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पूर्वांचल

बलिया: एंबुलेंस ना होने की वजह से मौत का ये पहला मामला नहीं, इससे पहले हुआ था ये मामला

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एक साथ कितने इत्तेफाक हो सकते हैं? सवाल ज़रा दार्शनिक सा है लेकिन बलिया ज़िले में हुई एक घटना और उसकी टाइमिंग ने ये प्रश्न खड़ा कर दिया है। दो साल यही अप्रैल का महीना था। जब एक शख्स को कुछ लोग ठेले पर लादकर ले गए और अंत में उसकी मौत हो गई।
साल बाद फिर वही अप्रैल का महीना है। एक अधेड़ अपनी बीमार पत्नी को लेकर ठेले पर दौड़ता रहा लेकिन उसे बचा नहीं सका।

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो और तस्वीर जमकर वायरल हुई। तस्वीर में एक बुजुर्ग अपनी बीमार पत्नी को चिलचिलाती धूप में ठेले पर ले जाता दिख रहा है। ठेले पर इसलिए ले जाता देख रहा है क्योंकि बलिया में उसे सरकारी एंबुलेंस तक नहीं मिल पाई। प्राइवेट एंबुलेंस की लूट उसकी जद से बाहर की चीज थी।

क्या है मामला: बलिया ज़िले के चिल्कहर ब्लॉक में अंदौर नाम का एक गांव है। अंदौर में ही 60 साल के सुकुल प्रजापति और उनकी पत्नी जोगिनी रहते हैं। उम्र का तकाजा है तो जोगिनी की तबियत एक दिन अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में सुकुल प्रजापति अपनी पत्नी को ठेले पर लादकर ही चिल्कहर के पीएचसी लेकर पहुंचे।

सुकुल प्रजापति के अनुसार पीएचसी में जोगिनी को एक इंजेक्शन दिया गया। उसके बाद बगैर किसी रेफर पेपर के ही ज़िला अस्पताल जाने को कह दिया गया। कायदे से पीएची पर अगर जोगिनी की तबियत इतनी ख़राब थी कि उन्हें ज़िला अस्पताल भेजना पड़ा तो एंबुलेंस की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। लेकिन बगैर एंबुलेंस के ही सुकुल प्रजापति को कह दिया गया कि वो अपनी पत्नी को लेकर ज़िला अस्पताल चले जाएं।

पीएचसी से सुकुल प्रजापति अपनी पत्नी को फिर ठेले पर लादकर घर पहुंचे। पैसे का इंतजाम किया और फिर एक किराए के ऑटो से अपनी पत्नी को लेकर ज़िला अस्पताल पहुंचे। सुकुल प्रजापति ने ज़िला अस्पताल पर आरोप लगाया है कि अस्पताल में जांच के नाम पर उनसे 350 रुपए लिए गए। इसके बाद इलाज के दौरान ही सुकुल प्रजापति की पत्नी जोगिनी की मौत हो गई।

एक अदद एंबुलेंस के ना होने की वजह से जोगिनी की इलाज में देरी हुई और उनकी मौत हो गई। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश भर में घूम-घूमकर अपनी पीठ थपथपाती रहती है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है। सरकार दावा करती है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। लेकिन जब बलिया में पिछले 2 की घटनाओं पर ही नजर डालते हैं तो दिखता है कि इस क्षेत्र का हाल पहले जितनी बुरी थी अब भी उतनी ही बुरी बनी हुई है।

2 साल पहले क्या हुआ था: 2 साल पहले यानी 2020 की बात है। अप्रैल का महीना था। तब भी एंबुलेंस ना होने की वजह से बलिया के स्वास्थ्य सेवाओं और ज़िला अस्पताल की पोल पट्टी खुल गई थी। मामला ये था कि एक शख्स को लेकर कुछ लोग इलाज के लिए ज़िला अस्पताल पहुंचे। पहले तो ज़िला अस्पताल में उचित इलाज ना मिलने की वजह से शख्स की मौत हो गई। उसके बाद शव को ले जाने तक के लिए अस्पताल की ओर सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई।

