उत्तर प्रदेश
पंचायत चुनाव के लिए 75 जिलों की परिसीमन सूची जारी, आरक्षण लिस्ट पर टिकीं सबकी नजरें !

लखनऊ डेस्क : पंचायत चुनाव की आरक्षण लिस्ट का इंतज़ार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा इसी बीच पंचायतीराज विभाग ने उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बुधवार को 75 जिलों की परिसीमन सूची जारी कर दी. इस बार क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या काम होने के साथ ही ग्राम पंचायत वार्डों की संख्या में भी कटौती कर दी गई है. यही वजह है कि चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे दावेदारों में निराशा का माहौल है. दरअसल, नई सूची के अनुसार कई दावेदारों को दूसरे ग्राम पंचायत से चुनाव (UP Panchayat Election) लड़ना पड़ सकता है या फिर नई ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना होगा.
परिसीमन के बाद इस बार 2015 के मुकाबले जिला पंचायतों के 3120 वॉर्डों की संख्या घटाकर 3051 कर दी गई है. दूसरी तरफ इस बार 59,074 ग्राम पंचायतों की जगह 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधान चुने जाएंगे. परिसीमन के बाद वर्ष 2015 की तुलना में ग्राम पंचायत वॉर्डों की संख्या 7,44,558 से घटाकर 7,31,813 कर दी गई है. लिहाजा इस बार ग्राम पंचायतों में वॉर्डों की संख्या 12,745 कम हो गई है. इसी तरह 77,801 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या में कटौती करते हुए 75,805 की गई है.
परिसीमन सूची के अनुसार, जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 3120 से कम करते हुए 3051 की गई है. हालांकि 36 जिले ऐसे भी हैं, जहां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है. तीन जिले ऐसे भी हैं जहां इस बार 2015 की तुलना में अधिक जिला पंचायत सदस्य चुने जाएंगे. इसमें गोंडा में 51 की जगह 65, मुरादाबाद में 34 की जगह 39 और संभल में 27 की जगह 35 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होंगे.
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मिलिए, इस बार UPPCS एग्जाम में परचम लहराने वाले बलिया के नौजवानों से!

बलिया डेस्क : यूपीपीएससी 2019 का रिजल्ट बुधवार की शाम जारी कर दिया गया. हर साल की तरह इस बार भी यूपीपीएससी के एग्जाम में बलिया के युवाओं ने अपने झंडे गाड़े है और जिले का नाम रौशन किया है. हालाँकि पिछले साल की तुलना में इस साल सिर्फ पांच युवाओं का चयन जिले से हुआ है जिनमें तीन छात्राएं और सिर्फ दो छात्र ही इस बार जिले से चुने गए हैं. यहाँ हम आपको बलिया के यूपीपीएससी में इस साल चयनित युवाओं के बारे में बताने जा रहे हैं.
सुनील सिंह : बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के पियरौटा गांव के रहने वाले सुनील सिंह का चयन नायब हसीलदार के पद पर हुआ है. सुनील सिंह ने सुनील सिंह की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद अपने कदम पीछे नहीं खिचे और यूपीपीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल की. शुरूआती पढाई प्राथमिक शिक्षा पियरौटा गांव से करने वाले सुनील ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट जनता जनार्दन इण्टर कालेज, गाजीपुर से किया है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए करने के बाद सुनील सिंह ने इग्नू से एमए और आपदा प्रबंधन में डिप्लोमा किया.
हर्षिता तिवारी : बिल्थरारोड तहसील के सेमरी गावं की रहने वाली हर्षिता तिवारी ने यूपी पीसीएस में 20वां स्थान प्राप्त कर एसडीएम पद प्राप्त किया है. हर्षिता ने सेन्ट्रल हिन्दू गर्ल्स स्कूल वाराणसी से हाईस्कूल एवं इण्टरमीडीएट की पढाई की है. कलकता के NRS कालेज से 2017 में इन्होने MBBS (मेडिकल) की डीग्री हासिल की. हर्षिता किताबें पढ़ने के साथ -साथ कत्थक नृत्य में काफी रूचि रखतीं हैं.
आयुषी बरनवाल : रसड़ा कस्बे की रहने वाली आयुषी बरनवाल का चयन असिस्टेंट कमिश्नर (उद्योग विभाग) के पद पर हुआ है. आयुषी ने रसड़ा के दयानंद बाल विद्यामंदिर से हाई स्कूल व अमर शहीद भगत सिंह इंटर कालेज से इंटरमीडिएट कामर्स वर्ग में जिला टॉप किया था. बीएचयू से बीकॉम, एमकॉम करने करने वाली आयुषी फ़िलहाल असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर (कैग) के पद पर शामली जिले में तैनात हैं.
आशीष कुमार सिंह : मनियर के मुड़ियारी के रहने वाले आशीष कुमार सिंह का चयन दिव्यांगजन सशक्तिकरण के पद पर हुआ है. फिलहाल आशीष हाईकोर्ट इलाहाबाद में समीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं. आशीष ने केंद्रीय विद्यालय, भटिंडा से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट करने के बाद एनआईटी जलन्धर से बीटेक की डिग्री हासिल की. हाल ही में हाईकोर्ट, प्रयागराज में समीक्षा अधिकारी के पद पर उनका चयन हुआ था.
श्वेता मिश्र : बेल्थरा रोड तहसील के लोहटा पंचदौरा की रहने वाली श्वेता मिश्र का चयन असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर हुआ है. आईएएस एग्जाम की तैयारी कर रही श्वेता ने अपनी पढाई इलाहाबाद से की है. उन्होंने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता-माता को दिया है.
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उत्तर प्रदेश
पंचायत चुनाव- आरक्षण अधिसूचना जारी, जानिए क्या है इस बार नया !

