बलिया में इन्फ्लूएंजा के नए वायरस एच 3 एन 2 का खतरा बढ़ गया है। इसको देखते हुए जिला अस्पताल से सीएचसी पीचएसी पर सतर्कता बढ़ा दी है। बदलते मौसम में चिकित्सक मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
बता दें कि अस्पताल के ओपीडी और वार्डों में डॉक्टर-कर्मचारी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं और मरीजों को भी कोविड नियमों के पालन का निर्देश कर रहे है। जिला अस्पताल में 10 बेड व बसंतपुर सीएचसी पर कोविड काल के दौरान ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य संसाधन तैयार हैं।
बीमारी के प्रकोप से निटपने के लिए आरटीपीसीआर जांच की संख्या में इजाफा हुआ है। रोज 100 से 150 लोगों की जांचे हो रही है। अब तक किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है। चिकित्सक वायरस से बचाव के लिए मास्क व दूरी बनाने, कुछ देर पर हाथ धोने और और सतर्कता बरतने की भी सलाह दे रहे है। लक्षण होने पर तत्काल डॉक्टरों से सलाह लेकर ही दवा का प्रयोग करने को कह रहे है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर दिवाकर सिंह का कहना है कि जिला अस्पताल में इन्फ्लूएंजा वायरस को खतरे को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है। मेडिकल वार्ड के बगल में 10 बेड का स्पेशल इन्फ्लुएंजा वार्ड रखा गया है। उसमें मरीज के इलाज के सभी संसाधन मौजूद है। साफ-सफाई पर विशेष सावधानी बरती जा रही है।
वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जयंत कुमार के अनुसार, इन्फ्लुएंजा वायरस को देखते हुए जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी पर संसाधन मौजूद है। लक्षण वाले मरीजों के लिए दवाएं प्रर्याप्त रूप से मौजूद है। कोविड काल के दौरान एल 1, एल 2 अस्पतालों पर मौजूद सभी संसाधन दुरूस्त कर दिए गए है। आक्सीजन की प्रर्याप्त सुविधा मौजूद। आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ा दी गई है। जरूरी हुआ तो रोड़वेज व रेलवे स्टेशन पर भी जांच करवाई जाएगी।
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