फेफना
विधानसभा चुनाव 2022- फेफना में ये पार्टी नए चेहरे पर खेल सकती है दांव !

बलिया। उत्तरप्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अभी से तैयारी कर रही हैं। टिकट की दावेदारी को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। बलिया की फेफना विधाससभा में भी किसको टिकट मिलेगा इस पर हलचल तेज है। बताया जा रहा है कि पुराने चेहरों को छोड़ सपा इस बार नए चेहरे को मैदान में उतार सकती है। ऐसे में इलाके के नेता वंशीधर यादव का बार-बार लखनऊ में दिखाई देना कई सवाल खड़े कर रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञ की माने तो बंसीधर यादव भी अपने टिकट की जुगाड़ में लग गए है। फेफना विधानसभा में सपा के उदय होने के बाद 1993 से लेकर 2012 तक 4 बार अंबिका चौधरी का कब्जा रहा।
2012 में पहली बार भाजपा के उपेंद्र तिवारी ने जीत दर्ज की, लेकिन अपनी ऊंची पैठ की बदौलत चुनाव हारने के बाद भी अखिलेश यादव की सरकार में अम्बिका चौधरी को राजस्व मंत्री की कमान मिली। इसके बाद चूंकि सपा में राजनीतिक उठापटक का दौर शुरू हुआ और मंत्री अंबिका चौधरी को बाहर का रास्ता दिखाया गया। 2017 के चुनाव में सपा ने जहां फेफना विधानसभा से संग्राम सिंह यादव को टिकट दिया, वहीं अम्बिका चौधरी ने बसपा से चुनाव लड़ा। लेकिन अफसोस दोनों को हार का मुंह देखना पड़ा और दूसरी बार भी उपेंद्र तिवारी को फेफनावासियों ने अपना विधायक चुन लिया।
इस बीच 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के दावेदारों में बंशीधर यादव और संतोष भाई की एंट्री हुई। साथ ही एक और युवा नेता राघवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ़ गोलू भी लखनऊ से लेकर दिल्ली का दौरा कर रहे। वहीं अंबिका चौधरी के बेटे आनन्द चौधरी के सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने के बाद से फिर से अंबिका चौधरी को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई है। इस बार फेफना विधानसभा से टिकट किसको मिलेगा इसको लेकर अभी से चर्चाओं का बाजार गरम है। कुछ भी हो अब तक अटकलें संग्राम सिंह यादव और अंबिका चौधरी को लेकर लगाई जा रहीं थीं। लेकिन जिस तरह सोहाव ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष वंशीधर यादव आजकल लखनऊ में दिखाई दे रहे हैं उससे राजनीतिक विशेषज्ञ
की माने तो बंसीधर यादव भी अपने टिकट की जुगाड़ में लग गए है। बता दें कि वंशीधर यादव तीन बार ब्लॉक प्रमुख रह चुके है और इस बार उनकी पत्नी ने इस बार जीत का परचम लहराया है। राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बंसीधर की जीत यह साबित करने के लिए काफी है कि समाज में उनकी हर वर्ग एवं जमीनी स्तर पर पकड़ जमी हुई है। जैसा की अखिलेश इस बार नए चेहरे को उतारने का मन बनाया है। ऐसे में वंशीधर यादव भी टिकट की रेस में है। वैसे ये तो आने वाला समय बताएगा की फेफना में समाजवादी पार्टी का सिकंदर कौन बनता है।






फेफना
बलिया नाव हादसे में लापता युवक का शव बरामद

बलियाः फेफना थाना क्षेत्र के माल्देपुर घाट पर हुए नाव हादसे में एक युवक का शव बरामद किया गया है। युवक नाव हादसे में लापता था। जिसका शव आज एनडीआरएफ की टीम ने बरामद किया।
बता दें कि गंगा नदी के माल्देपुर घाट पर सोमवार की सुबह मुंडन संस्कार के दौरान नाव हादसा हो गया था। नाव पर करीब 30 लोग सवार थे। तीन महिलाओं के शव बरामद हुए है, जिनकी पहचान हो चुकी है। घटना के तत्काल बाद डीएम रवीन्द्र कुमार व एसपी राजकरन नय्यर मौके पर पहुंच गये।
हादसे के बाद कुछ लोग लापता थे, जिनकी तलाश में एनडीआरएफ की टीम पहुंची। मंगलवार की सुबह एक युवक का शव बरामद कर लिया गया। थानाध्यक्ष फेफना रोहन राकेश ने बताया कि मंगलवार की सुबह बरामद शव की शिनाख्त नवानगर निवासी सुरेन्द्र यादव (32) पुत्र स्व. शिवपूजन यादव के रूप में हुई है।
इधर जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल को अलर्ट कर दिया, ताकि घायलों को बेहतर उपचार मिल सके। प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना ऱहा। एनडीआरएफ टीम पहुंच कर लापता की तलाश में जुट गयी।
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चितबड़ागांव नगर पंचायत की मतगणना में धांधली का आरोप, अनशन पर बैठे चेयरमैन प्रत्याशी

बलिया। चितबड़ागांव नगर पंचायत के निकाय चुनाव के बाद हुई मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए हारे हुए प्रत्याशी नगर पंचायत कार्यालय परिसर के बाहर तीन दिवसीय अनशन पर बैठे गए हैं। उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से की गई धांधली के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी जाएगी।
चुनाव के बाद मतगणना के दिन प्रत्याशियों ने मतगणना में प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठी भाजनी पड़ी थी।
चेयरमैन प्रत्याशी रहे बृज कुमार सिंह और राजू सिंह डब्बू ने प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा प्रत्याशी को सत्ता और एक पूर्व मंत्री के दबाव में फर्जी तरीके से जीत दिलाने दिलाई गई है।
धरने पर बैठे बृज कुमार सिंह का कहना है कि हमारी लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से शुरू है। तीन दिवसीय अनशन के बाद आंदोलन की अगली रणनीति बना कर इस लड़ाई को और आगे ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा सील टूटी मतपेटियों की जबरन गिनती कराई गई। भाजपा प्रत्याशी को जीत दिला दी गई।
इस मामले पर एसडीएम प्रशांत का कहना है कि मतगणना के दौरान आपत्ति करने वाले उम्मीदवारों से बातचीत हुई थी। उस समय वह तय हुआ था कि न्यायालय में वाद दाखिल करेंगे। कोर्ट का जो आदेश आएगा, जिला प्रशासन उसका पालन करेगा।
उत्तर प्रदेश
कर्नाटक के नतीजों पर जेडीयू के अवलेश सिंह बोले- नैरेटिव बनाने से चुनाव में कुछ नहीं होगा

बलिया। कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर जेडीयू के प्रदेश महासचिव अवलेश सिंह ने बयान दिया है. उन्होंने इसे लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है.
अवलेश सिंह ने कहा की कांग्रेस की जीत ये साबित करती है कि नैरेटिव बनाने से चुनाव में कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा, कर्नाटक का परिणाम देश के कई मायने में निर्णायक है.
यह उन लोगों को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश दे रहा है, जो मुद्रास्फीति, मूल्यवृद्धि, बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से भटकाने के लिए केवल नैरेटिव सेट करने, धार्मिक गुंडागर्दी करने और समाज में विभाजन पैदा करने में विश्वास करते हैं.”
“कांग्रेस पार्टी को जनादेश देने के लिए हम कर्नाटक के लोगों को धन्यवाद देते हैं. कर्नाटक के लोगों ने जिस तरह से फैसला किया है. यह देश के बाकी हिस्सों के लिए एक अच्छा संदेश है.”
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