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बलियाः महावीरी झंडा जूलूस के दिन बदला रहेगा शहर का ट्रैफिक, ये होगा रुट

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बलिया में महावीरी झंडा जूलूस निकाला जाएगा। इस जूलूस में आकर्षक झांकी व हैरतंगेज करतबों का प्रदर्शन होगा और आस्था व शौर्य का मेल देखने को मिला। जूलूस निकालने को लेकर लोग विभिन्न तैयारी कर रहे हैं तो वहीं पुलिस प्रशासन उचित व्यवस्था जमाने में लगा हुआ है। जूलूस को देखते हुए कुछ मार्गों पर यातायात डायवर्ट रहेगा।

दुबहड़-बैरिया की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को थाना दुबहड़ के पास दिनांक 11.08.2022 को समय 12.00 बजे से जूलूस समाप्ति तक रोका जाएगा। यदि वाहन नरही व फेफना की तरफ जाना चाहते हैं तो चिरैया मोड़ से होते हुए सहतवार, बाँसडीह ,सुखपुरा , गडंवार(त्रिकालपुर तिराहा) से होते हुए फेफना व नरही जाएंगे। इसके अलावा बाँसडीहरोड- रेवती, सहतवार, बाँसडीह की तरफ से आने वाले वाहन को थाना बाँसडीहरोड के पास दिनांक 11.08.2022 को समय 12.00 बजे से जूलूस समाप्ति तक रोका जायेगा। यदि वाहन नरही, रसड़ा व फेफना की तरफ जाना चाहते हैं तो सुखपुरा, गड़वार(त्रिकालपुर तिराहा) होते हुए फेफना,नरहीं जाएंगे।

वहीं हनुमानगंज-सिकन्दरपुर से आने वाले भारी वाहनों को हनुमानगंज चौकी के पास दिनांक 11.08.2022 को समय 12.00 बजे से जूलूस समाप्ति तक रोका जायेगा। यदि सिकन्दरपुर से आने वाले वाहन दुबहड़ हल्दी बैरिया जाने चाहते है तो सुखपुरा बाँसडीह सहतवार होते हुए जाएंगे तथा यदि वाहन नरही व फेफना की तरफ जाना चाहते हैं तो सुखपुरा, गडंवार(त्रिकालपुर तिराहा) से होते हुए फेफना व नरही जाएंगे। फेफना तिराहा- रसड़ा व नरहीं की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को फेफना तिराहा के पास दिनांक 11.08.2022 को समय 12.00 बजे से जूलूस समाप्ति तक रोका जायेगा । यदि वाहन बैरिया की तरफ जाना चाहते हैं तो गड़वार(त्रिकालपुर तिराहा) से सुखपुरा, बाँसडीह, सहतवार होते हुए जाएंगे। अगरसण्डा- गड़वार की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को अगरसण्डा के पास दिनांक 11.08.2022 को समय 12.00 बजे से जूलूस समाप्ति तक रोका जायेगा। यदि वाहन हल्दी, बैरिया की तरफ जाना चाहते हैं तो गड़वार(त्रिकालपुर तिराहा) से सुखपुरा, बाँसडीह, सहतवार होते हुए जाएंगे।

महाविरी झंण्डा जूलूस को देखते हुए चार पहिया, दो पहिया और ई-रिक्शा के लिए रुट की व्यवस्था की गई है। जिसके मुताबिक बहादुरपुर, कुँवरसिंह चौराहा व टीडी कालेज चौराहे की तरफ से आने वाले चार पहिया/दो पहिया/ ई-रिक्शा ओवरब्रिज होते हुये जगदीशपुर तिराहा, सदर अस्पताल से वापस ओवरब्रिज, टीडी कालेज चौराहा, कुँवरसिंह चौराहा से बहादुरपुर जायेंगे। माल्देपुर से आने वाले चार पहिया/दो पहिया/ई-रिक्शा चित्तूपाण्डेय चौराहे पर सवारी उतार कर गड़वार तिरहा से रोडवेज परमन्दापुर निधरिया से वापस उसी रास्ते से माल्देपुर लौट जाएंगे।

