देश
PNB घोटाले में बड़ा खुलासा, नीरव मोदी की पत्नी ने हनी ट्रैप के जरिए फंसाए बैंक अधिकारी

पंजाब नेशनल बैंक में करोड़ो के घोटाले में हनी ट्रैप का इस्तेमाल किए जाने की खबर सामने आ रही है । अमर उजाला की खबर के मुताबिक सीबीआई सूत्रों का कहना है कि मुख्य आरोपी नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी ने पीएनबी के अधिकारियों को अवैध काम कराने के लिए हनी ट्रैप के जरिए फंसाया। अमरउजाला ने लिखा है कि तीन मॉडल की सेवा लिए जाने की बात सामने आई है। पूर्व सेवानिवृत्त अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी पीएनबी की ब्रीच कैंडी शाखा के उप प्रबंधक थे। सीबीआई ने सबसे पहले शेट्टी को धर दबोचा। उससे पहले शुक्रवार शाम को ही सीबीआई शेट्टी के पश्चिमी उपनगर में मलाड स्थित उसके घर की छानबीन भी की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नीरव ने पिछले साल आईपीओ के लिए बैंकर्स की नियुक्ति की थी और गीतांजलि जेम्स के नक्षत्र वर्ल्ड को आईपीओ के लिए पिछले साल नवंबर में बाजार नियामक आयोग सेबी से हरी झंडी भी मिल गई थी। आईपीओ लाने के बाद यह घोटाला उजागर होता तो निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता।
देश
संविधान, लोकतंत्र एवं भारत विषयक वेबिनार का युवा चेतना ने किया आयोजन

नई दिल्ली डेस्क : संविधान,लोकतंत्र एवं भारत विषयक वेबिनार का आयोजन युवा चेतना ने किया। वेबिनार का उद्घाटन करते हुए स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की संविधान और लोकतंत्र दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की लोकतंत्र में सब बराबर हैं और संविधान जनता का रक्षा कवच।
स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा की संविधान की रक्षा प्रत्येक भारतीय की जवाबदेही है। मुख्य अतिथि भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने कहा की जब विश्व के अन्य देश संविधान निर्माण की प्रक्रिया में थे तो भारतीय संविधान उनके लिए मानक था।न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा की संविधान नागरिकों के लिए प्रकाश पुंज है।लोकतंत्र में सरकार अगर ग़लत करती है तो संविधान जनता का सहायक होता है।
न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा की संविधान और राष्ट्र के प्रति सबको निष्ठा रखना चाहिए। वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा की प्रभु राम ने भी पत्नी का त्याग जनता को संतुष्ट करने हेतु किया था और देवी सीता ने भी जनता के मन में उत्पन्न द्वन्द को समाप्त करने हेतु प्रभु राम का सहयोग किया था।पूर्व में राजा और नेता जनभावनाओं के प्रति चिंतनशील होते थे परंतु अब स्थिति बदल गई है।
श्री सिंह ने कहा की हमारा संविधान हमें बराबरी का अधिकार देता है परंतु राष्ट्रपति के घर का बच्चा और गाँव में खेती करने वाले किसान का बच्चा एक जैसे विद्यालय में शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाता है।श्री सिंह ने कहा की 1952 से लेकर 2020 तक चुनावी मुद्दे नहीं बदले लोकतंत्र रोटी,कपड़ा और मकान से आगे नहीं निकल पाया।
श्री सिंह ने कहा की भारत के पुनर्निर्माण हेतु सबको आगे आना होगा।
वेबिनार को सम्बोधित करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जेपी सिंघल ने कहा की गरीब को ताकत भारतीय लोकतंत्र में संविधान से मिलता है। पूर्व सांसद विवेक गुप्ता ने कहा की हमारे संविधान में 125 बार संशोधन हुआ है।हमारा संविधान हर नागरिक को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देता है।
श्री गुप्ता ने कहा की सरकार को संयुक्त सूची पर विचार करना चाहिए।केंद्र सरकार को राज्य सरकारों को कुछ छूट देने की आवश्यकता है।
यूईटीआर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जेसी जैन ने कहा की लोकतंत्र की सुंदरता संविधान से ही है।
देश
डॉक्टर से IAS टॉपर्स की सूची में शामिल आनंद शर्मा से जानिए कैसे हासिल किया ये मुकाम !

