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बलिया- मंत्री का वादा निकला हवा-हवाई, विकिपीडिया पर अभी भी ग़लत दर्ज है मंगल पांडेय की जन्म-तिथि !

बलिया डेस्क : पहली जंगे आज़ादी के हीरो रहे मंगल पांडेय का जन्म कब हुआ था, इस बात की जानकारी अगर आप विकिपीडिया से लेते हैं तो आप भ्रमित हो सकते हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि विकिपीडिया पर मगल पांडेय की जन्म-तिथि ग़लत दर्ज है।
विकिपीडिया पर मंगल पांडेय की जन्म-तिथि 19 जुलाई 1827 दर्ज है, जबकि जानकारों एवं किताबों के मुताबिक़, मंगल पांडेय का जन्म 30 जनवरी 1831 में हुआ था। इतना ही नहीं विकिपीडिया के हिंदी पेज पर पहले तो मंगल पांडेय के जन्म स्थान के बारे में भी ग़लत सूचना दर्ज थी।
विकिपीडिया के हिंदी पेज पर पहले मंगल पांडेय का जन्म स्थान फैज़ाबाद लिखा था, जिसे अब सही कर बलिया कर दिया गया है। लेकिन जन्म तिथि को लेकर की गई ग़लती को अभी तक नहीं सुधारा गया है। जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
विकिपीडिया पर दर्ज इस ग़लती को सुधारे जाने की मांग काफी लंबे समय से हो रही है। लोगों की इस मांग को देखते हुए योगी सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने वादा भी किया था कि वह इस ग़लती को ठीक करा देंगे।
पिछले साल जुलाई में शुक्ल ने कहा था कि उन्होंने व्यक्तिगत रुप से गूगल के मुख्यालय से संपर्क किया है और ग़लती को सुधारने का अनुरोध किया है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि योगी सरकार की तरफ से भी जन्मतिथि को सही करने के लिए पहल की जायेगी और ये सुनिश्चित किया जायेगा कि भविष्य में शहीद मंगल पांडेय की जयंती को लेकर कोई भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हो।
शुक्ल के इस वादे को एक साल पूरे हो चुके हैं। आज 30 जनवरी को देशवासी शहीद मंगल पांडेय की जयंती मना रहे हैं, लेकिन विकिपीडिया पर अभी भी मंगल की जन्म-तिथि 19 जुलाई 1827 दी दिखाई दे रही है। यानी मंत्री शुक्ल के वादों के बावजूद भी ग़लती को अभी तक नहीं सुधारा गया है। क्या मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल को ग़लती में सुधार न होने की ज़िम्मेदारी लेते हुए बलिया के लोगों से माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए? वहीँ आज जब बलिया खबर की टीम ने मंत्री से इस बाबत बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया ।
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बलिया में नामांकन के पहले दिन जमकर उड़ी सोशल डिस्टेंस की धज्जियां, नहीं दिखी कोई व्यवस्था

बलिया डेस्क: नामांकन का पहला दिन और साथ में शुरू हुए नवरात्रि के पहला दिन, ऐसे में प्रत्याशी पहले देवी मंदिरों पर जाकर मत्था टेंके फिर अपने समर्थकों के साथ नामांकन करने पहुंचे। इस दौरान देवी मंदिरों में जहां प्रत्याशी तथा उनके समर्थकों की भारी भीड़ देखी गई।
वहीं जिला मुख्यालय सहित जनपद के सभी ब्लाक मंगलवार को खचाखच भरा रहा। मजे की बात यह रही कि पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी अपने पुत्र आनंद चौधरी के साथ सिटी मजिस्ट्रेट के कोर्ट पहुंचे और उन्होंने पहला नामांकन पत्र दाखिल किया। उसके बाद सपा के जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव की पत्नी रंजू देवी नामांकन के लिए पहुंची।
इनके साथ पूर्व मंत्री नारद राय व राजमंगल यादव मौजूद रहे। वहीँ वार्ड नम्बर 24 से मरगूब अख्तर तो वार्ड नंबर 16 से नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के पुत्र रणजीत चौधरी ने नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह, सच्चितानंद तिवारी ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन के पहले दिन भाजपा, कांग्रेस सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी, जन अधिकार पार्टी, सुभासपा सहित अन्य राजनैतिक दलों के घोषित प्रत्याशियों ने नामाकन पत्र दाखिल किया।
नामांकन के दौरान टीडी कालेज चौराहा स्थित जिला मजिस्ट्रेट के मुख्य द्वार पर पुलिस का पहला लगा रहा। अंदर प्रवेश करने वाले एक प्रत्याशी व एक प्रस्तावक को बकायदे चेक करने के बाद उन्हें जानें की अनुमति दी गई। जिलाधिकारी कार्यालय, अपर जिलाधिकारी कार्यालय, मुख्य राजस्व अधिकारी कार्यालय, उपजिलाधिकारी कार्यालय, अपर जिलाधिकारी कार्यालय, सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय व उप चकबंदी न्यायालय में वार्ड नंबर एक से ५८ तक क्र प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया।
जमकर उड़ी सोशल डिस्टेंस की धज्जियां
नामांकन स्थल पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिसके चलते लोग कतारबद्ध तरीके से नामांकन पत्र दाखिल करते रहे। करीब सभी अधिकारियों के कोर्ट में सोशल डिस्टेंस का पालन ठीक से नहीं कराया गया। कारण यह भी है कि प्रत्याशियों के भीड़ के आगे प्रशासन को भी पीछे हटना पड़ा। सुबह से शाम तक प्रत्याशियों व प्रस्तावक की भीड़ लगी रही। अंदर और बाहर भीड़ के चलते महिलाएं पूरी तरह से कोरोना संक्रमण से भयभीत रहा। देरतक खड़े होने के बाद अधिकतर कई प्रत्याशी जमीन पर बैठ गए। अंदर-बाहर भीड़ को देख पुलिस को भी पीछे हटना पड़ा।
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बलिया के अभिनव ने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) में हासिल की 38वीं रैंक

