बैरिया
बलिया- घाघरा की लहरों ने लोगों का जीना किया दुश्वार, घर छोड़ने पर हुए मजबूर

बाढ़ ने बलिया जिले के लोगों का जीवन दुभर कर दिया है। जिले के बैरिया तहसील के सुरेमनपुर दियरांचल के गोपालनगर के रहवासी इन दिनों घाघरा की खतरनाक लहरों का सामना कर रहे हैं। घाघरा नदी की लहरों के चलते किनारों पर भयानक कटाव देखने को मिल रही है। कटाव के डर से आसपास के लोग अपनी जगह बदलने पर मजबूर हैं। सुरेमनपुर में लगभग सौ एकड़ से ज्यादा उपजाऊ जमीन कटाव की जद में आ चुकी है। जिसके चलते लोगों की फसलें व्यापक तौर पर तबाह हो चुका है।घाघरा नदी की लहरों के चलते हो रहे कटाव से भयभीत होकर गोपालनगर की कुछ बस्तियों के लोग खुद ही अपना घर उजाड़ रहे हैं ताकि दूसरे इलाकों में अपनी झोपड़ी रख सके। अपना घर हटा रहे लोगों का कहना है कि घाघरा नदी की लहरें कब आकर हमारा घर बहा ले जाएंगी कोई कह नहीं सकता। ऐसे में अगर अचानक इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई तो हमारे घर का करकट भी नहीं बच सकेगा। इसलिए पहले ही हमलोग यहां से दूसरी जगह जा रहे हैं।
गोपालनगर के करीब लगभग आधा दर्जन से ज्यादा लोग अपना ठीकाना बदल चुके हैं। ऐसे में लोग सुरेमनपुर रामबालक बाबा मठ के पूरब पुराने रेलवे लाइन के पास आकर बस गए हैं। ऐसे लगभग आधा दर्जन से ज्यादा परिवार यहां रेलवे लाइन के पास रहने पर मजबूर हैं। हालांकि ऐसी स्थिति के बावजूद भी इन लोगों का हाल पूछने ना कोई जन प्रतिनिधि आ रहा है और ना ही कोई सरकारी अधिकारी। लोग अपने हाल पर छोड़ दिए गए हैं। घाघरा की लहरों के आतंक के साए में लोग जैसे-तैसे दिन गुजार रहे हैं।
गोपालनगर के लोगों की मांग है कि स्थिति को देखते हुए तत्काल सरकारी सहायता पहुंचाई जाए। उनके रहने के लिए किसी सरकारी शिविर की व्यवस्था की जाए। साथ ही राशन का भी इंतजाम किया जाए।


बलिया
बलिया- तहसीलदार ने बुजुर्ग वकील को फर्श पर पटका, विरोध में वकीलो का धरना

बलिया। बैरिया तहसील में शनिवार को उस समय हंगामा हो गया जब तहसीलदार ने एक बुजुर्ग अधिवक्ता को फर्श पर पटक दिया। जिससे नाराज अधिवक्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। तहसील के सभी कार्यालयों और न्यायालयों में ताला बंदी कर दी गई। साथ ही तहसीलदार को निलंबित करने की मांग को लेकर धरने पर बैठक गए। हालांकि अधिकारियों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। इसके अलावा कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
दरअसल अधिवक्ता प्रेमचंद श्रीवास्तव किसी समस्या के समाधान के लिए संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे। इस दौरान तहसीलदार से आग्रह करने पर वह नाराज हो गए और अधिवक्ता की गर्दन पकड़कर फर्श पर पटक दिए। यह देख जनता और अधिकारी सन्न रह गए। पुलिस वालों ने अधिवक्ता को सहारा देकर उठाया। घटना से आक्रोशित अधिवक्ता तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एसडीएम से तहसीलदार को बाहर निकालने की मांग करने लगे। तब पुलिस वालों ने एसडीएम के साथ मिलकर मामला संभाला। सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता तहसील बंद कराने के बाद तहसील के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए।
नाराज अधिवक्ता मौके पर डीएम और एसपी को बुलाने की मांग करने लगे। कुछ देर बाद अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व राजेश सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गाप्रसाद तिवारी व बांसडीह सीओ राजेश तिवारी मौके पर पहुंचे। अधिवक्ताओं ने अपर जिलाधिकारी से तहसीलदार को तत्काल निलंबित करने, उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने व विभागीय जांच कराने की मांग की। और अपर पुलिस अधीक्षक को तहरीर दी। कार्रवाई के आश्वासन के बाद अधिवक्ता शांत हुए। वहीं तहसीलदार को पुलिस सुरक्षा में बलिया भेज दिया गया। अपर जिलाधिकारी ने कहा कि किसी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। जिलाधिकारी से परामर्श कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैरिया
लाल बालू : काली कमाई से बलिया पुलिस हो रही लाल, ट्रकों के लिए अलग तो ट्राली के लिए अलग रेट तय

