बैरिया
बलिया में फर्जी तरीके से मास्टरी हासिल करने की ये कहानी चौंका देगी!
बलिया जिले के बैरिया तहसील के अंतर्गत एक व्यक्ति द्वारा फर्जी तरीके से दत्तक पुत्र बनकर सरकारी शिक्षक के पद पर नौकरी करने का मामला सामने आया है। बैरिया के सोनबरसा की किरन सिंह ने अपने चचेरे भाई कुलदीप सिंह पर अपने पिता की नौकरी हथियाने का आरोप लगाया है। किरन सिंह ने बलिया जिलाधिकारी को इस मामले की पूरी जानकारी दी है और न्याय की मांग की है।
किरन सिंह ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में बताया है कि उनके पिता ललन सिंह की मृत्यू 2006 में 23 अप्रैल को हो गई थी। मृत्यू के दौरान ललन सिंह मुरली छपरा के एक प्राथमिक पाठशाला में बतौर प्रधानाध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे थे। सर्विस के दौरान ही उनकी मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई। ललन सिंह की सिर्फ दो बेटियां थीं। संध्या सिंह और किरन सिंह।
कुलदीप सिंह ने बलिया जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिलकर ललन सिंह की मृत्यू के बाद मिलने वाली नौकरी हड़प लिया। कुलदीप सिंह ललन सिंह के भाई का लड़का है। रिश्ते में कुलदीप सिंह किरन सिंह का चचेरा भाई लगता है। किरन सिंह ने जिलाधिकारी को लिखा है कि कुलदीप सिंह ने फर्जी तरीके से खुद को ललन सिंह का दत्तक पुत्र साबित कर दिया। जिसके मुरली छपरा के उसी स्कूल में कुलदीप सिंह बतौर सहायक अध्यापक कार्यरत है। जबकि गैर-कानूनी है क्योंकि नौकरी पर अधिकार ललन सिंह की बेटियों का था।
कुलदीप सिंह ने सरकार से पैसे मिलने की लालच में ललन सिंह की एक जमीन पर भी अपना नाम दाखिल करवाया है। जिस जमीन पर कुलदीप सिंह ने अपना नाम लिखवाया है वह एनएच से सटी हुई है। ऐसे में जमीन के ऐवज में सरकार की ओर से मोटी रकम मिलने वाली है। इसी लालच में ललन सिंह की मृत्यू के बाद उनकी दो बेटियों के बजाए कुलदीप सिंह ने अपना नाम दाखिल करवा लिया। आरोप है कि इस काम में तहसील के अधिकारियों ने कुलदीप सिंह का साथ दिया है।
जिलाधिकारी को लिखे पत्र में किरन सिंह ने बताया है कि कुलदीप सिंह के पिता का नाम मदन सिंह है ना कि कुलदीप सिंह। सबूत के तौर पर जिलाधिकारी को सोनबरसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुलदीप सिंह के जांच की रिपोर्ट भेजी गई है। इस रिपोर्ट में कुलदीप सिंह ने अपने पिता का नाम मदन सिंह ही लिखवाया है।
किरन सिंह ने बलिया खबर से हुई बातचीत में कहा कि “कुलदीप सिंह के प्रमाण पत्रों की जांच कर उचित न्याय की जाए। मांग है कि कुलदीप सिंह की शिक्षक के पद पर फर्जी तरीके से हुई नियुक्ति रद्द की जाए। साथ ही जिस जमीन पर कुलदीप सिंह ने गलत तरीके से अपना नाम चढ़वाया है उस पर हम दोनों बहनों का नाम लिखा जाए। ताकि सरकार से मिलने वाली मुआवजे की राशि हमें मिले।”
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मैनेजर सिंह राजकीय पॉलीटेक्निक के नाम से जाना जाएगा इब्राहिमाबाद का पॉलीटेक्निक
बलिया के बैरिया क्षेत्र के इब्राहिमाबाद में करोड़ों की लागत से बने राजकीय पॉलीटेक्निक बनाया गया था। अब इसे जननायक स्व. बाबू मैनेजर सिंह राजकीय पॉलीटेक्निक के नाम से जाना जाएगा। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की पहल पर प्रदेश सरकार और राज्यपाल की ओर से इसकी मंजूरी मिल गयी है।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश की पिछली सरकार में करीब 19 करोड़ रुपए खर्च कर इब्राहिमाबाद में राजकीय पॉलीटेक्निक का निर्माण कराया गया था। इसका लोकार्पण तत्कालीन विधायक सुरेन्द्र सिंह ने किया था।
