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एक जनाज़े का अजीब वाक्या, कफ़न के साथ पुराना मोज़ा पहनी हुई…
मेरे अज़ीज़ों हो कुछ वाक्यात , किस्से, कहानियां हमारी जिंदगी में इसलिए आते हैं ताकि हम उससे सबक हासिल कर सके .दोस्तों ऐसे ही एक कहानी आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए बताएंगे .काफी पुरानी बात है एक शहर में एक रईस बंदा रहता था अल्लाह का दिया हुआ उसके पास सब कुछ था . अल्लाह सुब्हानहु ने उसको दौलत इज्जत जमीन जायदाद हर तरह की नेमत से उसे नवाज़ा था . इन सब के बावजूद यह शख्स एक नेक, परहेज़गार, अल्लाह पर तवक्को रखने वाला और इबादत गुजार शख्स था . अपनी दौलत को लोगों की मदद गरीबों की मदद बेसहाराओं का सहारा बनने में खर्च करता था .
इस शख्स का एक बेटा था जो अपने अब्बा से बिल्कुल पलट था . बेटा निहायत ही घमंडी और अय्याशबाज था . रईस शख्स हमेशा अपने बेटे को अपनी औलाद को समझाता रहता था कि दुनिया की मालो दौलत पर घमंड मत करो. मत भूलो यह दौलत अल्लाह की तरफ से आजमाइश है इसलिए इस दौलत में गरीबों मिस्कीनो और यतीमो का हिस्सा रखा करो क्योंकि बेटा एक दिन यह माल दौलत यही रह जाएगा और तेरे साथ तेरे अमल के सिवा कफन जाएगा रईस के बेटे पर माल और दौलत का गुरूर इतना चढ़ चुका था कि वह अपने बाप की एक ना सुनता था .
एक दिन ऐसा आया कि उसे वही शख्स की तबीयत खराब हो गई तमाम इलाज और तमाम कोशिशों को करने के बाद भी उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं आया हालत यह हो गई अब वह बिस्तर पर ही रहने लगा . एक दिन रईस शक्स ने अपने मुंशी को बुलाया और उसे एक लिफाफा दिया और उससे कहा यह लिफाफा मेरे बेटे को उस वक्त देना जब मेरा जनाजा कब्रिस्तान में रखा जाए. मुंशी ने हुक्म की तामील की .
मौत से कुछ देर पहले रईस ने अपने बेटे को बुलाया और कहा बेटा मेरी एक ख्वाहिश है ख्वाहिश यह है कि जब मैं मर जाऊं तो मुझे मेरे पुराने मोजे पहनाकर दफन करना बेटा मुझे उम्मीद है तुम मेरी ख्वाहिश जरूर पूरी करोगे . बाप ने बेटे से वादा लिया बेटे ने बाप को यकीन दिलाया कि हम आपकी यह ख्वाहिश जरूर पूरी करेंगे . उसके कुछ ही देर के बाद उस रईस शख्स का इंतकाल हो गया .
मय्यत को घुसल दिया गया और कफ़न पहनाते समय बेटे ने बाप को किए हुए वादे के मुताबिक पुराने मोज़े पहना दिया . काफी लोग जनाजे में आएं और नमाज़-ए-जनाज़ा होना था नमाजे जनाजा के लिए शहर के सबसे बड़े मौलवी को बुलाया गया मौलवी को जब पता चला की मय्यत को पुराना मोजा पहनाया गया है तो मौलवी ने जनाजा पढ़ाने से इंकार कर दिया मौलवी ने कहा यह बात शरीयत के खिलाफ है पहले पुराने मोजे को उतारा जाए मौलवी की यह बात सुनकर बेटे ने इंकार कर दिया और कहा कि यह मेरे अब्बा की आखरी ख्वाहिश थी हम इसे नहीं उतार सकते हैं . रईस के बेटे ने कहा हम अब्बा की यह ख्वाहिश जरूर पूरी करेंगे सभी लोग रईस के बेटे को समझा रहे थे लेकिन कब्रिस्तान में एक मसला खड़ा हो गया था मौलवी जनाजा पढ़ाने को तैयार नहीं थे और बेटा पुराना मोजा उतारने को तैयार नहीं था .
रईस के बेटे ने शहर के बड़े-बड़े मौलवियों से संपर्क किया और कहा उनसे जनाजा पढ़ाने को और इसके बदले में उसने पैसे की लालच भी दी लेकिन शहर का कोई भी मौलवी तैयार नहीं हुआ उसके अब्बा का जनाजा पढ़ाने को . हर एक मौलाना ने यही कहा कि मय्यत के साथ सिवाय कफन के कोई और चीज नहीं जा सकती इसलिए हम यह जनाजा नहीं पढ़ा पाएंगे . कब्रिस्तान में लोगों का और मौलानाओं का हुजूम लगा हुआ था हर शख्स हैरान था कि रईस ने कैसी ख्वाहिश जाहिर की है . इतने में तमाम हुजूम को चीरते हुए मुंशी खत लेकर सामने आया . मुंशी ने बेटे को दिया और कहा कि उसके अब्बा ने कहा था यह खत मेरे बेटे को उस वक्त देना जब मेरा जनाजा रखा जाए .
रईस के बेटे ने खत खोला उसमें लिखा था मेरे प्यारे बेटे मैं अपने वक्त का सबसे अमीर तरीन शख्स था इज्जत थी पैसा था लेकिन देखो तुम आज मैं अपने साथ एक फटा पुराना मौजा भी नहीं ले जा सकता बेटे मैं वसीयत करता हूं कि जो दौलत मैं छोड़ कर जा रहा हूं उसमें गरीब मिस्कीन और यतीम का हिस्सा रखना क्योंकि आखिरी में तुम्हारे साथ सिर्फ कफ़न ही जाएगा . कभी गुरुर मत करना क्योंकि यह दौलत सब दुनिया में ही रह जाएंगी . खत पढ़ते ही रईस का बेटा ज़ारो कतार रोने लगा. अब बातें पुरानी मुझे उतारा और नमाज़े जनाज़ा हुई अब्बा को दफनाने के बाद रईस का बेटा घर गया और उसने सारी माल और दौलत तमाम जागीरो को गरीब मिस्कीन और यतीम में बांट दिया अपने रहने के लिए सिर्फ एक छोटा सा मकान रखा .
दोस्तों जैसा कि शुरू में बताया कि हर कहानी हर बात पर हम लोगों की जिंदगी में इसलिए आते हैं कि उन से कुछ सबक हासिल करें तो दोस्तों हम लोगों को भी अपने माल व दौलत में से गरीब मिस्कीन और यतीम का हिस्सा देना चाहिए उनकी मदद करना चाहिए उनका ख्याल रखना अल्लाह से दुआ है अल्लाह हमें और आपको मैं कमल करने वाला बनाए .
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बलिया:
बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।
इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।
इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।
इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।
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