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उलेमा के ऐश और इशरत कि हकीकत, कहाँ से आता है इतना पैसा… देखिये विडियो.

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दोस्तों अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाहि व बरकातहू दोस्तों मौलाना तारिक मसूद साहब अपने एक बयान में फरमाते हैं कि मैं जब तालिब इल्म था यानी कि जब तालीम हासिल कर रहा था और जब मैं मदरसे में आया तो कोई मजा नहीं था कोई जानता नहीं था मेरे उस्ताद ने मुझे 4 आदमियों में बयान करने को कहा मैंने बहुत ही टूटा फूटा था बयान किया तो मेरे उस्ताद ने कहा कि उस वक्त तुम्हारा क्या हाल होगा जब हजारों लोग तुम्हारा बयान सुनेंगे तो मुझे लगा कि यह कोई लतीफा सुना रहा है जाहिर सी बात है कि मैं यह सोच रहा था कि हमारा बयान कौन सुनेगा मौलवियों की कौन सुनता है हम तो किसी मस्जिद में इमामत कर रहे होंगे.

बस यही मेरी एक्टिविटी होगी यहां तक कि हम अपने मदरसे में बाथरूम को साफ किया करते थे हालांकि अगर हमारी उस्ताद चाहते हैं तो वह एक भंगी रख सकते थे जो टॉयलेट को साफ करें लेकिन हमारे उस्ताद ने कहा कि अगर तुम लोगों को इल्म सीखना है तो अपनी अना को खत्म करना होगा मौलाना कहते हैं कि हमने कभी अपनी जिंदगी में अपने घर का टॉयलेट नहीं साफ किया ना पहले किया था ना अब किया लेकिन अपने मदरसे का हमें टॉयलेट साफ करना पड़ता था.

बुजुर्गों की चप्पले हम से सीधी कराई जाती थी और उस्ताद हमें डांटते थे लेकिन फिर भी हम उनसे अच्छी तरह पेश आते थे हम उसे कभी बदतमीजी नहीं करते थे और यह भी नहीं कि हम ऊपर ऊपर से जबरदस्ती उसे तमीज से बात करते थे बल्कि हम यह सोचते थे कि बस यही सही है क्योंकि वह हमारे बुजुर्ग है वह हमें मार सकते हैं डांट सकते हैं और वह हमारे उस्ताद है लेकिन हम अपने उस्तादों को देखते थे कि वह बहुत खुश है और बहुत अमीरी में जिंदगी गुजारते थे लाखों लाखों रुपए का इत्र लगाते थे और एयर कंडीशन रूम में बैठते थे उनका दफ्तर बहुत खूबसूरत हुआ करता था और हम उनको देखते थे और कहते थे कि देखो हम दाल खा रहे हैं और यह क्या क्या खाते हैं.

तो उस वक्त हमारे ओल्मा ने हमें एक बात समझाई थी कि अगर बुजुर्गों का आखिरी वक्त देखोगे तो गुमराह हो जाओगे बुजुर्गों की पिछली जिंदगी देखा करो मौलाना ने बताया कि हमारे हजरत ने 60 साल तक रोजाना दाल खाई है पैसे नहीं होते थे अंडे खाने के और फरमाते हैं कि इस गुरबत में हम ऐसे रहते थे जैसे मुल्क के बादशाह हो।। आगे देखें वीडियो में।।

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बलिया:

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

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