कुछ दिनों पहले परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने राजकीय पॉलीटेक्निक का नाम अपने मामा और बलिया के गांधी व बैरिया के मालवीय कहे जाने वाले पूर्व विधायक मैनेजर सिंह के नाम पर करने की पहल की थी। इसके लिए उन्होंने शासन को पत्र लिखा था।
अब इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। गुरुवार को परिवहन मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शासन से मंजूरी के बाद राज्यपाल की ओर से नामकरण की अनुमति मिल गयी है।
खास बात है कि मैनेजर सिंह ने बेरिया क्षेत्र में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के कई केन्द्र स्थापित किए। हालांकि किसी से उन्होंने अपना नाम नहीं जोड़ा। राजकीय पॉलीटेक्निक का नामकरण उनके नाम पर होना स्व. सिंह के प्रति श्रद्धांजलि है।
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बलिया के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर इन तीन ट्रेनों के ठहराव को मिली मंजूरी
बलिया में बैरिया विधानसभा के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर अब से 3 ट्रेनों के ठहराव को रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। जिन 3 ट्रेनों का ठहराव होगा, उसमें बरौनी – गोंदिया एक्सप्रेस, बरौनी – अम्बाला एक्सप्रेस और गोरखपुर कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं। वाराणसी डिवीजन को इन तीन ट्रेनों के ठहराव के लिए जल्द से जल्द कहा गया है।
बता दें कि इन ट्रेनों के ठहराव की लागतार मांग हो रही थी। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर के पत्र और जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद सिंह के अनुरोध पर बलिया निवासी मुरादाबाद रेल मंडल केएडीआरएम निर्भय नारायण सिंह के अथक प्रयास से आज बैरिया वासियों को बड़ी सौगात मिली है। इस पर क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें बधाई दी।
इन ट्रेनों के ठहराव से अब बैरिया क्षेत्र के सैंकड़ों ग्रामवासियों को बहुत सुविधा होगी। अब रेलयात्री आसानी से सफर कर पाएंगे। ये तीनों ट्रेनें एक्सप्रेस ट्रेनें हैं, ऐसे में यात्री आसानी से अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगे।
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बलिया के रहने वाले हेड कांस्टेबल की हीट स्ट्रोक से मौत, पुलिस महकमा में शोक की लहर
बलिया जिले के बैरिया के रहने वाले हेड कांस्टेबल इमरान अली की सोमवार को हीट स्ट्रोक के चलते मौत हो गई। वाराणसी के अस्पताल में दो दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद चिकित्सक उन्हें बचा नहीं सके। सूचना पर पुलिस महकमा में शोक की लहर दौड़ गई।
वहीं उनके मौत की खबर सुन के कई पुलिस अधिकारी अस्पताल पहुंच गए तो कमिश्नर कार्यालय से मृतक दीवान के परिजनों को फोन कर सूचना भी दी गई। हालांकि उनकी पत्नी समेत परिवार वर्तमान में वाराणसी में है।
बैरिया निवासी इमरान अली 2006 में पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। पिछले कुछ साल पहले उनको प्रोन्नति में हेड कांस्टेबल बनाया गया था और तब से उनकी तैनाती वाराणसी में थी। वर्तमान में कोतवाली में तैनात इमरान अली जिला एवं सत्र न्यायालय के लिए पैरोकार का काम करते थे।
शुक्रवार को कोर्ट जाने पर गर्मी और धूप से हीट स्ट्रोक की चपेट में आ गए। शनिवार को आनन फानन में उन्हें अर्दली बाजार स्थित सुधा सर्जिकल नर्सिग होम में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
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