बलिया। बलिया के अभिनव कुमार सिंह ने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) में 38वां स्थान हासिल किया है। उनकी इस कामयाबी से न सिर्फ़ उनके परिवार बल्कि पूरे बलिया जिले का नाम रौशन हुआ है। सभी इस कामयाबी के लिए उन्हें बधाई दे रहे हैं।
आपको बता दें कि अभिनव की माँ शिक्षा क्षेत्र पंदह के कम्पोजिट विद्यालय जिमीचक पर बतौर शिक्षामित्र तैनात हैं और पिता पंकज सिंह पीएचसी पूर के फार्मासिस्ट हैं।
जनपद के पूर निवासी अभिनव कुमार सिंह शुरू से ही मेधावी रहे है। 10वीं तक की शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल धरहरा व इंटरमीडिएट की शिक्षा सनबीम वाराणसी से पूरी करने के बाद अभिनव ने NIT जयपुर से बीटेक की पढ़ाई की। प्रतिभा के धनी अभिनव को यह सफलता पहले ही प्रयास में मिली है।
घर से मुख्य परीक्षा की तैयारी कर भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में सफलता अर्जित करने वाले अभिनव की कामयाबी पर विशिष्ट बीटीसी वेल्फेयर एसोसियेशन पन्दह के अखिलेश कुमार सिंह व उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला प्रभारी पंकज सिंह ने बधाई दी है।
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बलिया के शिशिर सिंह को मिली बड़ी कामयाबी, यूपी पीसीएस में हासिल की चौथी रैंक

बलिया। यूपी पीसीएस 2020 का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। यूपीपीएससी पीसीएस 2020 परीक्षा में दिल्ली की संचिता ने किया टॉप है। जबकि टॉप-10 में बलिया के शिशिर कुमार सिंह ने परचम लहराया है।
कौन हैं शिशिर सिंह
बलिया शहर के हरपुर मोहल्ला निवासी ने अपनी कड़ी मेहनत से पीसीएस परीक्षा में चौथी रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया है। इससे जिले में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है। शिशिर सिंह के पिता मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का कार्य करते हैं।
बलिया केंद्रीय विद्यालय में दसवीं तक की पढ़ाई करने वाले शिशिर ने डीपीएस बोकारो से भी पढाई की है। वहां पर 10वीं और 12वीं परीक्षा पास करने के बाद एसएन आईआईटी में दाखिला ले लिया। इसके बाद पीसीएस की तैयारी में लग गये। पहली कोशिश में ही वे टॉप टेन में आ गए। उन्होंने बताया कि रिजल्ट से ज्यादा ध्यान तैयारी पर युवाओं का होना चाहिए। रिजल्ट आने के बाद सबको खुशी होती है लेकिन आगे प्रशासनिक सेवा में बेहतर काम करने के बाद बधाई मिले तो उसे ही असली खुशी माना जाता है। ऐसा भी होता है की रिजल्ट में कामयाब नहीं होने वाले बेहतर प्रशासक हो सकते हैं।
यहां देखें टॉप-10 परीक्षार्थियों के नाम-
1. संचिता (नई दिल्ली)
2. शिवाक्षी दीक्षित (लखनऊ)
3. मोहिर रावत ( हरियाणा)
4. (बलिया)
5. उदित पनवार (मेरठ)
6. ललित कुमार मिश्रा (प्रयागराज)
7. प्रतीक्षा सिंह सिंह (गाजियाबाद)
8. महीमा (अमरोहा)
9. सुधांशु नायक (गोरखपुर)
10. नेहा मिश्रा (बाराबंकी)
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