यह हैं आनंद शर्मा. साल 2018 की यूपीएससी सीएसई एग्जाम में इनमा नाम टॉपर्स की सूची में नाम में शामिल था. आनंद शर्मा एमबीबीएस डॉक्टर थे, जिसके बाद यह यूपीएससी में आए. 2015 में इन्होने मुरादाबाद मेडिकल कॉलेज, दिल्ली से एमबीबीएस किया और इसके बाद से ही यूपीएससी सीएसई में लग गए. सफलता मिली चौथे प्रयास में. 2018 में. 62वीं रैंक हासिल की. दरअसल आनदं जब तीसरी बार टॉपर बने तो बीते हर साल में उनका निबंध में ग्राफ बढ़ता गया. ऐसे में अपने अनुभव के आधार पर वह निबंध लेखन और सेलेक्शन के बारे में कुछ टिप्स दे रहे हैं. डॉ. आनंद कहते हैं कि पेपर आने के बाद निबंध लिखने में जल्दबाजी न करें.
पहले सभी विषयों को अच्छे से पढ़ें और फिर सोचे की किस पर आप सबसे अच्छा इन पुट दे सकते हैं. वह कहते हैं कि पहले वह उन दो टॉपिक को हटा देते थे जिसमे उनके पास फॉर या अगेंस्ट में प्वॉइंट्स नहीं होते थे. इसके बड़े बचे हुए दो टॉपिक में फैसला कर सकते थे कि किस पर वह बढियां लिख सकते हैं. इसके बाद रफ में वह निबंध के फॉर और अगेंस्ट में जो कुछ भी आ रहा है उनके दिमाग में, वह सब लिख देते थे. और इसी के आधार पर वह आगे एक्सप्लेन करते थे. दरअसल फ्लो में लिखने के दौरान कुछ छूट न जाये, इसलिए वह ऐसा करते थे. निबंध के तीन हिस्से होते हैं. इंट्रोडक्शन, बॉडी और कॉन्क्लूजन.
आनंद कहते हैं कि इंट्रोडक्शन में कोई कोट लिख देने से अधिक प्रभाव पड़ता है. उन्होंने पहले ही मुख्य विषयों पर कोट तैयार किये हुए थे. वह कहते हैं कि अगर कोट नहीं भी मालूम तो आप किसी शानदार और प्रभावशाली लाइन से शुरुआत करें. बाद इसके अगले स्पेट में एक पैर में ऐस्से की समरी लिखते हैं. जिसमे यह बताते थे कि इस इससे में क्या-क्या है. एस्से के बॉडी में वह बिन्दुओं के अनुसार फॉर और अगेंस्ट दोनों एंगल्स लिखना चाहिए. साथ ही साथ उदाहरण भी दें.
रियल लाइफ का उदहारण हो तो और बेहतर. बाद इसके फैक्ट्स, फिगर्स, डेटा से लेकर कोट्स या जो भी हो, उसे लिखकर एस्से को वजनदार बनायें. इसके अलावा एस्से लिखने के दौरान समय बैलेंस्ड करके चले. वह बताते हों कि आपका एस्से का झुकाव फॉर की तरफ हो या अगेंस्ट की तरफ, जिस भी तरफ झुकाव हो, उसके विपरीत पॉइंट्स को भी लेकर चलें और ज़िक्र करें. चूँकि आप एक अधिकारी बनने के लिए एस्से लिख रहे हैं. ऐसे में एस्से का अंत पोजिटिव करें और समस्या का संभावित समाधान भी ज़रूर लिखें.