ठेले पर लादकर शव ले जाते लोग, 2020 का मामला

ठेले पर लादकर शव ले जाते लोग, 2020 का मामला

प्राइवेट एंबुलेंस की सेवा की लूट से हर कोई परिचित है। नतीजा ये हुआ कि अप्रैल की चिलचिलाती धूप में 3-4 लोग ठेले पर ही शव लेकर गांव के लिए निकल पड़े। ठेले पर शव ले जाते लोगों का वीडियो वायरल हुआ तो चारों ओर हंगामा कट गया। हर तरफ इसे लेकर बहस छिड़ गई। अंत में तात्कालिक जिलाधिकारी हरि प्रताप सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए। संयुक्त मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था। हालांकि जांच का नतीजा क्या हुआ ये किसी को नहीं पता।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश: दो साल बाद जब एक बार फिर जब करीब एक ही तरह की घटना का दोहराव हुआ है तो सभी की भौंहे फिर खड़ी हो गई हैं। सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। उत्तर प्रदेश के नए-नवेले डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। देखना होगा कि इस मामले की जांच में क्या कुछ निकल कर सामने आता है। सवाल ये भी कि क्या जांच पूरी होगी और इस मामले में कोई कार्रवाई भी होगी? या महज खानापूर्ति के लिए के जांच के आदेश दिए गए हैं।

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बलिया के मुफ़्त स्वास्थ्य कैंप में उमड़ा जनसैलाब, ‘दयाल फाउंडेशन’ को लोगों ने बताया मसीहा!

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बलिया के बांसडीह (Bansdih) में शनिवार को राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन (Rajesh Singh Dayal Foundation) की ओर से दो दिवसीय मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। मेडिकल कैंप के पहले दिन ही रिकार्ड तोड़ भीड़ उमड़ पड़ी। बांसडीह इन्टर कालेज  (Bansdih Inter College) में लगे कैंप में  मरीजों को देखने के लिए लखनऊ (Lucknow) से आयी चिकित्सकों की टीम द्वारा नि:शुल्क दवाइयां भी दी गयी। पहले दिन यहाँ तकरीबन 3500 लोगों का मुफ़्त इलाज किया गया।

Rajesh Dayal Foundation

स्वास्थ्य शिविर (Medical Camp) में पहुंचे मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए एडमिशन कांउटर,चिकित्सक कक्ष,जांच कक्ष से लेकर दवा वितरण कक्ष तक पर वालेंटियर तैनात थे। जो मरीजों का हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर थे।शिविर के आयोजक तथा समाजसेवी राजेश सिंह दयाल स्वयं बराबर चक्रमण करते हुए अपनी नज़र रखे हुए थे। वे स्वयं भी मरीजों की सहायता कर रहे थे।

शिविर में ईसीजी (EGC),ब्लड टेस्ट (Blood Test) आदि की भी व्यवस्था थी। चिकित्सकों के परामर्श पर मरीजों का न केवल विभिन्न टेस्ट किया गया बल्कि नि:शुल्क दवा ( Free Medicine)भी वितरित किया गया।

मेडिकल कैंप (Medical Camp) में इलाज कराने पहुंचे मरीजों‌ ने की सराहना

मेडिकल कैंप  में इलाज कराने पहुंचे पुष्पा देवी, मोहम्मद शब्बीर,कुमारी रूबी,कुमारी जानकी,राधिका देवी,रमेश राम आदि ने कहा कि

“स्वास्थ्य शिविर से क्षेत्रवासियों को लाभ मिल रहा है। यहां जो सुविधा उपलब्ध है इससे पहले कभी नहीं हुई । चिकित्सकों का उचित परामर्श,टेस्ट तथा नि:शुल्क दवाएं मिल रही है। ऐसा शिविर अगर क्षेत्र में हमेशा लगता रहे तो निश्चित ही लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात मिलने में सहायक होगा। यह कार्य बेहद सराहनीय है और इस तरह के कार्य हमेशा होना चाहिए। यह इलाका पिछड़ा है और इस शिविर से यहां के लोगों को काफी लोगों को इससे फ़ायदा मिल रहा है। दयाल फाउंडेशन यहाँ के लोगों के लिए एक तरह से मसीहा का काम कर रहा है”

स्वास्थ्य शिविर के आयोजक समाजसेवी राजेश सिंह दयाल (Rajesh Singh Dayal)  ने कहा कि दूर दराज के क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य की जरूरत है।आज भी स्वास्थ्य लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। ऐसे लोगों को स्वास्थ्य की सुविधा हो जाए इसके लिए हम लोग काम कर रहे हैं। कहा कि इस प्रकार का स्वास्थ्य शिविर हमेशा जारी रहेगा।कहा कि लगातार काम करना है बच्चों की शिक्षा पर,कुपोषण पर कार्य करना है।