कदम चौराहा की तरफ से आने वाले इस चार पहिया/दो पहिया/ई-रिक्शा मालगोदाम तिराहे से वापस सतीशचन्द्र कालेज, जापलिनगंज, भृगुआश्रम होते हुये सतनी सराय, काशीपुरा तक जाएंगे। तिखमपुर मण्डी, एनसीसी तिराहा की तरफ से आने वाले चार पहिया/दो पहिया/ ई-रिक्शा मिढ़ढी चौराहा, महुआ मोड़ से गड़वार तिराहा होते हुये टी0डी0 चौराहा, कुँवर सिंह चौराहा से वापस एनसीसी तिराहा, तिखमपुर मण्डी जाएंगे। महाविरी झंण्डा जूलूस के पर्व पर शहर मे बैरियर क्रमश- मालगोदाम तिराहा, चित्तूपाण्डेय चौराहा व विजयीपुर तिराहा रहेगा जहाँ से चार पहिया,तिन पहिया,दो पहिया व ई-रिक्शा वाहनो का आवागमन समय 4.00 बजे से पूर्णतयः प्रतिबन्धित रहेगा। हालांकि आपातकालीन वाहनों जैसे एम्बुलेन्स, फायर टेण्डर व विशेष अनुमति प्राप्त वाहनों को छूट रहेगी।

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निर्माण के 6 साल बाद शुरू होगा बलिया का ट्रामा सेंटर

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बलिया में 6 साल पहले बनकर तैयार हुए ट्रामा सेंटर को जल्द करने की कवायद तेज हो गई है। इस ट्रामा सेंटर में अब जल्द ही गंभीर मरीजों का इलाज होगा। इससे जिले के रहवासियों को काफी ज्यादा सुविधा मिलेगा।

बता दें कि शासन ने बलिया सहित 10 जिलों में बने ट्रामा सेंटरों को शुरू करने का फैसला किया है। इस फैसले के अनुसार काम भी शुरू कर दिया गया है। जिला अस्पताल परिसर में साल 2016 में बनकर तैयार ट्रामा सेंटर में हड्डी, सर्जन और फिजिशियन, मनोरोग चिकित्सक की ओपीडी चल रही है।इस ट्रामा सेंटर में आधुनिक उपकरण हैं, लेकिन आईसीयू वार्ड और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं है। इधर पूरे जिलेभर में डॉक्टरों की भारी कमी है। लिहाजा अस्पताल प्रशासन विशेषज्ञ चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहा है।

इस परेशानी को देखते हुए अब ग्रामीण क्षेत्रों के सीएचसी व पीएचसी पर तैनात एनेस्थीसिया (बेहोशी), सर्जन व हड्डी रोग चिकित्सक, नर्स व अन्य कर्मचारियों की तैनाती ट्रामा सेन्टर पर की जाएगी। कुछ माह पूर्व शासन द्वारा ट्रामा सेंटर के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. गौरव राय व डा. मल्ल व एक ईएमओ डा. पंकज कुमार सहित चार चार डॉक्टर मिले हैं।

सीएमओ स्तर से 13 स्टाप नर्स, 10 वार्ड ब्वाय, एक डीआरए, दो एक्स-रे टेक्निशियन को जिला अस्पताल को दिया गया हैं। अन्य व्यवस्था मिलते ही ट्रामा सेंटर शुरू हो जाएगा। अस्पताल प्रशासन ने ट्रामा सेन्टर में 24 घंटे गम्भीर मरीजों के इलाज की सुविधा शुरू करने के लिए आईसीयू वार्ड, विशेषज्ञ चिकित्सक, एनेस्थीसिया व अन्य स्टाप की मांग शासन को भेजा है।इस ट्रामा सेंटर के शुरू हो जाने से सड़क दुर्घटना और अन्य गंभीर मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी व अन्य महानगरों में जाने से छुटकारा मिलेगा। जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर जयंत कुमार का कहना है कि ट्रामा सेंटर शुरू करने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास प्रर्याप्त चिकित्सक व स्टाफ मौजूद है। अगर और चिकित्सक व कर्मचारियों की कमी है तो मांग करें, उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा।

जिला अस्पताल सीएमएस डॉक्टर दिवाकर सिंह का कहना है कि ट्रामा सेंटर को आंशिक रूप से संचालित किया जा रहा हैं। शासन से आईसीयू व अन्य संसाधन व कर्मचारी बढ़ाने की मांग की गई है। मिलते ही सभी चिकित्सकीय सुविधाएं मिलने लगेगी।

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बलियाः आगजनी से 20 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक, आग लगने का कारण अज्ञात

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बलिया।सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के इसार गांव में आगजनी से 20 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन तब तक पूरा खेल जलकर खाक हो गया।