बैरिया। बालू के अवैध कारोबार के बीच ओवरलोडिंग का खेल भी धड़ल्ले से बढ़ता जा रहा है। इस लाल बालू की काली कमाई से पुलिस लाल हो रही हैं। यह खेल चेकपोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से चल रहा है। वर्तमान समय में अवैध लाल बालू का परिवहन जयप्रकाश नगर व जयप्रभा सेतु मांझी के रास्ते ओवर लोड बालू ट्रक व ट्रैक्टर-ट्राली से वहां से निकलते हैं। चालक ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली लेकर जयप्रकाश नगर चौकी व चांददियर चेक पोस्ट पार करते हुए बैरिया सर्किल क्षेत्र के बैरिया, दोकटी, रेवती, हल्दी थाने के सामने से होते हुए जिले के विभिन्न जगहों व गैर जनपदों में जाते हैं।
जिला खनन पदाधिकारी व परिवहन विभाग भले ही यह कहे कि पुलिसकर्मियों की मिली भगत में अवैध बालू परिवहन का खेल चलता है। लेकिन सत्य तो यह है कि खनन विभाग व परिवहन विभाग का इस खेल में पूरी तरह मिली भगत मानी जाती है। वहीं बालू के इस खेल को अनवरत जारी रखने के लिए रास्ते में पड़ने वाले थानों द्वारा जमकर वसूली होती है। सूत्रों की मानें तो इसके लिए अलग-अलग रेट बंधा है और बालू के एजेंट इसकी वसूली करते हैं। जानकारी के अनुसार बिहार से जयप्रभा सेतु के रास्ते प्रतिदिन 300 से 500 ओवर लोड लदे लाल बालू ट्रैक्टर आते हैं। वहीं क्षेत्र में मनमाने कीमत पर बेचा जाता है।
सूत्र बताते हैं कि चांददियर पुलिस पिकेट व जयप्रकाश नगर चौकी पुलिस द्वारा थाने के नाम पर प्रति ट्राली 200 से 250 रुपये की वसूली की जाती है। वहीं ट्रकों के लिए अलग-अलग रेट तय है।बताया जाता है कि ओवरलोड ट्रकों की जांच करने के लिए कभी-कभार पदाधिकारी भी निकलते हैं।वैसे तो यह जांच औचक कही जाती है लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से इसकी जानकारी चेकपोस्ट से लेकर ट्रक चालकों तक सभी को होती है।ऐसे में जांच के लिए निकले पदाधिकारियों को या तो खाली हाथ आना पड़ता है या फिर एक-दो ट्रकों पर कारवाई कर अपनी खानापूर्ति कर लेते हैं।
बैरिया क्षेत्र में पहले शाम ढलते ही अवैध लाल बालू लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों के निकालने का काम शुरू हो जाता है।फिर देर रात तक सड़कों पर अवैध बालू के ट्रैक्टर दौड़ते रहते हैं।लेकिन अब यह कारोबार दिन-रात चलता है। परंतु इन्हें देखने व रोकने के लिए कोई नहीं है।पुलिस व खनन विभाग के अधिकारी आपसी मिलीभगत के कारण मौन हैं।सबकुछ जानने के बावजूद खनन विभाग के अधिकारी बेखबर बने हुए हैं।जानकारों का कहना है बालू का अवैध कारोबार पुलिस की कमाई का जरिया बन गया है।अगर सूत्रों की मानें तो अवैध लाल बालू के अवैध कारोबार से हुए अवैध वसूली के पैसे में से जिले का आलाधिकारियों का भी हिस्सा बनना हुआ है।
यही कारण है कि आलाधिकारी सबकुछ जानते हुए भी अवैध लाल के खेल को रोकने में अपनी रूचि नहीं दिखाते हैं।जिससे बालू कारोबारियों व क्षेत्रीय पुलिस बेधड़क इस खेल को बड़े ही निश्चिंतता के साथ करते हैं।
रिपोर्ट- तिलक कुमार
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जीत के बाद बोले बैरिया विधायक, मैं सेवक हूं, शासक नहीं, विकास मेरी प्राथमिकता

बलिया की बैरिया विधानसभा सीट पर सपा को जीत मिली है। यहां से सपा के जयप्रकाश अंचल यहां से विधायक चुने गए हैं। विधायक बनने के बाद जयप्रकाश अंचल का बयान सामने आया है।
उन्होंने जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि विकास मेर प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि छोटे लोहिया पं. जनेश्वर मिश्र व सम्पूर्ण क्रान्ति के प्रणेता लोक नायक जय प्रकाश नरायण की धरती के लोगों का विश्वास टूटने नहीं दूंगा। मैं सबके विकास के लिए काम करूंगा। मैं सबकी बाते सुनूंगा सबका सहयोग करूँगा। मैं यहां का सेवक हूँ। शासक नही हूँ।
वहीं प्रदेश में सपा की सरकार न बनने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी पार्टी इस बार सत्ता में नहीं आई है। हम लोग विपक्ष में है। सरकार विपक्षियों की बात कितनी गम्भीरता से लेती है यह तो आने वाला समय बताएगा। परन्तु जितना हो सकेगा इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास करूंगा। इसके साथ ही अंचल ने कहा कि कई काम अधूरे हैं। शिक्षा,चिकित्सा,सड़क, बिजली,पेयजल की समुचित व्यवस्था व बाढ़, कटान का स्थायी निदान मेरी प्राथमिकता है। मैं सभी अधूरे कामों को पूरा करवाउंगा।
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