बलिया जिले के नरहीं थाना क्षेत्र के अंजोरपुर निवासी सैनिक जयप्रकाश यादव की शनिवार को पुणे में ड्यूटी स्थल पर छत से गिरकर मौत हो गयी। रविवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, जहां अंतिम दर्शन के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ गंगा नदी के तट पर फौजी का अंतिम संस्कार किया गया।
जवान बेटे की मौत से परिवार ही नहीं बल्कि पूरा इलाका गमगीन है। मुखाग्नि पिता बब्बन यादव ने दी। सेना के सप्लाई कोर में तैनात 21 वर्षीय जयप्रकाश की वर्तमान समय में पुणे में पोस्टिंग थी। शुक्रवार को वह किसी प्रकार छत से गिरकर घायल हो गये। इसकी जानकारी फौज के अधिकारियों ने बब्बन यादव को दी तो पूरा परिवार चितिंत हो उठा।
शनिवार को अधिकारियों ने जयप्रकाश के निधन की खबर दी, जिसके बाद गांव-घर में मातम पसर गया। परिवार के साथ ही नाते-रिश्तेदार तथा गांव के लोग शव आने का इंतजार करने लगे। रविवार को बटालियन के सूबेदार मेजर चंद्रशेखर पांडेय के साथ ही दर्जनों जवान जयप्रकाश का पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे तो परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। घर के बाहर तिरंगा में लिपटे पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिये रखा गया।
इस दौरान सिर्फ अंजोरपुर ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ जुटी रही। कुछ देर पर दरवाजे पर रखने के बाद शव यात्रा नदी तट की ओर चल पड़ी। गंगा नदी के किनारे सैनिक को मातमी धुन पर सलामी दी गयी, जिसके बाद पिता बब्बन यादव ने मुखाग्नि दी। इस दौरान नदी किनारे मौजूद भीड़ में शामिल हर किसी की आंखे नम हो गयी।
दो भाईयों में छोटे जयप्रकाश अपने मेहनत के बूते साल 2014 में सेना में भर्ती हो गये। बेटा नौकरी करने लगा तो आर्थिक रुप से कमजोर बब्बन यादव को भी बल मिल गया। जयप्रकाश के लिये रिश्ते भी आने लगे, लेकिन वह पहले अपनी बहन की शादी करना चाह रहे थे। इसके लिये वह तैयारी भी कर रहे थे। इसी बीच शनिवार की उनकी मौत हो गयी, लिहाजा परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बेटे की मौत के बाद से मां विमला देवी तथा बहन तराना रोते-रोते बेहोश हो जा रही है।
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