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बलिया में 7 साल पहले हुए हत्याकांड में अभियुक्त को आजीवन कारावास
बलिया में अखिलेश हत्याकांड मामले में सुनवाई करते हुए अभियुक्त धीरज सिंह उर्फ मुनमुन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को 30 हजार के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। जुर्माना न भरने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।
बता दें कि अपर सत्र न्यायाधीश हुसैन अहमद अंसारी की अदालत ने बुधवार को सुखपुरा थाना क्षेत्र में वर्ष 2016 में हुए अखिलेश हत्याकांड में सुनवाई करते हुए अभियुक्त धीरज सिंह उर्फ मुनमुन सिंह पुत्र स्व. रजवंत सिंह निवासी सुखपुरा के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाया। वादी मुकदमा अनिरुद्ध सिंह पुत्र स्व. सतन सिंह निवासी सुखपुरा ने एफआईआर दर्ज कराया था कि उनके पुत्र अखिलेश सिंह (35) यतीनाथ स्थान में चैता मुकाबले को देखने गया था।4 अप्रैल 2016 को मुकदमे की रंजिश की वजह से धीरज सिंह उर्फ मुनमुन सिंह ने अखिलेश के सिर में कट्टे से गोली मार दी थी। अखिलेश सिंह को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान विवेचना विवेचक ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।
मामले में अभियोजन की तरफ से प्रस्तुत समस्त साक्ष्यों का सम्यक परिशीलन करने और अभियोजन के तरफ से विनोद कुमार भारद्वाज सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बह, सुनने के बाद अभियुक्त धीरज सिंह उर्फ मुनमुन सिंह के खिलाफ दोष साबित पाया। अभियुक्त को आजीवन कारावास एवं 30 हजार के अर्थदंड से दंडित किया।
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बलिया में नए सिरे से होगी गंगा पुल निर्माण में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच, नई टीम गठित
बलिया में गंगा पुल के निर्माण में हुए घोटाले के मामले से जुड़ी बड़ी अपडेट सामने आई है। अब निर्माण में हुए करोड़ों के घपले की जांच के लिए नई समिति गठित की जाएगी। समिति नए सिरे से पूरे मामले की जांच करेगी। बता दें कि विधानसभा में प्रकरण उठने के बाद पुनः जांच समिति गठित करने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि ड्राइंग के मद में 16.71 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल था या नहीं, यह शासन ही स्पष्ट कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक, बलिया में श्रीरामपुर घाट पर गंगा पर करीब 2.5 किमी लंबे पुल का निर्माण कराया गया है। यह काम वर्ष 2014 में मंजूर हुआ था। साल 2016 में संशोधित एस्टीमेट और 2019 में पुनः संशोधित एस्टीमेट मंजूर किया गया। कुल 442 करोड़ रूप का एस्टीमेट रखा गया, जबकि ये नियमानुसार 424 करोड़ रूपये होना चाहिए था। दोबारा संशोधित स्वीकृति में बिल ऑफ क्वांटिटी में 16.7 करोड़ का डिजाइन चार्ज के मद में अतिरिक्त प्रावधान किए जाने से निगम और शासन को यह नुकसान हुआ। जीएसटी लगाकर यह राशि करीब 18 करोड़ रुपये बनती है।
जब इस मामले में जांच हुई तो पता चला कि डिजाइन चार्ज से संबंधित दस्तावेज आजमगढ़ में मुख्य परियोजना प्रबंधक के कार्यालय से उपलब्ध नहीं कराए गए हैं और न ही कोई दस्तावेज सेतु निगम मुख्यालय में उपलब्ध हैं। ऐसे में इस मामले में अब गहराई से जांच की जायेगी।
बता दें कि सेतु निगम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यय वित्त समिति को प्रस्तुत किए जाने से पूर्व किसी भी परियोजना की लागत दरों का मूल्यांकन, परियोजना मूल्यांकन प्रभाग करता है। इसलिए इस संबंध में वास्तविक स्थिति प्रभाग ही स्पष्ट कर सकता है। यह भी बताया गया है कि पुनः जांच समिति की जांच प्रक्रियाधीन है।
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जानें कौन है बलिया से बसपा के प्रत्याशी लल्लन यादव?
लोकसभा चुनावों में अब कुछ ही समय बाकी है। सभी प्रदेशों में अलग-अलग चरणों में चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टियां क्रमबद्ध तरीके से सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रही है।
बहुजन समाज पार्टी ने बलिया लोकसभा सीट से लल्लन सिंह यादव को मैदान में उतारा है। आईए जानते हैं लल्लन सिंह के बारे में।
लल्लन सिंह यादव गाजीपुर सदर विधानसभा के नोनहरा थाना अंतर्गत चौरही ग्राम सभा के निवासी हैं। लल्लन सिंह यादव पूर्व सैनिक हैं। लल्लन सिंह ने इंटर तक की पढ़ाई मेरी इंटर कॉलेज खालिसपुर गाजीपुर से की थी। इसके बाद वे सेना में शामिल हो गए थे। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध में लड़ाई लड़ी थी और वे घायल हुए थे। 2009 में वे सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्होंने 2017 में बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की और गाजीपुर सदर से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिला। अब इस बार के लोकसभा चुनाव में BSP ने उन पर भरोसा जाता है। उन्होंने कहा कि चुनावी मैदान में आने का अवसर मिला है। पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश करूंगा।
बीएसपी प्रत्याशी लल्लन सिंह यादव ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी ही नहीं बल्कि मिशिनरी पार्टी भी है। यही वजह है कि मैं बसपा से जुड़ा। चुनाव में मेरा मुख्य मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी, आरक्षण है। बीएसपी के अलावा ऐसी कोई पार्टी नहीं जो समाज के बारे में सोचती हो।
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बलिया के मोहम्मद आफताब ने UPSC परीक्षा में हासिल की 512वीं रैंक
संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में कुल 1016 कैंडिडेट्स चयनित हुए हैं। इनमें से 180 उम्मीदवार इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) और 200 उम्मीदवार इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) के लिए चुने गए हैं।
सिविल सेवा परीक्षा पास कर अधिकारी बनने वाले युवाओं की सूची में बलिया के मोहम्मद आफताब आलम का नाम भी शामिल है। मोहम्मद आफताब आलम ने बलिया के सेंट थॉमस स्कूल से क्लास 6 तक पढ़ाई करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद IIT इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से BTech किया।
उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली से UPSC की कोचिंग ली और अपनी मेहनत से परीक्षा में 512 रैंक हासिल की। मोहम्मद आफताब आलम ने अपने दूसरे प्रयास में ये सफलता हासिल की है। उनकी इस कामयाबी पर पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है। बता दें कि आफताब बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं, उनका रुझान हमेशा से सिविल सेवा की तरफ रहा है। ऐसे में उन्होंने पूरी मेहनत के साथ तैयारी की और सबसे कठिन मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की।
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