प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है। किसी-किसी  गावं में तो एक-एक दिन में पांच-पांच या इससे अधिक मौत हो चुकी है। मरने वालों में हर उम्र के लोग शामिल हैं। वहीं इन मौतों को कोई कोरोना तो कोई वायरल की वजह बता रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी हैं, क्योंकि बिना कोरोना जांच के ही मौत होने पर अंतिम संस्कार कर दिया जा रहा है।

बताया जाता है कि वर्तमान में भी अनगिनत लोग ऐसे हैं, जो बुखार, ख़ासी, और सांस की तकलीफ से पीड़ित है। इनमें से कई घर में ही ऑक्सीजन पर हैं। इस समय बुरे दौरे से गुजर रहे हैं। दूसरी तरफ गांव के लोगों के बीच कोरोना को लेकर गलत अफवाह और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण सही ढंग से जांच नहीं हो रही है। ऐसी शिकायतें भी देखी गयी है।

अंतिम संस्कार में लगने वाले सामान की खरीद में बढ़ोतरी 

यूँ तो सरकारी आकड़ों के मुताबिक जिले में पिछले सात दिनों में 16 लोगों की कोरोना से मौत हुई है लेकिन जिले में मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक है। अंतिम संस्कार में लगने वाले सामान बेचने वाले मंटू मल्ल बताते हैं,  “आम दिनों में दूकान पर आने वाले लोगों में 4 से 5 प्रतिशत ही लोग अंतिम संस्कार में लगने वाला सामान लेते थे लेकिन पिछले दस दिनों में ये संख्या बढ़कर 20 से 25 प्रतिशत हो गई है”।

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बलिया में सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो वायरल करने वाले युवक पर मुकदमा दर्ज

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बलिया के बांसडीहरोड थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने के मामले में पुलिस ने एक युवक पर नामजद मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि युवक ने एक युवती के अश्लील वीडियो बना रखे हैं और बार बार उन्हें वायरल करके किशोरी को बदनाम कर रहा है। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने आरोपी युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

जानकारी के मुताबिक, इलाके के एक गांव की रहने वाली युवती को टकरसन निवासी पवन वर्मा कई दिनों से परेशान कर रहा है। युवती का आरोप है कि कुछ दिनों पहले आरोपी ने सोशल मिडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर अश्लील फोटो और वीडियो डालकर बदनाम करने की कोशिश की है। पीड़िता का कहना है कि अब तक तीन बार विवाह तय हो चुका है, लेकिन पवन के चलते हर बार वह ससुराल पक्ष के लोगों के व्हाट्सएप पर अश्लील फोटो व वीडियो भेजकर शादी तुड़वा चुका है।

तीन बार युवती का रिश्ता टूट चुका है। युवती का कहना है कि आरोपी युवक किसी भी तरह से मेरी शादी नहीं होने दे रहा है। इस सम्बंध में एसओ अखिलेश चंद्र पांडेय का कहना है कि तहरीर के आधार पर आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। इधर युवती के परिवारवालों ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है।

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बलिया में नक्सलियों के 11 ठिकानों पर NIA ने मारा छापा

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बलिया में एनआईए ने नक्सलियों के 11 ठिकानों पर शनिवार को छापा मारा, जहां से तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। एनआईए ने यह कार्रवाई पिछले साल यूपी एटीएस द्वारा बलिया में पकड़े गए पांच नक्सलियों पर दर्ज केस को टेकओवर करने के बाद की है।

बता दें कि यूपीएटीएस ने 15 अगस्त, 2023 को बलिया से नक्सली संगठनों में नई भर्तियां करने में जुटी तारा देवी के साथ लल्लू राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत राजभर व विनोद साहनी को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के कब्जे से नाइन एमएम पिस्टल भी बरामद हुई थी। जांच में सामने आया है कि तारा देवी को बिहार से बलिया भेजा गया था। वह वर्ष 2005 में नक्सलियों से जुड़ी थी और बिहार में हुई बहुचर्चित मधुबन बैंक डकैती में भी शामिल थी।

इसके अलावा लल्लू राम उर्फ अरुन राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राममूरत तथा विनोद साहनी की गिरफ्तारी हुई थी। ये सभी बिहार के बड़े नक्सली कमांडरों के संपर्क में थे।

एनआईए की अब तक की जांच के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश समेत उत्तरी क्षेत्र अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है। जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि भाकपा (माओवादी) के नेता, कार्यकर्ताओं और इससे सहानुभूति रखने वाले, ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) इस क्षेत्र में संगठन की स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

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कोलकाता-वाराणसी जलमार्ग शुरू, लेकिन बलिया के उजियार घाट पर नहीं रुकता जहाज, लोग निराश

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केंद्र सरकार ने कोलकाता-वाराणसी जलमार्ग को शुरू कर दिया है, लेकिन इसका फायदा बलिया वासियों को नहीं मिल पा रहा है। चितबड़ागांव के उजियार घाट पर कोई भी मालवाहक जहाज नहीं रुक रहे हैं। लोग दूर से ही जहाजों को निहार रहे हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ वाराणसी कोलकाता मार्ग के उजियारघाट में गत 11 नवंबर 2022 को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सात जेटी का एक साथ लोकार्पण किया।

कोलकाता से वाराणसी तक गंगा नदी में जल परिवहन शुरू करने के लिए बलिया में मालवाहक जहाजों वातानुकूलित क्रूज को ठहरने के लिए पहला जेटी सरयां उजियार गंगा तट पर स्थापित किया गया। इस तट पर बड़ी तैयारी की गई थी। सरकार और अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि जेटी स्थापित होने के बाद यहां पर क्रूज और मालवाहक जहाज रूकेंगे और उजियार घाट पर रौनक लौट आएगी, पर ऐसा नहीं हुआ।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, 13 जनवरी 2023 को वातानूकुलित गंगा विलास क्रूज को वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर डिब्रूगढ़ के लिए रवाना किया लेकिन गंगा विलास क्रूज बक्सर के रामरेखा घाट के पास रूका। गुरुवार को भी एक मालवाहक जहाज उजियार गंगा तट से वाराणसी के तरफ निकल गया, लेकिन ये उजियार घाट पर नहीं रुका। इससे जनता में घोर निराशा है। लोगो का कहना है कि पहले सरकार ने उजियार घाट पर जहाज रुकने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इससे काफी ज्यादा परेशानी हो रही है और लोगों को कुछ लाभ भी नहीं मिल रहा है।

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