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VIDEO: तीन साल तक अपने शौहर कि लाश के साथ सोने वाली पागल मलिका कि कहानी,पहले कभी नहीं देखा था

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हम आज एक ऐसी मल्लिका कि बात करेंगे जसी यूरोप में पागल कहा जाता है वही कुछ लोग इसे इश्क कि एक आला तरीन मिसाल जानते है . ये वो मल्लिका है जिसे कुदरत ने दुनिया की बड़ी बड़ी बादशाही बिना किसी जद्दो जहद के अता की लेकिन ना उसे किसी बादशाहत कि चाहत थी ना किसी खजाने का लालच . इसकी ज़िन्दगी का महवर सिर्फ एक शख्स था जिसके खातिर मल्लिका ने अपनी हस्ती को फना कर दिया . ये कहानी है जोआना ऑफ़ कैसटाइल की . जिसे यूरोप में जोआना दी मैड यानी पागल जोआना भी कहा जाता है . ये वो पहली मल्लिका थी जिसने मुकम्मल स्पेन पर हुकूमत की . उसकी माँ एज़ाबिला ऑफ़ कैसटाइल और इसके बाप फ़रडीनेंट ऑफ़ एरोगोन कि शादी स्पेन से मुसलमानों के मुकम्मल खात्मे का सबब बनी .

इसकी माँ ही वो मुसलमान दुश्मन मल्लिका थी जिसने बज़ोरे तलवार से उन्दुलस यानी स्पेन से मुसलमानों का नामो निशान ही मिटा दिया लेकिन जसी सल्तनत पर हुकमरानी के खातिर मल्लिका ने हज़ारो मुसलमानों का क़त्ल किया इसकी पांच औलादों में से कोई भी इस तख़्त पर ना बैठ सका . चार इससे कब्ल ही मौत का शिकार हुए जबकि पांचवी औलाद यानी जोआना ऑफ़ कैसटाइल आतिश-ए-इश्क का शिकार हो कर पागल हुई .

आयी कुछ रौशनी डालने है जोआना ऑफ़ कैसटाइल कि ज़िन्दगी पर . जोआना 1479 ई. में पैदा हुई ये सुनहरे बालो वाली एक इन्तेहाई खूबसूरत लड़की होने के साथ साथ इन्तेहाई ज़हीनो फतींन भी थी . जोआना ऑफ़ कैसटाइल ने अपने दौर के बेहतरीन उस्तादों से तालीम हासिल की थी जबकि वो कई ज़बाने बोलने में भी महारत रखती थी . उसे शाही उस्तादों कि निगरानी में घुड़सवारी, मौसिकी और दीगर चीज़े सिखाई गयी . वो एक ऐसी लड़की थी जिसे यूरोप का हर लड़का अपनी मल्लिका बनाने का ख्वाब देखा करता .

जब वो 16 साल कि हुई तो इसकी शादी ऑस्ट्रिया के शहजादे फिलिप से तय कर दी गयी . इस नौजवान के खूबरू होने का अंदाजा आप इसको मिलने वाले ख़िताब से लगा सकते है . 22 हज़ार अफराद पर मुश्तमिल एक शाही बेड़ा इस शादी के लिए बेल्जियम रवाना हो गया . 3 महिना समुंदरी सफ़र करने के बाद ये काफिला फिलिप के मुल्क पंहुचा . जब जोआना और फ्लिप की पहली मुलाकात हुई तभी से ये दोनों एक दुसरे से मिलने के लिए तड़पने लगे . यूरोपीय जानकार के मुताबिक इनके बीच जिस्मानी ताल्लुकात पहले दिन हीओ कायम हो गये ….. आगे जानने के लिए निचे दी हुई विडियो देखें :

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बलिया:

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

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