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बलियाः आठवीं में अव्वल आने वाली छात्रा को प्रधानाध्यापक ने लिया गोद, उठाएंगे पढ़ाई का सारा खर्च

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बलिया। उत्तरप्रदेश के पहली और आठवीं तक की कक्षा के परिणाम आ चुके हैं। इस कड़ी में पन्दह ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय एकईल में कक्षा 8 में छात्रा प्रीति चौहान पुत्री अंजनी चौहान ने विद्यालय में तीसरा स्थान प्राप्त किया।

छात्रा की इस उपलब्धि को देखते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरूण कुमार सिंह ने छात्रा प्रीति चौहान को गोद लिया। प्रीति नगरा ब्लॉक के ग्राम सरया गुलाब राय की निवासी है। वे पढ़ने में कुशल है, लेकिन पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है।

ऐसे में प्रधानाध्यापक ने छात्रा की पढ़ाई से लेकर शादी तक की जिम्मेदारी ली है। प्रधानाध्यापाक के इस कदम से अब प्रीति उच्च शिक्षा हासिल कर सकेगी।

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जानें कौन है बलिया से बसपा के प्रत्याशी लल्लन यादव?

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लोकसभा चुनावों में अब कुछ ही समय बाकी है। सभी प्रदेशों में अलग-अलग चरणों में चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टियां क्रमबद्ध तरीके से सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रही है।
बहुजन समाज पार्टी ने बलिया लोकसभा सीट से लल्लन सिंह यादव को मैदान में उतारा है। आईए जानते हैं लल्लन सिंह के बारे में।

लल्लन सिंह यादव गाजीपुर सदर विधानसभा के नोनहरा थाना अंतर्गत चौरही ग्राम सभा के निवासी हैं। लल्लन सिंह यादव पूर्व सैनिक हैं। लल्लन सिंह ने इंटर तक की पढ़ाई मेरी इंटर कॉलेज खालिसपुर गाजीपुर से की थी। इसके बाद वे सेना में शामिल हो गए थे। उन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध में लड़ाई लड़ी थी और वे घायल हुए थे। 2009 में वे सेना से सेवानिवृत्त हो गए थे। उन्होंने 2017 में बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की और गाजीपुर सदर से टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिला। अब इस बार के लोकसभा चुनाव में BSP ने उन पर भरोसा जाता है। उन्होंने कहा कि चुनावी मैदान में आने का अवसर मिला है। पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश करूंगा।

बीएसपी प्रत्याशी लल्लन सिंह यादव ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी ही नहीं बल्कि मिशिनरी पार्टी भी है। यही वजह है कि मैं बसपा से जुड़ा। चुनाव में मेरा मुख्य मुद्दा महंगाई, बेरोजगारी, आरक्षण है। बीएसपी के अलावा ऐसी कोई पार्टी नहीं जो समाज के बारे में सोचती हो।

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बलिया के मोहम्मद आफताब ने UPSC परीक्षा में हासिल की 512वीं रैंक

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संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में कुल 1016 कैंडिडेट्स चयनित हुए हैं। इनमें से 180 उम्मीदवार इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) और 200 उम्मीदवार इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) के लिए चुने गए हैं।

सिविल सेवा परीक्षा पास कर अधिकारी बनने वाले युवाओं की सूची में बलिया के मोहम्मद आफताब आलम का नाम भी शामिल है। मोहम्मद आफताब आलम ने बलिया के सेंट थॉमस स्कूल से क्लास 6 तक पढ़ाई करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद IIT इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से BTech किया।

उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली से UPSC की कोचिंग ली और अपनी मेहनत से परीक्षा में 512 रैंक हासिल की। मोहम्मद आफताब आलम ने अपने दूसरे प्रयास में ये सफलता हासिल की है। उनकी इस कामयाबी पर पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है। बता दें कि आफताब बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं, उनका रुझान हमेशा से सिविल सेवा की तरफ रहा है। ऐसे में उन्होंने पूरी मेहनत के साथ तैयारी की और सबसे कठिन मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की।

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बलिया के तीन युवाओं ने UPSC में लहराया परचम, जानिए उनकी सफलता की कहानी

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संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इन परिणामों में कुल 1,016 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है। UPSC की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में बलिया के युवाओं ने भी परचम लहराया है। सफल हुए 1016 युवाओं में बलिया के जयबिंद कुमार, निवेदिता चंद्र और मोनिका श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है। UPSC परीक्षा में मोनिका श्रीवास्तव को 455वीं, जयबिंद कुमार को परीक्षा में 557वीं और निवेदिता को 1008वीं रैंक हासिल हुई है। तीनों ही युवाओं की इस उपलब्धि पर उनके परिवार में हर्ष का माहौल है।

कुसौरा गांव निवासी जयबिन्द कुमार गुप्ता ने सनबीम वाराणसी से 12वीं तथा बीएचयू वाराणसी से बीएससी की परीक्षा अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद जयबिन्द ने आईआईटी मुम्बई से भू-विज्ञान से एमएससी किया। इनके पिता जयराम गुप्ता आसाम पुलिस में हवलदार है, जबकि मां मीरा गुप्ता गृहणी है। तीन भाई व एक बहन में जयबिन्द सबसे छोटे है। जयबिंद का रूझान हमेशा सिविल सेवा परीक्षा की ओर रहा, ऐसे में उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की और दूसरे ही प्रयास में सफलता हासिल की।

IPS पद पर चयनित हुए जयबिन्द का कहना है कि कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, जरूरी है उसके प्रति ईमानदारी। उन्होंने प्रतियोगियों को सुझाव दिया कि यदि आप सफल होना चाहते हैं तो आपको स्वयं के प्रति ईमानदार रहना होगा। यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आप क्या गलत कर रहे हैं और सुधार कैसे करें। प्रतिदिन का लक्ष्य खुद अपने से निर्धारित कर लें। जब आप यह सुनिश्चित कर लेंगे कि मुझे इस विषय के इस अध्याय को पूरी तरह से मनन कर लेना है तो निश्चित ही उसपर आप एकाग्रचित होकर अपने आपको समर्पित कर पाएंगे।

इधर जिले के खड़सरा निवासी ब्रजेश श्रीवास्तव और भारती श्रीवास्तव की बेटी मोनिका ने सफलता हासिल की है। मोनिका ने वर्ष 2022 की बीपीएससी की परीक्षा में ऑल ओवर छठीं रैंक हासिल की थी। फिलहाल उनका प्रशिक्षण चल रहा है। मोनिका के पिता आरडब्ल्यूडी में इंजीनियर हैं। उनकी तैनाती फिलहाल समस्तीपुर में है। जबकि मां भारती श्रीवास्तव औरंगाबाद में अध्यापिका हैं।

निवेदिता चंद्रा उचेड़ा गांव की रहने वाली हैं। यूपीपीसीएस- 2021 में निवेदिता का डिप्टी एसपी पद पर चयन हुआ था। फिलहाल वह प्रशिक्षण ले रही हैं। निवेदिता के पिता स्व. दीनानाथ राम समाज कल्याण अधिकारी थे। वर्ष 2019 में वे रिटायर हुए। 2021 में उनका निधन हो गया। जबकि मां पूनम बेसिक शिक्षा विभाग में प्रयागराज में अध्यापिका हैं। वर्ष 2019 में बीआईटी मेसरा से बीटेक करने के बाद निवेदिता ने उसी वर्ष दिल्ली में जाकर कोचिंग लिया। इसके बाद उनका चयन डिप्टी एसपी पद पर हो गया। यूपीएससी में उनका विषय राजनीति शास्त्र एवं इंटरनेशनल रिलेशन था।

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