बलिया
बलियाः डेरे पर सोए अधेड़ की हत्या के मामले में 2 आरोपी गिरफ्तार, 1 की तलाश जारी

बलिया के बिल्थरारोड उभांव थाना क्षेत्र में 50 वर्षीय अधेड़ की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक मृतक झाड़फूंक करता था और इसी के कारण उसकी हत्या हुई है। चौकाने वाली बात यह है कि हत्या मृतक के चचेरे भाई ने ही करवाई है।
जानकारी के मुताबिक उभांव थाना क्षेत्र के फरसाटार गांव में रहने वाले भागीरथी 50 वर्ष पुत्र स्व रामबृक्ष बीते 5 अगस्त की रात को खाना खाने के बाद अपने घर से थोड़ी दूर अपने डेरे पर चारपाई पर सोए हुए थे। शनिवार की भोर में लगभग 4 बजे भागीरथी की पत्नी धनवती उन्हें जगाने डेरे पर पहुंची तो पति की खून से लथपथ लाश मिली। पुलिस ने जांच शुरु की। पूछताछ में पता चला कि एक भागीरथी झाड़फूंक करता था। मृतक के चचेरे भाई जनार्दन ने ओमप्रकाश यादव नामक शख्स से उसे हत्या करवाने की बात कही और कहा कि मेरा यह काम करवा दो, तो तुम्हें सरकारी नौकरी दिलवा दूंगा।
ओमप्रकाश यादव ने जनार्दन की मुलाकात एक व्यक्ति से करवाई। जनार्दन ने उसे 20 हजार रुपए कैश दिया और कुछ पैसे उसके खाते में डाल दिए। जनार्दन ने बताया कि आरोपी 27 जून को हत्या करने आए लेकिन उस दिन बाहर मृतक का लड़का सो रहा था, तो मृतक के लड़के को किसी ने बताया कि तुम्हारे घर के बाहर दो मोटरसाइकिल से लोग घूम रहे हैं, जिसके बाद हत्यारे वापस चले गए।
इसके बाद आरोपियों ने 5 अगस्त की रात्रि में आकर भागीरथी की गोली मारकर हत्या कर दिया। इसके बाद पुलिस घटना की छानबीन में जुट गई। शुक्रवार की रात्रि लगभग 11 बजे मुखबिर द्वारा पुलिस को सूचना मिली कि घटना में शामिल अभियुक्त कहीं भागने की फिराक में है। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर मृतक के चचेरे भाई जनार्दन व ओमप्रकाश यादव पुत्र कालिका निवासी बरुहा थाना घोसी जनपद मऊ को मौके से गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर उभांव अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि हत्या में शामिल तीसरे मुख्य अभियुक्त की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों को सम्बंधित धाराओं में जेल भेज दिया गया है।






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बलिया में जल्द लगेंगे वीर सपूत महाराणा प्रताप की प्रतिमा, शासन ने दी मंजूरी – मंत्री दयाशंकर सिंह

बलिया। परिवहन मंत्री और नगर विधायक दयाशंकर सिंह की कोशिश से जल्द ही वीर सपूत महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा लगाई जाएगी। शासन से प्रतिमा लगाने की मंजूरी मिल गई है। जगह चिह्नित करने का काम हो रहा है। फिलहाल स्टेडियम तिराहे पर ही सहमति बनी है। आगे की कार्रवाई के लिए प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि प्रतिमा पूरी तरह से धातु की होगी। अनावरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या फिर डिप्टी सीएम आदि किसी बड़े मानिंद व्यक्ति को आमंत्रित किया जाएगा। काफी दिनों से जिले के लोग नगर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे थे। ऐसे में इसका कार्यक्रम काफी भव्य तरीके से किया जाएगा।
साथ ही कहा कि राजस्थान के उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश में जन्मे महाराणा प्रताप का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। ऐसे में उनके गरिमा के अनुरूप ही उनकी प्रतिमा लगेगी। महाराणा प्रताप का नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिए अमर है। उन्होंने कभी भी मुगल बादशाह अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक लगातार संघर्ष करते रहे।
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बलिया में संदिग्ध परिस्थितियों में लटकता मिला चिकित्सक का शव

बलिया के नरही थाना क्षेत्र के अंतर्गत सोहांव गांव में एक चिकित्सक का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला। इस घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
चिकित्सक के शव के पास से पुलिस ने सुसाइट नोट बरामद किया। परिजनों की तहरीर पर सही थाने में 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी हुई है।
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बलिया में 4.20 करोड़ की लागत से बनेंगे 14 नए आयुर्वेदिक अस्पताल

बलियाः अब सरकार की ओर से आयुर्वेद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी क्रम में 14 नए अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा। इन अस्पतालों के लिए जमीन मिल गई है। इन 14 अस्पतालों को बनाने में करीब 4 करोड़ 20 लाख रुपये खर्च होंगे। इस तरह एक स्पताल को बनाने में 30 लाख रुपये की लागत आएगी।
अभी जिले में चार बेड़ के 6 नए राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के भवन बनकर तैयारी है। जल्द ही इनके हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जिन जगहों पर राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल बने हैं, उनमें गड़वार, सिंहाचवर, पशुहारी, माल्दह व सुल्तानपुर और हल्दीपुर शामिल हैं। वहीं जिले में चार यूनानी अस्पताल संचालित हैं जबकि एक नए अस्पताल के लिए जमीन मिल गई है। अब निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।
जिले के मुरलीछपरा, अहिरौली, खंदवा, छिब्बी, चंद्रवार, सिकरिया, फरसाटार, मलहपहरसेनपुर, पकवाइनार, हरिपुर सिकंदरपुर, कैरवली, शंकरपुर, पूर व कुरेम में अस्पताल के बनने का रास्ता साफ हो गया है।
अभी जिले में कुल 64 छोटे-बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल है। नगर व बांसडीह में 15 बेड, रसड़ा में 25 बेड के अलावा चार बेड के 61 अस्पताल हैं। चितबड़ागांव में 50 बेड के अस्पताल का काम अंतिम चरण में चल रहा है।
यूनानी अधिकारी और प्रभारी क्षेत्रीय आयुर्वेद डॉक्टर संजय सिंह ने बताया कि आयुर्वेदिक अस्पताल के नए भवनों का हैंडओवर एक सप्ताह के भीतर हो जाएगा। इसके बाद चिकित्सकीय उपकरण आदि इंतजाम किए जाएंगे। वहीं नए अस्पतालों के लिए जमीन व बजट मिलने से निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
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