बलिया। कोरोना को लेकर शासन भले ही गंभीर है, लेकिन जिला प्रशासन की उदासीनता चरम पर है। कभी नाइट कफ्र्यू तो कभी मास्क के नाम पर चालान काटने का आदेश देने वाले तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही और वर्तमान डीएम अदिति सिंह की देखरेख में 35 लाख की आबादी वाले जनपद बलिया में अभी तक सिर्फ तीन लाख 69 हजार 612 लोगों की ही जांच संभव हो पाई है।
गौरतलब हो कि बीते मार्च 2020 से ही जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप बढऩा शुरू हुआ, वैसे-वैसे कोरोना की जांच का दायरा बढ़ाने के लिए पूरी स्वास्थ्य टीम शिद्दत से जुट गई। लेकिन अफसोस जो आंकड़ा अब सामने आ रहा है उससे सिर्फ और सिर्फ जिला प्रशासन की उदासीनता ही सामने आई है।
तभी तो 35 लाख की आबादी वाले जनपद में अभी तक सिर्फ दस प्रतिशत लोगों की ही जांच हो पाई है। कुछ जानकारों की मानें तो बलिया में मौत की संख्या और कम हो सकती थी यदि वास्तव में जिला प्रशासन जांच प्रक्रिया पर जोर देते।
क्वारांटाइन किए जाएंगे प्रवासी
कोरोना संक्रमण बढऩे पर अब उप्र आने वाले प्रवासियों को कोविड- 19 प्रोटोकाल का पूरा पालन करना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में पहले की तरह क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्देश दे दिया है। इसके बाद अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिलों के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है। जिसमें प्रवासियों की जांच से लेकर क्वारंटाइन किए जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई है।
प्रवासियों को रखा जाएगा यहां
प्रदेश के बाहर से आने वाले प्रवासियों के घर में यदि क्वारंटाइन की व्यवस्था नहीं तो ऐसी स्थिति में उन्हें इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा।
रिपोर्ट- तिलक कुमार
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