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इन्वेस्टर्स समिट- यूपी में बनेगा डिफेंस कॉरिडोर, 2.5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

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यूपी के लखनऊ में आयोजित इंवेस्टर्स समिट को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की और कहा कि योगी के नेतृत्व में प्रदेश निराशा से आशा की तरफ बढ़ रहा है। मोदी ने यूपी में डिफेंस कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया और कहा कि प्रदेश में इससे 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यूपी में निवेश के लिए इतने लोगों का एकजुट होना बड़ी बात है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके मंत्रिमंडल के साथियों और जनता को बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में अब नींव तैयार हो चुकी है, जिससे न्यू उत्तर प्रदेश का विकास होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा-

– यूपी में एक डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण होगा। जिसमें भारी निवेश होगा। हम ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगे जो कि उत्तर प्रदेश को 21वीं सदी में नई बुलंदियों तक ले जाएगा।

– हमारी सरकार चाहे केंद्र में हो या राज्य में, हम जॉब सेंट्रिक के साथ-साथ पीपल सेंट्रिक ग्रोथ पर जोर देते हैं।

– हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था चाहते हैं कि जिसमें गरीबों का वित्तीय समावेशन भी हो व सभी का कल्याण हो।

– यूपी के 11 शहरों में हवाई अड्डों का विकास किया जा रहा है। मेरा सपना है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज का सफर कर सके। कुशीनगर व जेवर में दो नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण होगा।

– यूपी में निवेश को आसान बनाया जा रहा है। उद्यमियों के लिए रेड टेप नहीं, रेड कार्पेट बिछाए जा रहे हैं।

– पीएम मोदी ने कहा कि यूपी में अब नींव तैयार हो चुकी है, जिससे न्यू उत्तर प्रदेश का विकास होगा।

– मुख्यमंत्री योगी ने यूपी को निराशावाद की ओर से सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाया है। यूपी में संसाधन और सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है।

– यूपी में सुपरहिट परफॉर्मेंस देने के लिए योगी की टीम तैयार है। यहां के लोग तैयार हैं।

– यूपी के 60 प्रतिशत लोग वर्किंग एज ग्रुप में हैं और ये ग्रुप ही प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाएगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में स्वागत भाषण में कहा कि हमने जब समिट का काम शुरू किया तो जितनी उम्मीद थी उससे कहीं ज्यादा रिस्पांस हमें मिला। यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां सबसे ज्यादा संभावना है। उन्होंने कहा कि अभी तक हमें 2000 से ज्यादा निवेश के प्रस्ताव मिल चुके हैं। हम लगातार इनका फॉलोअप करेंगे और जब तक इंडस्ट्री लग नहीं जाती चुप नहीं बैठेंगे। महाना ने उद्योगपतियों को सुरक्षा और संसाधन देने का वादा किया।

उद्योगपतियों ने की इन निवेशों की घोषणा-
अडाणी करेंगे 35,000 करोड़ का निवेश
अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि देश की तरक्की में यूपी की अहम भूमिका है। उन्होंने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में हम उत्तर प्रदेश में 35,000 करोड़ का निवेश करेंगे।
– यूपी में रोजगार देने के लिए हम industrial aur agricultural sector में निवेश करेंगे।
– यूपी में सड़क और मेट्रो के क्षेत्र में बेहतरी के लिए सरकार का साथ देंगे।
– यूपी में skill development center खोलेंगे।
– छह लाख टन के स्टोरेज कैपेसिटी की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

मुकेश अंबानी 10,000 करोड़ इन्वेस्ट करेंगे
उद्योगपति मुकेश अंबानी ने कहा कि यूपी को आगे ले जाना प्रधानमंत्री जी के साथ ही हम सब की जिम्मेदारी है। अगर यूपी का विकास होगा तो हमारे देश को आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता। मैं घोषणा करता हूं कि अगले तीन वर्षों में हम प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। मुकेश ने वादा किया कि हम दिसंबर 2018 तक प्रदेश के छोटे से छोटे गांव तक जियो को पहुंचाएंगे।