बता दें कि मंगलवार की शाम को अज्ञात कारणों के चलते खेत में आग लग गई। आसपास के लोगों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की। सूचना पर फायर बिग्रेड की गाड़ी पहुंची लेकिन तब तक आग बुझ चुकी थी।

इस घटना के बाद पूर्व विधायक संजय यादव ने राजस्व विभाग की पूरी टीम को आग लगी से अवगत कराया। मौके पर पहुंची राजस्व की टीम ने जिन-जिन किसानों का आग लगने से गेहूं का नुकसान हुआ था, उनकी रिपोर्ट लगाकर ले गए। लगभग एक दर्जन किसानों को नुकसान हुआ है।

इस समय गेहूं की मड़ाई चरम पर है और इस तरह की घटनाएं किसानों को चिंतित कर दे रही हैं। जिन किसानों को नुकसान हुआ उसमें चंद्रमा वर्मा, श्रवण वर्मा, नागेंद्र सिंह, भजुरामा वर्मा, अनिल तिवारी, विनय तिवारी, महेंद्र राजभर, हरिहर गुप्ता, मोहन खरवार, शिवशंकर राजभर, त्रिभुवन राजभर, प्रेमचंद वर्मा, जनक देव वर्मा आदि शामिल हैं।

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बलिया में 23 साल से नौकरी कर रहा धोखेबाज शिक्षक बर्खास्त, जन्मतिथि में 7 साल का किया हेरफेर

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बलिया। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में 23 साल से भी अधिक समय से नौकरी कर रहे धोखेबाज शिक्षक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया। उसने अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से परीक्षा देकर अपने जन्म तिथि में सात साल का हेरफेर किया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह की ओर से मंगलवार की शाम जारी सेवा समाप्ति आदेश के अनुसार रसड़ा क्षेत्र के जाम गांव निवासी ब्रजनाथ राम की नियुक्ति एक जुलाई 1999 को बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। वे पिछले कुछ वर्षों से जूनियर हाईस्कूल महाराजपुर, शिक्षा क्षेत्र रसड़ा में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। ब्रजनाथ के खिलाफ उन्हीं के गांव के श्रीराम नारायण गोंड पिछले करीब एक साल से डीएम व बीएसए से शिकायत कर रहे थे। उन्होंने अंतिम शिकायत सात नवम्बर 2022 को जिलाधिकारी से की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि ब्रजनाथ राम की दो तरह की जन्मतिथि है। पहली एक दिसंबर 1953 और दूसरी एक दिसंबर 1960। इस संबंध में उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराये गए पुख्ता प्रमाण भी दिए थे। बीएसए ने शिकायतों की जांच रसड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभिन्न स्तर पर कराई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मानव संपदा पर अपलोड अभिलेखों व सेवा पुस्तिका में उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है, जबकि उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार उन्होंने अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज, रसड़ा से 1972 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है जिसमें उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1953 है। बाद में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय, बैरिया से पूर्व मध्यमा की परीक्षा 1975 में पास की है। यहां उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है। इस प्रकार अलग-अलग विद्यालयों से जन्मतिथि में परिवर्तन करके उनके द्वारा परीक्षा दी गयी है। बीएसए के अनुसार उत्तर प्रदेश सेवा में भर्ती नियमावली 1974 में उल्लिखित है कि सरकारी सेवक की जन्मतिथि हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा के प्रमाण पत्र में अभिलिखित हो मानी जाएगी। ब्रजनाथ राम ने हाईस्कूल की परीक्षा अमर शहीद भगत सिंह इका, रसड़ा से 1972 में उत्तीर्ण कर ली थी और इस तथ्य को छिपाकर 1975 में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय बैरिया से जन्मतिथि परिवर्तित करके पूर्व मध्यमा परीक्षा पास की। यदि दो विद्यालयों से एक ही परीक्षा अलग-अलग वर्षों में उत्तीर्ण करने को नजर अंदाज भी कर दिया जाए तो जन्मतिथि में हेरा-फेरी करके परिवर्तन किया जाना नियम विरुद्ध है।

ऐसे में स्पष्ट है कि ब्रजनाथ राम तथ्यों को छिपाकर विभाग को धोखा देकर बीटीसी परीक्षा उत्तीर्ण करके गलत तरीके से सेवा में बने हुए हैं। उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान किया जा चुका है। अब उनके सेवा में बने रहने का कोई नैतिक एवं विधिक आधार नहीं रह गया है।

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