उन्होंने कहा कि अभी बहुत काम बाकी है। राजेश सिंह (Rajesh Singh) ने कहा कि अगर यहाँ डॉक्टर मरीजों को चिकित्सक रेफर करते हैं तो उनका इलाज लखनऊ ले जा कर कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 से यह कार्य लगातार जारी है।

 

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बलिया DM ने किया कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण, बलिया में मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर दिए ये निर्देश

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बलिया जिलाधिकारी रविंद्र कुमार बांसडीह मैरीटार मार्ग स्थित पिंडहरा गांव में बघौली मौजे में आयोजित होने वाले महिला सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जनसभा स्थल, हैलीपेड,सेफ हाउस और रास्ते की मरम्मत और घास फूस एवं झाड़ियों की कटाई एवं साफ-सफाई के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने अपनी टीम लगाकर उपलब्ध भूमि की पैमाइश करवाकर जनसभा स्थल और हैलीपेड के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित की।

इस कार्यक्रम स्थल के लिए धान की फसल को कटवा लिया गया है और बचे धान की फसल को कटवा लिया जाएगा। इसके बाद जिलाधिकारी ने पास स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस की रंगाई पुताई करवाकर, शौचालय सहित अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश अधिशासी अभियंता को दिए।

जिलाधिकारी ने कार्यक्रम स्थल के मंच से 60 मीटर दूर हैलीपेड और जनसभा स्थल से कुछ मीटर की दूरी पर पार्किंग की व्यवस्था करने करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों में तेजी लाने और अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।

इस निरीक्षण के दौरान सीआर‌ओ त्रिभुवन, अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा शंकर तिवारी,एसडीएम राजेश गुप्ता सहित अन्य अधिकारी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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भाजपा नेता राजेश सिंह दयाल ने परेशान हाल बुजर्ग महिला का कराया इलाज, जीता सबका दिल !

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सलेमपुर/ बलिया :  सलमेपुर लोकसभा के मशहूर समाजसेवी राजेश सिंह दयाल के एक काम ने लोगों का दिल जीत लिया। यूं तो राजेश सिंह लगातार अपने कामों सामाजिक कामों की वजह से चर्चा में रहते हैं। लेकिन इस बार जो हुआ उसकी हर जगह सराहना हो रही है।

बता दें कि सलेमपुर के रहने वाले अरुण चौहान की मां काफी बीमार थीं। उन्हें किडनी और लिवर में कुछ समस्या थी। वे अपनी मां को लेकर लखनऊ पीजीआई पहुंचे, लेकिन वहां हॉस्पिटल स्टाफ छुट्टी पर होने के चलते उनकी मां का इलाज नहीं हो पाया।

इसके बाद परेशान अरुण ने राजेश सिंह को फोन दिया। राजेश सिंह दयाल ने तत्परता दिखाते हुए फौरन महिला को पीजीआई लखनऊ में भर्ती करवाया और उनका इलाज करवाया। राजेश सिंह पिंडी में लगे मुफ्त स्वास्थ्य केंद्र में अरुण चौहान से मिले थे। इसी दौरान उन्होंने उनकी मां का इलाज पीजीआई में करवाने का वादा किया था। राजेश सिंह ने जो वादा किया, उसे निभाया भी और महिला का इलाज करवाया।

गौरतलब है कि सलेमपुर लोक सभा में स्वास्थ व्यवस्था बेहद लचर है। जिसको देखते हुए राजेश सिंह की संस्था दयाल फाउंडेशन लागतार इस इलाके में स्वास्थ कैंप आयोजित कर रही है। इस संस्था से अबतक 1 लाख लोग फायदा उठा चुके हैं। ये कैंप सभी के लिए एकदम फ्री लगाया जाता है। अबतक ये कैंप बलिया के बेलथरा रोड, सिकदंरपुर , रेवती, वहीं देवरिया के भाटपार , पिंडी , सलेमपुर में आयोजीत हो चुका है। दयाल फाउंडेशन की तरफ से बताया गया है कि आगामी नवम्बर माह में बांसडीह , नगरा समेत कई इलाकों में कैंप आयोजित किया जाएगा।

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