आने वाले समय में 18,500 करोड़ रुपये का करेंगे निवेश : सुभाष चंद्रा
एसेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने कहा कि हमारे ग्रुप ने पिछली सरकार में 30,000 करोड़ रुपये का एमओयू किया था लेकिन काम सिर्फ 3000 करोड़ रुपये का हुआ। जी ग्रुप आने वाले समय में यूपी में 18500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि योगी जी के नेतृत्व में यूपी एक नए यूपी के रूप में उभर रहा है।

पांच साल में यूपी में करेंगे 25 हजार करोड़ का निवेश: कुमार मंगलम बिड़ला
समिट को सम्बोधित करते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यूपी में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। यहां उद्योगों का विस्तार होता देखकर खुशी हो रही है। उन्होंने अगले पांच वर्षों में प्रदेश में 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ पहुंचने पर एयरपोर्ट पर राज्यपाल रामनाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य और मेयर संयुक्ता भाटिया ने उनका स्वागत किया।

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बलिया DM ने किया कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण, बलिया में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर दिए ये निर्देश

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बलिया जिलाधिकारी रविंद्र कुमार बांसडीह मैरीटार मार्ग स्थित पिंडहरा गांव में बघौली मौजे में आयोजित होने वाले महिला सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जनसभा स्थल, हैलीपेड,सेफ हाउस और रास्ते की मरम्मत और घास फूस एवं झाड़ियों की कटाई एवं साफ-सफाई के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने अपनी टीम लगाकर उपलब्ध भूमि की पैमाइश करवाकर जनसभा स्थल और हैलीपेड के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित की।

इस कार्यक्रम स्थल के लिए धान की फसल को कटवा लिया गया है और बचे धान की फसल को कटवा लिया जाएगा। इसके बाद जिलाधिकारी ने पास स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस की रंगाई पुताई करवाकर, शौचालय सहित अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश अधिशासी अभियंता को दिए।

जिलाधिकारी ने कार्यक्रम स्थल के मंच से 60 मीटर दूर हैलीपेड और जनसभा स्थल से कुछ मीटर की दूरी पर पार्किंग की व्यवस्था करने करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों में तेजी लाने और अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।

इस निरीक्षण के दौरान सीआर‌ओ त्रिभुवन, अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा शंकर तिवारी,एसडीएम राजेश गुप्ता सहित अन्य अधिकारी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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भाजपा नेता राजेश सिंह दयाल ने परेशान हाल बुजर्ग महिला का कराया इलाज, जीता सबका दिल !

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सलेमपुर/ बलिया :  सलमेपुर लोकसभा के मशहूर समाजसेवी राजेश सिंह दयाल के एक काम ने लोगों का दिल जीत लिया। यूं तो राजेश सिंह लगातार अपने कामों सामाजिक कामों की वजह से चर्चा में रहते हैं। लेकिन इस बार जो हुआ उसकी हर जगह सराहना हो रही है।

बता दें कि सलेमपुर के रहने वाले अरुण चौहान की मां काफी बीमार थीं। उन्हें किडनी और लिवर में कुछ समस्या थी। वे अपनी मां को लेकर लखनऊ पीजीआई पहुंचे, लेकिन वहां हॉस्पिटल स्टाफ छुट्टी पर होने के चलते उनकी मां का इलाज नहीं हो पाया।

इसके बाद परेशान अरुण ने राजेश सिंह को फोन दिया। राजेश सिंह दयाल ने तत्परता दिखाते हुए फौरन महिला को पीजीआई लखनऊ में भर्ती करवाया और उनका इलाज करवाया। राजेश सिंह पिंडी में लगे मुफ्त स्वास्थ्य केंद्र में अरुण चौहान से मिले थे। इसी दौरान उन्होंने उनकी मां का इलाज पीजीआई में करवाने का वादा किया था। राजेश सिंह ने जो वादा किया, उसे निभाया भी और महिला का इलाज करवाया।

