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Exclusive- क्या इस बड़े अधिकारी की लापरवाही बनी सीएमओ की मौत की वजह?

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बलिया डेस्क : बलिया में तैनात सीएमओ डा. जितेंद्र पाल का सोमवार को लखनऊ के पीजीआई में कोरोना वायरस से निधन हो गया । दिवंगत सीएमओ बीते 29 दिसंबर को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, तभी से उनका लखनऊ पीजीआई में इलाज चल रहा था। लेकिन सोमवार की सुबह उनका निधन हो गया। सीएमओ के निधन से पूरे जिले में शोक की लहर है, लेकिन अब ऐसा घटनाक्रम सामने आया है जिसे सुनकर आपकी भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।

सूत्र की मानें तो एनआरएचएम के एक अधिकारी बीते 25 दिसंबर को कोरोना पाजिटिव पाए गए थे, नियमत: उनको होम आइसोलेशन में रहना चाहिए था। लेकिन अधिकारी ने लापरवाही की पराकाष्ठा पार करते हुए अपने कार्यालय पर ही जमे रहे और रोजाना सीएमओ आफिस उनका आनाजाना लगा रहता था। इस बीच बीते 29दिसंबर को सीएमओ भी कोरोना पाजिटिव पाए गए थे और आज यानी सोमवार को उनका निधन हो गया। मामले का खुलासा कुछ यूं हुआ कि अधिकारी ने अपने अधीनस्थ पुष्पेंद्र को काम पर बुलाया था, जब पुष्पेंद्र कार्यालय नहीं पहुंचे तो अधिकारी ने उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया, इसके जवाब में पुष्पेंद्र ने जो जवाब दिया वह वास्तव में चौंकाने वाला है।

पुष्पेंद्र ने क्या कहा लेटर में
पुष्पेंद्र ने मुख्य चिकित्साधिकारी को लिखे गए लेटर में साफ कहा है कि एनआरएचएम के अधिकारी विगत २५ दिसंबर को कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। नियमत: उन्हें होम आइसोलेशन में रहना चाहिए, लेकिन उनके द्वारा सारे पाबंदियों का उल्लंघन किया गया है और वे कार्यालय में ही रह गए। मेरे द्वारा कई बार उनको एल-१ अस्पताल में भर्ती होने की सलाह भी दी गई है। लेकिन उन्होंने नहीं सुना। ऐसे में मैं काम पर नहीं गया।

क्या बोले जिलाधिकारी

इस सिलसिले में जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही से बात करने पर उन्होंने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। खैर डीएम है तो बात माननी ही पड़ेगी। लेकिन सवाल उठना लाजिमी है कि जब स्वास्थ्य महकमे का ही एक कर्मचारी इस तरह का पत्र सीएमओ को लिखता हैं और महकमे के एक अधिकारी कोरोना पाजिटिव है तो उनको होम आईसोलेशन में ही रहना चाहिए। हम इस पर दावा तो नहीं कर सकते कि सीएमओ को डीपीएम से कोरोना हुआ है, लेकिन इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता!

रिपोर्ट – तिलक कुमार

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बलिया में सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो वायरल करने वाले युवक पर मुकदमा दर्ज

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बलिया के बांसडीहरोड थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने के मामले में पुलिस ने एक युवक पर नामजद मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि युवक ने एक युवती के अश्लील वीडियो बना रखे हैं और बार बार उन्हें वायरल करके किशोरी को बदनाम कर रहा है। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने आरोपी युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

जानकारी के मुताबिक, इलाके के एक गांव की रहने वाली युवती को टकरसन निवासी पवन वर्मा कई दिनों से परेशान कर रहा है। युवती का आरोप है कि कुछ दिनों पहले आरोपी ने सोशल मिडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर अश्लील फोटो और वीडियो डालकर बदनाम करने की कोशिश की है। पीड़िता का कहना है कि अब तक तीन बार विवाह तय हो चुका है, लेकिन पवन के चलते हर बार वह ससुराल पक्ष के लोगों के व्हाट्सएप पर अश्लील फोटो व वीडियो भेजकर शादी तुड़वा चुका है।

