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बलियाः 10 साल बीते पर अब तक बनकर तैयार नहीं हुआ मांझी रेल पुल

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बलिया में विकास कार्यों की रफ्तार कितनी धीमी है, इसका अंदाजा लगाने के लिए मांझी रेल पुल ही काफी है। पिछले 10 सालों से निर्माणाधीन इस पुल का काम आजतक पूरा नहीं हुआ है। लोग अब भी पुल के पूरी तरह बनने की बांट जोह रहे हैं लेकिन पुल कब तक बनकर तैयार होगा यह कहना मुश्किल है।

बता दें कि साल 1856 में अंग्रेज इंजीनियर इंचकेप ने इसका निर्माण करवाया था। साल 1993 में भूंकप के झटके से पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इस पुल को सुधवाया गया तब से पुल पर राजधानी सहित दर्जनों मेल एक्सप्रेस, मालगाड़ी व पैसेंजर गाड़ियों का आवागमन जारी है।

150 साल पुराना यह पुल धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। लिहाजा इसके ठीक पास में वाराणसी-छपरा रेलखंड पर बकुल्हा मांझी रेलवे स्टेशनों के बीच सरयू नदी पर लगभग 300 करोड़ की लागत से नया पुल बन रहा है। लेकिन इसका निर्माण काफी धीमी गति से हो रहा है।

पिछले 10 सालों से बन रहे इस पुल का 95 फीसदी काम पूरा हो गया है लेकिन पुलिस का एक पाया निर्माण के साथ ही टेढ़ा हो गया। जिसकी मरम्मत में वक्त लगेगा। कहा जा रहा है कि पुल 6 महीने बाद ही बनकर तैयार हो पाएगा।

पूर्वोत्तर रेलवे जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि मांझी रेल पुल का कार्य जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए कार्यदायी संस्था को आदेशित किया गया है, सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो गर्मी के मौसम में नए रेल पुल पर ट्रेनें दौड़ने लगेगी।

 

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बलिया: मारपीट से जुड़े मामले में इंसाफ न मिलने पर पीड़ित ने एसपी से लगाई गुहार

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बलिया पुलिस में इंसाफ न मिलने पर बिशुनीपुर निवासी प्रशांत कुमार ने पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने बताया कि बीते 10 मार्च को 40 से 50 की संख्या में बदमाशा मेरे घर में घुसकर मारपीट किए। उसमें से जो मुख्य आरोपी है वह तथाकथित भाजपा नेता भी है। मारपीट में मेरे घर के लोगों को काफी चोटें आईं।

पीड़ित ने बताया कि बदमाशों ने घर में तोड़फोड़ भी की। इस मामले में कोतवाली में तहरीर दी गई, लेकिन कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने के बजाय उल्टे मेरे ही परिवार के उपर क्रास कराने की धमकी दी।

अब पीड़ित प्रशांत कुमार सिंह उर्फ विक्की ने पुलिस के सामने न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों के ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई कर उन्हे गिरफ्तार किया जाए। फिलहाल पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

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बलिया: संपूर्ण समाधान दिवस पर हुई चूक के मामले में चौकी प्रभारी और सिपाही निलंबित

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बलिया में संपूर्ण समाधान दिवस पर पहुंचे एक युवक ने अधिकारियों के सामने ही खुद पर चाकू से आत्मघाती हमला कर दिया था। युवक का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। इस मामले में लापारवाही बरतने वाले अधिकारियों पर प्रशासन की गाज गिरी है। प्रशासन ने बांसडीह चौकी प्रभारी राजेश सिंह और सिपाही प्रदीप कुमार को निलंबित कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक, पिंडहरा निवासी सनोज गोंड़ संपूर्ण समाधान दिवस पर शिकायत करने पहुंचा था। एसपी से बात कर रहा था। इस बीच किसी बात को लेकर आक्रोशित हो गया और चाकू से कई बार खुद पर वार कर लिया। बताया जा रहा है कि छह महीने से पीड़ित थाना और तहसील में चक्कर काट रहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इससे परेशान होकर उसने आत्मघाती कदम उठाया।

इस घटना के बाद डीएम रवींद्र कुमार ने एसडीएम और सीओ की संयुक्त टीम बना दी तो वहीं एसपी देवरंजन वर्मा ने सुरक्षा में हुई चूक की जांच कराने को कहा। इस मामले में हैरानी की बात ये रही कि प्रकरण की जांच करने के लिए बनाई गई टीम चौबीस घंटे बाद भी फरियादी के घर नहीं पहुंची। मामले को लेकर पुलिस और राजस्व विभाग एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहे हैं। अब मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। सुरक्षा में हुई चूक के लेकर चौकी प्रभारी और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।

