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वो ज़ालिम बादशाह जिसने इरान को सुन्नी से शिया में तब्दील कर दिया

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दोस्तों अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाह व बरकातहू आज हम आपको एक ऐसे बादशाह के बारे में बताएंगे जो बहुत ही कम उम्र में दुनिया से विदा होगा और उसने बहुत ही कम वक्त हुकूमत की लेकिन इस बाद शाह ने दुनिया पर अपनी ऐसी गहरी निशानदेही छोड़ी है कि उन्हें कभी मिटाया ना जा सकता है आप लोगों को यह बात जानकर हैरानी होगी १६५१ ईसवी में हजरत उस्मान गनी रजि अल्लाह ताला अनु के दौर में ईरान की फतेह होने से लेकर सन 1510 ईस्वी तक ईरान एक सुन्नी अक्सरियत मुल्क था शिया मौजूद थे लेकिन इनकी तादाद बहुत कम थी.

और फिर 1487 ईस्वी में शाह स्माइल पैदा हुआ इसके खानदान का ताल्लुक सफ़वी एक सूफी से था इनके वालिद एक सूफी थे जो अर्डबेल नामी शहर में रहा करते थे जबकि शाह इस्माइल के मा का ताल्लुक जोजिया के शाही खानदान से था शाह इस्माइल सफवी इस सूफी सिलसिले के आखिरी पीर साबित हुए क्युकी उन्होंने अपनी पीरी को बादशाहत का रंग दे दिया और बुनियाद रखी साफ़वी सल्तनत की जिसका शुमार दुनिया की बड़ी और अहम सल्तनत में होता है.

एक जंग के दौरान शाह इस्माईल के वालिद मारे गए और एक सल्तनत ने इनके शहर पर कब्जा कर लिया और इस कब्जे में शाह इस्माईल के बड़े भाई अली मुर्तजा शहीद हो गए जबकि शाह इस्माईल जो उस वक्त 7 साल का था वह गिलान की तरफ रवाना हुआ केवल 12 साल की उम्र में वह अपने मुरीदियो से और काफी जगहों के लोगों को जोड़ कर एक बड़ी फौज खड़ा कर दिया.

कम उम्र और ना तजुर्बे के बावजूद उसने शाज़ात और जहनात के दम पर बकू और शिरवान पर कब्ज़ा कर लिया इसके बाद तबरेज नामी शहर को पता करके सबसे ताकतवर सल्तनत को तबाह कर दिया 1530 ईस्वी तक हर तरफ अपनी सरहदों को बढ़ा लिया शाह इस्माईल की सबसे खतरनाक जंग बुखारा के सबसे ताकतवर हुक्मरान शिबानी खान से हुई शाह इस्माईल ने सिर्फ 17000 की फौज से उसकी 27000 फौज को शिकस्त दे दिया।। आगे देखें वीडियो में।

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बलिया:

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

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