तीन बार युवती का रिश्ता टूट चुका है। युवती का कहना है कि आरोपी युवक किसी भी तरह से मेरी शादी नहीं होने दे रहा है। इस सम्बंध में एसओ अखिलेश चंद्र पांडेय का कहना है कि तहरीर के आधार पर आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। इधर युवती के परिवारवालों ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है।

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बलिया में नक्सलियों के 11 ठिकानों पर NIA ने मारा छापा

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बलिया में एनआईए ने नक्सलियों के 11 ठिकानों पर शनिवार को छापा मारा, जहां से तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। एनआईए ने यह कार्रवाई पिछले साल यूपी एटीएस द्वारा बलिया में पकड़े गए पांच नक्सलियों पर दर्ज केस को टेकओवर करने के बाद की है।

बता दें कि यूपीएटीएस ने 15 अगस्त, 2023 को बलिया से नक्सली संगठनों में नई भर्तियां करने में जुटी तारा देवी के साथ लल्लू राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत राजभर व विनोद साहनी को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के कब्जे से नाइन एमएम पिस्टल भी बरामद हुई थी। जांच में सामने आया है कि तारा देवी को बिहार से बलिया भेजा गया था। वह वर्ष 2005 में नक्सलियों से जुड़ी थी और बिहार में हुई बहुचर्चित मधुबन बैंक डकैती में भी शामिल थी।

इसके अलावा लल्लू राम उर्फ अरुन राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राममूरत तथा विनोद साहनी की गिरफ्तारी हुई थी। ये सभी बिहार के बड़े नक्सली कमांडरों के संपर्क में थे।

एनआईए की अब तक की जांच के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश समेत उत्तरी क्षेत्र अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है। जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि भाकपा (माओवादी) के नेता, कार्यकर्ताओं और इससे सहानुभूति रखने वाले, ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) इस क्षेत्र में संगठन की स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

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कोलकाता-वाराणसी जलमार्ग शुरू, लेकिन बलिया के उजियार घाट पर नहीं रुकता जहाज, लोग निराश

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केंद्र सरकार ने कोलकाता-वाराणसी जलमार्ग को शुरू कर दिया है, लेकिन इसका फायदा बलिया वासियों को नहीं मिल पा रहा है। चितबड़ागांव के उजियार घाट पर कोई भी मालवाहक जहाज नहीं रुक रहे हैं। लोग दूर से ही जहाजों को निहार रहे हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ वाराणसी कोलकाता मार्ग के उजियारघाट में गत 11 नवंबर 2022 को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सात जेटी का एक साथ लोकार्पण किया।

कोलकाता से वाराणसी तक गंगा नदी में जल परिवहन शुरू करने के लिए बलिया में मालवाहक जहाजों वातानुकूलित क्रूज को ठहरने के लिए पहला जेटी सरयां उजियार गंगा तट पर स्थापित किया गया। इस तट पर बड़ी तैयारी की गई थी। सरकार और अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि जेटी स्थापित होने के बाद यहां पर क्रूज और मालवाहक जहाज रूकेंगे और उजियार घाट पर रौनक लौट आएगी, पर ऐसा नहीं हुआ।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, 13 जनवरी 2023 को वातानूकुलित गंगा विलास क्रूज को वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर डिब्रूगढ़ के लिए रवाना किया लेकिन गंगा विलास क्रूज बक्सर के रामरेखा घाट के पास रूका। गुरुवार को भी एक मालवाहक जहाज उजियार गंगा तट से वाराणसी के तरफ निकल गया, लेकिन ये उजियार घाट पर नहीं रुका। इससे जनता में घोर निराशा है। लोगो का कहना है कि पहले सरकार ने उजियार घाट पर जहाज रुकने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इससे काफी ज्यादा परेशानी हो रही है और लोगों को कुछ लाभ भी नहीं मिल रहा है।

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