मामले की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, बांसडीह कोतवाली के पिंडहरा गांव में 2015 में शिकायतकर्ता की मां प्रभावती देवी सहित अन्य तीन चार लोगों निलकर भूमि खरीदी थी। सभी आपस में हिस्से की जमीन का बंटवारा कर लिया था। इस बीच प्रभावती के बेटे सनोज गोंड और अशोक के बीच प्रस्ताव छज्जा निर्माण का विवाद चल रहा था। 18 जनवरी को सनोज गोंड ने दीवानी न्यायालय में बाद दखिल किया था, जो विचारधीन है।

पीड़ित युवक ने कई माह में अपनी समस्या को लेकर 19 प्रार्थना पत्र दिये गये हैं। इसमें पुलिस के पास तीन प्रार्थना पत्र व राजस्व विभाग के पास 16 प्रार्थना पत्र लंबित हैं। मामले में पुलिस द्वारा विवाद को लेकर दोनों पक्षों का दो बार शांति भंग में चालान किया गया है। वहीं, राजस्व विभाग द्वारा भी मामले में तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर रिपोर्ट लगाई गई है। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस व राजस्व विभाग दोनों ने अपनी तकनीकी दक्षता दिखाई, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं किया जा सका।

एसडीएम बांसडीह अभिषेक प्रियदर्शी ने बताया कि सनोज का मामला दीवानी न्यायलय में चल रहा है इसलिए इसमें ज्यादा प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो सकती है। मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। आचार संहिता लगने के कारण चुनाव आयोग के निर्देशों को लेकर थोड़ी व्यस्तता हो गई है। मौके पर निर्माण रोक दिया गया है, निगरानी की जा रही है।

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बलिया: ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत, परिजनों ने कहा- डॉक्टरों की लापारवाही से गई जान

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बलिया के सिकंदरपुर के मनियर थाना क्षेत्र में ऑपरेशन के दौरान लापारवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद परिजनों को समझा बुझा कर मामला शांत कराया।

जानकारी के मुताबिक, बैरिया थाना क्षेत्र के सुरेमनपुर गांव निवासी 25 वर्षीय बेटी पिंकू यादव वर्ष पत्नी प्रदीप यादव अपने मायके में प्रसव कराने के लिए आई थी। शनिवार की सुबह पेट दर्द होने के बाद वह अपने भाभी सुगती देवी व बहन रिंकू यादव के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंची।

जहां चिकित्सक डॉ अंशुमन राय ने ऑपरेशन करने का सलाह दिया। परिजनों के कहने पर चिकित्सक प्रसूता को ऑपरेशन थिएटर में ले गए, लेकिन 2 घंटे बाद परिजनों को पता चला की प्रसूता की मौत हो गई है, इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे।

वहीं चिकित्सकों ने प्रसूता को जीवित बता कर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया, लेकिन परिजनो ने प्रसूता को ले जाने से इनकार कर दिए और चिकित्सक पर लापारवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग करने लगे। करीब 4 घंटे तक हंगामा चलता रहा, इसके बाद पुलिस पहुंची और हस्तक्षेप के बाद चिकित्सक डॉक्टर अंशुमन राय और कुछ स्टाफ के साथ एंबुलेंस से प्रसूता को बलिया भेजा गया। हालांकि तब तक प्रसूता की मौत हो चुकी थी।

मृतिका की भाभी ने बताया कि मै अपनी ननद पिंकू को लेकर सुबह 11 बजे के आस-पास अस्पताल पहुंची थी। उसके पेट में बहुत दर्द था। डॉक्टर अंशुमान ने चेकअप किया और बोले कि ऑपरेशन करना होगा। हमने परिजनों और ननद के पति से बात की। उनकी अनुमति मिली तो हमने डॉक्टर को हां कर दी। उन्होंने तैयारी की और दोपहर डेढ़ बजे पिंकू को लेकर ऑपरेशन थियेटर में चले गए। 4 बजे के आस-पास डॉक्टर बहार आए और कहा कि उसकी हालत सीरियस है, जिला अस्पताल ले जाओ। तब हम समझ गए इन्होंने मेरी ननद की जान ले ली।’

मृतिका के पति प्रदीप यादव का रो रो कर बुरा हाल है। प्रदीप की शादी पिछले वर्ष अप्रैल माह में ही हुई थी। नई खुशियां आने से पहले ही उसने अपने हमसफर को खो दिया। प्रदीप का कहना है कि ‘मेरी तो दुनिया ही उजाड़ गई। एक झटके में भगवान ने मुझसे पत्नी के साथ ही साथ बच्चा भी छीन लिया।

घटना के बाद परिजनों ने हंगामा किया, लेकिन डॉक्टर सफाई देते रहे। फिलहाल उपजिलाधिकारी रवि कुमार, क्षेत्राधिकारी आशीष मिश्र, थानाध्यक्ष दिनेश पाठक, चौकी प्रभारी रविंद्र पटेल ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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