लखनऊ डेस्क : यूपी सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों में वार्डों के आरक्षण लिए गुरुवार को नियमावली जारी कर दी है। इसके बाद अब आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। नियमावली के अनुसार, पंचायतों में आरक्षण चक्रानुक्रम रीति से ही होगा लेकिन जहां तक हो सके, पूर्ववर्ती निर्वाचनों अर्थात सामान्य निर्वाचन वर्ष 1995, 2000, 2010 और वर्ष 2015 में अनुसूचित जनजातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जनजातियों को आवंटित नहीं की जाएगी और अनुसूचित जातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जातियों को आवंटित नहीं की जाएंगी। इसी तरह पिछड़े वर्गों को आवंटित जिला पंचायतें पिछड़े वर्गों को आवंटित नहीं की जाएंगी।
बता दें कि इस नियमावली के आधार पर ही अगले एक माह में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों का आरक्षण निर्धारण होगा। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 17 मार्च तक आरक्षण प्रक्रिया पूरी करके 30 अप्रैल तक पंचायतों के चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में अप्रैल माह में 58194 ग्राम पंचायतों, 731813 ग्राम पंचायत सदस्यों, 75855 क्षेत्र पंचायत सदस्यों, 3051 जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव कराया जाएगा। इसके बाद 826 ब्लाक प्रमुखों व 75 जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन होगा।
इसके तहत अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों को आवंटित जिला पंचायतों की एक तिहाई से अन्यून जिला पंचायतें यथास्थिति, अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों की स्त्रियों को आवंटित की जाएंगी। स्त्रियों के लिए आवंटित जिला पंचायत के अध्यक्ष पदों को सम्मिलित करते हुए राज्य में जिला पंचायत के अध्यक्षों के पदों की कुल संख्या के एक तिहाई से अन्यून जिला पंचायत के अध्यक्षों के पदों को स्त्रियों को आवंटित किया जाएगा।
जिन जिला पंचायतों के प्रादेशिक क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या (जिसमें अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों की जनसंख्या सम्मिलित नहीं है) वे स्त्रियों को आवंटित की जाएंगी लेकिन इस प्रकार की जहां तक हो सके, पूर्ववर्ती निर्वाचनों अर्थात सामान्य निर्वाचन वर्ष 1995, 2000, 2010 और वर्ष 2015 में स्त्रियों को आवंटित जिला पंचायतें स्त्रियों को आवंटित नहीं की जाएंगी।
नियमावली के तहत, पंचायतों के आगामी सामान्य निर्वाचन वर्ष 2021 के आरक्षण में चक्रानुक्रम लागू किया जाएगा। इसके फलस्वरूप पिछले सामान्य निर्वाचनों (वर्ष 1995, 2000, 2010 और वर्ष 2015) में आरक्षित वर्गों (अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों तथा स्त्रियों) के लिए जो जिला पंचायतें आरक्षित की गई थीं, उन्हें आगामी निर्वाचन में संबंधित आरक्षित वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा बल्कि अवरोही क्रम में अगले स्टेज पर आने वाली जिला पंचायत से आरक्षण शुरू किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
पंचायत चुनाव- आरक्षण प्रक्रिया पर योगी कैबिनेट की मुहर, यह होगा फॉर्मूला !

लखनऊ डेस्क : पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. योगी कैबिनेट ने पंचायतों के आरक्षण की नियमावली पर मुहर लगा दी है. जल्द ही शासनादेश जारी हो जाएगा. शासनादेश जारी होने के बाद जिलों में इसके मुताबिक पदों पर आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश में आगामी पंचायत चुनाव की बढ़ती हलचलों के बीच पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चुनाव को लेकर कई बातें साफ की हैं. उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव को हाई कोर्ट के कार्यक्रम के मुताबिक ही कराया जाएगा. इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. उन्होंने यह जानकारी पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी.
इसी सप्ताह आएगी आरक्षण नीति
पंचायती राज मंत्री ने भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ही चुनाव संपन्न कराए जाएंगे. आरक्षण नीति इस सप्ताह जारी होने के बाद आरक्षित पंचायतों की सूची तैयार हो जाएगी. उन्होंने बताया कि परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों की संख्या 59074 से घटकर 58194 रह गई हैं. इसके अलावा 75 जिला पंचायतों में 3051 वार्ड सदस्य चुने जाएंगे.
यह होगा फॉर्मूला
प्रत्येक ब्लॉक में एससी-एसटी पिछड़े और सामान्य वर्ग की आबादी अंकित करते हुए ग्राम पंचायतों की सूची वर्णमाला के क्रम में बनाई जाएगी. फॉर्मूले के अनुसार एससी-एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक पर अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में घटते क्रम में होगी. 2015 में जो पंचायत एससी-एसटी के लिए आरक्षित थी उन्हें इस बार एससी-एसटी के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा. इसी तरह अगर 2015 में पंचायत का प्रधान पद ओबीसी के लिए आरक्षित था तो इस बार उसे दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा. जानकारों की मानें तो नए नगरीय निकायों के गठन या सीमा विस्तार का आरक्षण पर असर दिख सकता है.
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