Connect with us

Uncategorized

जब हज़रत बिलाल की खुजूरें कोई ख़रीदता ना था, फिर अल्लाह के रसूल ने फ़रमाया ये खुजूर…

Published

on

दोस्तों आज आप को एक ऐसा वाक़्या बताने जा रहे है जी एक इबरतनाक वाक़्या है, शहर का माहौल सा था, के एक आदमी ने एक बाग़ के झाड़ झंकार से खजूरें चुनें, गोया ऐसी खुजूर थी जो सिर्फ शहर के इसी बाग़ में लगी थी, लेकिन लोगों को इस खुजूर से कोई रग़बत ना थी, इसलिए कि उस खुजूर में वो नरमी नहीं थी, ना उसका वो ज़ायक़ा था, रंग भी इंतिहाई गहरा और दाना भी बहुत छोटा था.

वो ग़रीब आदमी जिसकी नाक मोटी, आंखें छोटी, रंगत स्याह, चलता तो टांगे अटक अटक जातीं, बोलता तो ज़बान में लड़खड़ाहट होती, ग़ुरबत से ग़ुरबत की नस्ली ग़ुलाम रहा था, खुजूरें झोली में डाले शहर में फरोख्त करने की कोशिश कर रहा था, इस बाग़ का ये आखरी फल था, जो इस आदमी की झोली में था लेकिन शहर में कोई इन खुजूरों का तलबगार नहीं था, यहां तक के एक शख़्स ने यूँ आवाज़ लगाई, ऐ बिलाल ये खुजूर तो तुझ जैसी ही काली है और खुश्क भी, वो ग़रीब दिल का आबगीना ठेस खा गया, आँखों से आंसू रवां हो गए.

बीलाल हब्शी खुजूर समेटकर बैठे रहे, की ऐसे में वहां से उसका गुज़र हुआ, जो टूटे दिलों का सहारा है, जिसने मिस्कीनों को इज़्ज़त बख्शी, वो जिसका नाम ग़मज़दा दिलों की तस्कीन है, वो जो ग़रीबों का मसीहा है, वो जो बिन ज़बान के जानवरों के लिए रहमत है, वो जिसकी सब्र और इस्तेक़ामत दुनिया के मिसाल है, वो जिसको अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त ने इस तमाम आलम के लिए रहमत बनाकर भेजा, हां वहीं मुहम्मद मुस्तफ़ा,

मुहम्मद-ए-अरबी अलैहिस्सलाम, आपने बिलाल रज़िअल्लाह अन्हु से सब माज़रा पूछा तो, आप लोगों से यूँ मुख़ातिब हु और फ़रमाया,“ऐ लोगों ये खुजूर “अज्वा” है ये दिल की मर्ज़ वालों के लिए शिफा है, ये फालिज़ के लिए शिफा है, ये सतर-ए-इमराज़ के लिए शिफा है, और लोगों ये खुजूरों की सरदार है, और फिर फ़रमाया जो इसे खा ले उसे जादू से अमान है, फिर क्या था? मंज़र बदल गया वो बिलाल रज़िअल्लाह अन्हु जिसके पास चंद लम्हे पहले तक झाड़ झंकार था, अब रसूल-ए-खुदा मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उसे ग़नी कर दिया,

फिर रावी लिखते हैं कि,” लोग बिलाल की मिन्नतें करते और बिलाल किसी मचले हुए बच्चे की मानिंद आगे आगे भागते, तारीख़ गवाह है, के वो जिसे कभी दुनिया झाड़ झंकार समझ रही थी, बिलाल रज़िअल्लाह अन्हु की झोली में आकर और मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ज़बान-ए-मुबारक का सदक़ा है कि आज भी “अज्वा” तमाम खजूरों की सरदार है.

Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uncategorized

बलिया:

Published

on

बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

Continue Reading

Uncategorized

dfghdfg

Published

on

dfgdfg

Continue Reading

Uncategorized

sdfasd

Published

on

asdasd

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!