गौरतलब है कि सलेमपुर लोक सभा में स्वास्थ व्यवस्था बेहद लचर है। जिसको देखते हुए राजेश सिंह की संस्था दयाल फाउंडेशन लागतार इस इलाके में स्वास्थ कैंप आयोजित कर रही है। इस संस्था से अबतक 1 लाख लोग फायदा उठा चुके हैं। ये कैंप सभी के लिए एकदम फ्री लगाया जाता है। अबतक ये कैंप बलिया के बेलथरा रोड, सिकदंरपुर , रेवती, वहीं देवरिया के भाटपार , पिंडी , सलेमपुर में आयोजीत हो चुका है। दयाल फाउंडेशन की तरफ से बताया गया है कि आगामी नवम्बर माह में बांसडीह , नगरा समेत कई इलाकों में कैंप आयोजित किया जाएगा।

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‘इण्डिया’ गठबंधन में दलित लीडरशीप वाले चेहरे गायब!

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जयराम अनुरागी

लोकसभा 2024 के चुनाव को लेकर देश के दो प्रमुख गठबंधन एनडीए और इण्डिया अभी से अपना – अपना कुनबा बढ़ाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दिये है। केन्द्र में सतारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अपने नये- नये साथियों की तलाश कर अपनी संख्या 38 तक कर ली है। वहीं दुसरी तरफ देश के प्रमुख विपक्षी दलों ने 23 जून को पटना में एवं 17 व 18 जुलाई को कर्नाटक में बैठक कर 26 दलों की ” इण्डिया ” नामक गठबंधन बनाकर सतारुढ़ भाजपा की नींद उड़ा दी है।इसके बावजूद भी विपक्ष के लिए भाजपा को रोकने की राह आसान नहीं दिख रही है , क्योंकि देश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी वाले दलित लीडरशीप वाले राजनैतिक दलो के चेहरे पटना एवं कर्नाटक की बैठक से गायब थे । दलित समुदाय से आने वाले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे उस बैठक में जरुर थे , लेकिन वह दलितों के प्रतिनिधि न होकर कांग्रेस के प्रतिनिधि थे।

देश की कुल 542 लोकसभा सीटों मे से 84 सींटे अनुसूचित जाति और 47 सींटे अनुसूचित जन जाति के लिए आरक्षित है और देश की 160 सीटों पर दलित मत सीधे निर्णायक भूमिका में है । इतनी बड़ी आबादी का ” इण्डिया ” गठबंधन में कोई प्रतिनिधि नहीं है, जो एक गम्भीर मामला है। देखा जाये तो समाजवादी पार्टी , राष्ट्रीय जनता दल , जनता दल ( यूनाईटेड) ,सीपीएम , टीएमसी , जनता दल ( सेक्युलर) , टीडीपी , टीआरएस, एनसीपी , अकाली दल , आम आदमी पार्टी और एआईडीएमके में दलित समाज का कोई ऐसा नहीं दिख रहा है , जिनकी राष्ट्रीय राजनीति में कोई चर्चा होती हो । विपक्षी दलों की इस दलित विरोधी मानसिकता के चलते देश के दलित असमंजस में दिख रहे है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में किसके साथ रहना है।

अब तक विपक्ष में जो राजनैतिक परिस्थितियां बनी है उसमें दलित चेहरे वैसे ही गायब है , जैसे 2020 के बिहार विधानसभा और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से गायब थे। यही कारण है कि बिहार में तेजस्वी यादव और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनते – बनते रह गये थे। यदि उस समय बिहार में तेजस्वी यादव हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा ( हम) के जीतनराम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी( वीआइपी) के मुकेश साहनी तथा उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव आजाद समाज पार्टी ( कांशीराम) के प्रमुख चन्द्रशेखर आज़ाद को साथ ले लिए होते तो चुनाव परिणाम कुछ और होते । बिहार और उत्तर प्रदेश में दलितों की उठेक्षा कोई नयी बात नहीं है। बिहार में रामबिलास पासवान की भी वहां के तथाकथित पिछड़ो के मसीहा लगातार उपेक्षा करते रहे है। यही कारण है कि रामबिलास पासवान अपना अस्तित्व बचाने के लिए न चाहते हुए भी भाजपा गठबंधन में शामिल होने को मजबुर होते रहे है। वही गलती आज विपक्ष के नेता कर रहे है , जो विपक्षी एकजुटता के लिए कहीं से भी शुभ नहीं है।

