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ताजमहल की ये बातें आपको नहीं पता होंगी, पढ़कर चौंक जायेंगे आप

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दुनिया के सात अजूबों का नाम सुनते ही सबके दिमाग में दुनिया की मशहूर इमारतों में से एक ताजमहल का चित्र उभर कर आ जाता है . इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था इसीलिए इसे पूरी दुनिया में प्यार के प्रतीक की नजर से देखा जाता है . इस पोस्ट के जरिए आज हम आपको कुछ ऐसे आश्चर्यजनक तथ्यों के बारे में बताएंगे जिसे अक्सर लोग नहीं जानते हैं . दोस्तों ताजमहल के तामीर होने में जमुना नदी का होना भी एक अहम योगदान है ताज महल की नींव एक ऐसी लकड़ी पर बनी हुई है जिसे मजबूत रहने के लिए तरी की जरूरत होती है . यदि यमुना नदी बगल में नहीं होती तो ताजमहल में लगी लकड़ीया कमजोर हो जाती .

यमुना नदी की वजह से लकड़ियों को पानी मिलता है जिससे वह मजबूत रहती हैं .दोस्तों एक दूसरा तक चल यह है ताजमहल की जो मीनारें हैं वह गुंबद के ऑपोजिट साइड झुकी हुई है ताकि किसी प्राकृतिक आपदा के कारण जैसा कि भूकंप और बिजली गिरी जैसी आफत या ताज महल खुद कमजोर हो जाने की वजह से यह मीनारें गिरे तो गुंबद की तरफ ना गिरे .

दोस्तों एक तथ्य यह भी है कि कुतुब मीनार से लंबा है ताजमहल वैसे तो कुतुब मीनार की लंबाई 72.5 मीटर है ताजमहल की लंबाई 73 मीटर है . दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे तथ्य के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आप चौक जायेंगे . ताजमहल पर लगे हुए सभी फव्वारे एक ही साथ काम करते हैं इन सभी परिवारों के नीचे 11 जन की लगी हुई है जिसमें पानी भरते ही हवारे शुरू हो जाता है.

हैरानी की बात तो यह है कि बिना किसी मशीन या किसी मोटर की यह फव्वारे चलते हैं पानी के दबाव से .एक आखरी तक तथ्य जिसे इस दौर में शायद ही कोई जानता हो दोस्तों द्वितीय विश्वयुद्ध और भारत चीन के बीच हुए युद्ध और भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के समय ताजमहल को बांसों से घेरकर हरे रंग की चादर से ढक दिया गया था ताकि ऊपर से ही दिखाई ना दे और इस पर हमला ना हो सके .

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बलिया:

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

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