इसके अलावा वह कहते हैं कि एग्जाम से पहले खूब प्रैक्टिस करें. वह कहते हैं कि आपने जिस विषय पर एस्से लिखने की प्रैक्टिस की है अगर वही विषय एग्जाम में आ जाये तो हड़बड़ी में न रहें. बल्कि उसे अच्छी तरह पढ़ें और समझें कि उसमे क्या पूछा गया है. विषय से भटकना नहीं है.
देश
IIT के बाद IAS अफसर बनने वालीं रिद्धिमा ने बताया अपनी सफलता का मंत्र, ऐसे हुईं सफल

आज हम आपको रिद्धिमा श्रीवास्तव की सफलता का राज़ बताने जा रहे हैं जिसकी बदौलत वह आज इस मुकाम तक पहुंची हैं. उन्होंने 2019 में 74वीं रैंक हासिल की है और आज वह एक आईएएस अफसर बन चुकी हैं. हालाँकि यूपीएससी के एग्जाम में उनका पहले प्री भी नहीं निकल पाया था लेकिन इससे वह निराश नहीं हुईं.
बता दें कि पहले प्रयास में वह महज़ 2 या 3 अंक से ही पीछे रह गयी थी. वह बताती है कि इसके बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत जारी रखी. अपनी गलती को सुधार और एक साल फिर जुट गईं तैयारी में. उन्होंने बताया कि उनके दो बड़ी गलती हुई. पहली ये कि उन्होंने OMR सीट को लास्ट में फील करना शुरू किया.
इसके अलावा दूसरी यह कि वह टाइम मैनजेमेंट नहीं कर पाई. उन्होंने इसके बाद यह सोच कर तैयारी नहीं की कि वह घर में हैं. बल्कि उन्होंने सोचा कि वह एग्जाम हाल में हैं और ऐसा करने उन्हें वैसे ही अनुभव हुआ जैसा एग्जाम के दौरान होता है. इसके अलावा वह बताती हैं कि तैयारी के दौरान पिछले साल के एग्जाम पेपर को जरुर देखना चाहिए. उन्होंने बताया कि इससे बहुत मदद मिलती है.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमें पढ़ाई के दौरान सोर्स को लिमिटेड रखना चाहिए और बार बार इसे पढना चाहिए. उन्होंने बताया कि कम से कम तीन बार तो इसे ज़रूर पढना चाहिए. उन्होंने कहा कि रिवीज़न करने में जैसे आप कम्फर्टेबल हैं वैसे करें. इसके अलावा वह अपने सफलता के मन्त्र में सोषा मीडिया से दूरी बनाने पर जोर देती हैं.
-
बलिया2 weeks ago
बलिया- मंत्री के सामने महिलाओं की जमकर पिटाई, महिलाओं का आरोप मंत्री आनंद शुक्ल ने भी छोड़ा हाथ !
-
featured2 weeks ago
तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा बलिया के बीएसएफ जवान का शव, मचा कोहराम !
-
featured1 week ago
बलिया जिले में आज रात से नाइट कर्फ्यू, जानें 10 बड़ी बातें !
-
featured4 days ago
पूरे यूपी में रविवार को लॉकडाउन का एलान, ग्रामीण क्षेत्रों में भी रहेगी बंदी
-
बलिया स्पेशल2 weeks ago
बलिया – सपा ने घोषित की 18 समर्थित जिला पंचायत प्रत्याशियों की सूची
-
बलिया स्पेशल2 weeks ago
बलिया में कोरोना ने पकड़ी रफ़्तार, 30 इलाके को किया गया हॉट स्पॉट घोषित, सीयर में 11 मरीज मिलने से हड़कंप !
-
featured3 weeks ago
बलिया की सुरभि श्रीवास्तव का प्रदेश लोक सेवा परीक्षा में चयन
-
बलिया स्पेशल1 week ago
बलिया- जिला मजिस्ट्रेट अदिति सिंह ने 11 को किया जिला बदर