सबको पता है कि बहुजन समाज पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी हैऔर इसका जनाधार कमोवेश देश के तेरह राज्यों में है। इसकी मुखिया सुश्री मायावती देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चार – चार बार मुख्यमंत्री भी रह चुकी है। अपनी लगातार उपेक्षा देख बसपा सुप्रीमो अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। यदि समय रहते विपक्षी नेताओं ने मायावती से सम्पर्क साधा होता तो शायद ये विपक्षी खेमे में आ सकती थी । इनके बाद देश में दलित युवाओं के आइकान बन चुके आजाद समाज पार्टी( कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आज़ाद है , जिनके नाम पर देश के दलित नौजवान अपनी जान छिड़कते है , जिन्हें टाइम पत्रिका ने फरवरी 2021 में 100 उभरते नेताओं की अपनी वार्षिक सूची में शामिल किया है। हालांकि इनके पास कोई सांसद और विधायक नहीं है , लेकिन ये देश के करोड़ो दलितों को किसी के साथ जोड़ने की कूबत रखते है। अभी हाल ही में 21 जुलाई को जंतर – मंतर पर लाखों की भीड़ जुटाकर अपनी ताकत को दिखा चुके है ।

इन दोनों दलित नेताओें के बाद देश में दलितों के लिए एक और बड़ा नाम है प्रकाश राव अम्बेडकर का , जो भारतीय संविधान के जनक भारत रत्न बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेडकर के प्रपौत्र है और ये देश के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रह चुके है। देश के करोड़ो दलित इनके लिए भी अपनी जान छिड़कते हैं । ये फिलहाल भारतीय बहुजन महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष है। यदि विपक्ष इन तीनों दलित नेताओं को अपने साथ जोड़ने में सफल हो जाते है तो विपक्ष की 2024 की राह बहुत हद तक आसान हो सकती है। इसके लिए विपक्ष के नेताओं को अपना दिल थोड़ा बड़ा करना होगा ।

इन दोनों बैठको में कई दलो से एक ही परिवार के कई – कई सदस्य शामिल हुए थे , लेकिन इसके आयोजकों ने विपक्ष के किसी दलित लीडरशीप वाले नेता को शामिल करना ऊचित नहीं समझा । दलित चिंतक लक्ष्मण सिंह भारती का कहना है कि आजादी के 75 साल बीतने के बावजूद आज भी दलितों के प्रति मानसिकता में कोई खास परिवर्तन नहीं आया है। गांव के दलितों के साथ अलग भेदभाव , दलित ब्यूरोक्रेट के साथ अलग भेदभाव और दलित राजनेताओं के साथ अलग तरह का भेदभाव आज भी जारी है। केवल उसका स्वरुप बदला है। यदि विपक्ष के नेता वास्तव में भाजपा गठबंधन को शिकस्त देना चाहते है तो उसमें दलित हेडेड लीडरशीप को ससम्मान शामिल करना चाहिए । यदि हो सके तो विपक्ष के तरफ से किसी दलित प्रधानमंत्री की घोषणा भी करनी चाहिए । यदि ऐसा होता है तो देश के दलित 1977 के बाद दुसरी बार दलित प्रधानमंत्री बनते देख इण्डिया गठबंधन के साथ तेजी से जुड़ सकते है , जिसका लाभ राष्टीय स्तर पर विपक्ष को मिल सकता है ।

 

लेखक –  दलित सामाजिक संगठनों के प्रादेशिक नेटवर्क ” दलित एक्शन सिविल सोसाइटी उत्तर प्रदेश ” के अध्यक्ष है तथा ” डा० अम्बेडकर फेलोशिप सम्मान 2002 ” राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं पत्रकार है ।

 

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