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बलिया से भाजपा विधायक ने मनीष गुप्ता मामले में पुलिस को सपाई मानसिकता का क्यों बताया?

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बलिया से भाजपा विधायक ने मनीष गुप्ता मामले में पुलिस को सपाई मानसिकता का क्यों बताया?

कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या का मामला इन दिनों चर्चा में है। मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में खुद उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। इस मसले ने सियासी रूप भी अख्तियार कर लिया है। प्रदेश से लेकर देश भर के नेता उत्तर प्रदेश सरकार के कानून व्यवस्था पर बयान दे रहे हैं। ताजा बयान दिया है बलिया जिले के बैरिया विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेंद्र सिंह ने। सुरेंद्र सिंह ने मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस पर निशाना साधा है।

सुरेंद्र सिंह ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि “पुलिस विभाग में सपा शासनकाल के, जो उस समय भर्ती हुई थी पुलिस वाले हैं। उनकी मानसिकता सरकार को बदनाम करने की है। इनका चिंतन इतना गंदा है कि कुछ पुलिस वाले अभी भी सपा मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं। वही लोग इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि “जब जांच होगी तो सारी बातें सामने आ जाएंगी। निश्चित तौर पर उन सभी पुलिस वालों का परिवार सपा मानसिकता से ग्रसित होगा।”

भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि “कुछ अधिकारी और कर्मचारी जरूर हैं जो हमारी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। लेकिन योगी जी के शासनकाल में कोई ऐसा काम होने वाला नहीं है। परमात्मा उनका ध्वज लेकर चल रहा है।”

क्या है मनीष गुप्ता प्रकरण: मनीष गुप्ता उत्तर प्रदेश के कानपुर के 36 वर्षीय व्यापारी थे। गत मंगलवार यानी 28 सितंबर को गोरखपुर के एक होटल में संदिग्ध तरीके से उनकी मौत हो गई। मनीष गुप्ता की मौत होटल में उसी वक्त हुई जब पुलिस उसी होटल में छापा मारने पहुंची थी। पुलिस के अनुसार छापा के दौरान ही मनीष गुप्ता नशे में गिर गए जिससे उनके सिर में चोट लगी जिसके चलते उनकी मौत हो गई।

हालांकि मौत के बाद हुई पोस्टमार्टम की रिपोर्ट एक अलग ही कहानी बयां कर रही है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक मनीष गुप्ता की गिरने और सिर में चोट लगने की वजह से मौत नहीं हुई है। बल्कि मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या की गई है। हत्या का आरोप होटल में छापा मारने गई पुलिस की टीम पर लग रही है। मनीष गुप्ता की हत्या में कथित तौर पर छह पुलिस वालों का हाथ है।

मनीष गुप्ता की पत्नी इंसाफ मांग रही है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि मनीष की हत्या साजिश के तहत पुलिस वालों ने ही की है। गत गुरूवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मनीष गुप्ता के परिवार से मुलाकात कर न्याय दिलाने की बात कही थी। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी मनीष गुप्ता के परिवार से कानपुर के पुलिस लाइन में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस मामले के सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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बलिया के विकास के 5 काम नहीं बता पाए प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र!, डीएम ने संभाला मोर्चा

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बलिया। यूपी सरकार के 6 साल पूरे होने पर प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र (दयालु) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। लेकिन बलिया के विकास से सम्बन्धी कोई भी 5 काम के बारे में मंत्री नहीं बता पाए प्रभारी मंत्री असमर्थ दिखे और बुकलेट का हवाला देने लगे। हालांकि डीएम रवींद्र कुमार ने पुस्तक विमोचन की बात कहते हुए मोर्चा संभाल लिया।

दरअसल पहले तो प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र (दयालु) ने प्रदेश के तमाम विकास के बारे में बताया। फिर मीडिया से मुखातिब हुए। मीडिया ने जिला अस्पताल की चर्चा करते हुए कई सवाल किए जिसका जवाब मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने बखूबी दिया।

लेकिन एक सवाल का ज़बाब देने में मंत्री उलझ गये। सवाल ये रहा कि प्रदेश के बारे में जानकारी मिल गई।
अब बलिया के 5 कोई काम बता दीजिए लेकिन मंत्री असमर्थ दिखाई दिए। हालांकि डीएम रवींद्र कुमार ने पुस्तक का विमोचन करने की बात कहते हुए मोर्चा संभाल लिया।

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बलियाः हत्या के मामले में दोषी आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

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बलिया। सत्र न्यायालय ने हत्या के मामले में दोषी पाते हुए एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर 10 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है।

बता दें कि मामला हल्दी थाना क्षेत्र के हांसनगर गांव का है। जहां बारात में फोटो खींचने के दौरान विवाद हो गया। इस विवाद में आरोपी सूरज ने अपने चचेरे भाई विशाल साहनी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। भाई बादल साहनी की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।

पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी सूरज साहनी को सात जून 2021 को गिरफ्तार कर लिया था। तीनों आरोपियों रामायण साहनी पुत्र स्व. सुखराज साहनी, सरल साहनी पुत्र रामायण साहनी, पतरु साहनी पुत्र रामायण साहनी निवासी हांसनगर को हल्दी पुलिस ने दो दिन बाद गिरफ्तार किया था।इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की। जहां सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार पांडेय ने आरोपी सूरज साहनी को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया। आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए तीन वर्ष के कारावास और पांच हजार के अर्थदंड से दंडिता किया। वहीं, कृष्णा साहनी, रामायण साहनी और अन्य आरोपी को दोषमुक्त किया गया।

गौरतलब है कि सूरज साहनी ने पत्नी के साथ जहरीला बिस्कुट खा लिया था। दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान प्रेमिका की मौत हो गई थी। सूरज साहनी को बीएचयू ट्रामा सेंटर भेजा गया था।

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बलियाः 65 करोड़ की लागत से बनेगा भृगु कॉरीडोर

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बलिया में विकास की धारा फिर बहेगी। 65 करोड़ की लागत से भृगु कॉरीडोर के साथ ही चित्रगुप्त मंदिर और शहीद पार्क में विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके साथ ही जनपद में छह स्थानों पर प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे।

परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह इस परियोजना को लेकर बेहद गंभीर थे और उनके प्रयास के बाद इस परियोजना को मंजूरी मिली है। गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यटन और संस्कृति परिषद की बैठक में पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने डीएम के सामने इसका प्रजेंटेशन दिया था।

अब परियोजना का अनुमोदन किया गया था। शासन ने स्वीकृति परियोजना में कुल 3 फेज में विकास कार्य कराए जाएंगे। पहले फेज में भृगु मंदिर को विकसित किया जाएगा। अब मंदिर के विकास के साथ ही गंगा नदी से मंदिर तक रास्ते आदि का निर्माण भी किया जाएगा। दूसरे फेज में चित्रगुप्त मंदिर को विकसित किया जाएगा। यहां भृगुमंदिर परिसर में ही स्थित है।योजना बनाते समय महर्षि भृगु के गंगा नदी के पार परसिया स्थित मूल आश्रम को मंदिर से जोड़ने की बात भी कही गई थी। ये जल मार्ग से होना था। स्वीकृत योजना में गंगा नदी से मंदिर कर रास्ते की बात है। परियोजना के तहत सभागार, कांफ्रेंस हॉल, पेयजल के लिए वॉटर कूलर, यात्रा निवास और शौचालय का निर्माण किया जाएगा।

इसके साथ ही तीसरे फेज में शहर के चौक स्थित शहीद पार्क का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही यहां स्थापित महात्मा गांधी की नई प्रतिमा भी लगाई जाएगी। साथ ही यहां एक लाइब्रेरी का निर्माण भी कराया जाएगा। इसके साथ ही जनपद में प्रवेश करने वाले छह मार्गों पर प्रवेश द्वार का भी निर्माण किया जाएगा। इन सभी को लेकर भृगु कारीडोर तैयार होगा।

पर्यटन विभाग एडीओ अनिल सक्सेना ने बताया कि भृगु कारीडोर के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकृत कर दिया गया है। कार्यदायी संस्था भी तय कर दी गई है। उम्मीद है कि अप्रैल तक कार्य शुरू हो जाएगा।

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