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बलिया- ठेले पर मरीज के मामले में जांच के आदेश जारी, क्या अब दोषियों को मिलेगा सबक?

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बलिया के रेवती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ठेले पर मरीज को ले जाने के मामले में यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने जांच का आदेश दिया है। डिप्टी सीएम ने सीएमओ और अन्य अधिकारियों को मामले में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। इसके अलावा ये हिदायत भी दी गई है कि किसी भी हाल में मरीजों को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

बताया जा रहा है कि बलिया निवासी जितेंद्र रेवती स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए गए थे। इस दौरान प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन ऐम्बुलेंस संचालक ने मरीज को ले जाने से इनकार करते हुए कह दिया कि उसकी गाड़ी में तेल नहीं है। इस दौरान मरीज के परिजनों की ऐम्बुलेंस संचालक से बहस भी हुई। ऐसे में परिजन मरीज को ठेले पर लादकर मुख्य सड़क तक ले गए। वहां से टेंपो से लेकर बलिया पहुंचे। जहां से उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया गया। उनकी स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। शनिवार को भी सीएचसी रेवती में हंगामा हुआ।

बता दें बलिया में 108 और 102 एंबुलेंसों की संख्या 76 है। इसका संचालन जीवीके इमरजेंसी मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद करता है, लेकिन लापरवाही के कारण समय पर मरीजों को एम्बुलेंस नहीं मिल पा रहीं हैं। ऐसे में मरीजों को परिजन ठेले पर लाद कर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डेढ महीने में 3 मामले सामने आ चुके, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठ रहे हैं।

सबसे पहले बुजुर्ग महिला को ठेले पर अस्तपाल ले जाने का वीडियो सामने आया था। इस मामले में समय पर इलाज नहीं मिलने से महिला की मौत हो गयी थी। फिर एक बच्ची को सांप के काटने पर बिना इंजेक्शन दिए रेफर करने का मामला सामने आया। इस मामले में भी बच्ची की मौत हो गई। और अब यह तीसरा मामला है।सीएचसी सोनबरसा के ठेला प्रकरण में भी यही हाल है।लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब भी आंख पर पट्टी बांधकर बैठा है।

इधर रेवती के मामले को लेकर जीवीके इएमआरआइ एंबुलेंस एजेंसी के मैंनेजर का कहना है कि मौके पर दो अन्य एंबुलेंस भी मौजूद थीं। एंबुलेंस की मांग करने वाले युवक से मेरी बात हुई थी। एक एंबुलेंस में तेल की कमी थी, लेकिन दूसरी से मरीज को भेजने की व्यवस्था की जा रही थी। इस बीच युवक मरीज को ठेले पर लाद कर चल दिए और वीडियो वायरल कर दिए।

डिप्टी सीएमओ डॉ. एसके तिवारी का भी यही कहना है कि जांच करने और चिकित्सकों से भी बात करने पर पता चला है कि मौके पर दो अन्य एंबुलेंस थीं। उससे मरीज को बलिया भेजने की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन कुछ युवक मरीज को ठेले पर लेकर चल दिए। इस प्रकरण में दोनों पक्षों का बयान दर्ज किया गया है। उस आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।हर बार जांच हुई लेकिन के नाम पर कुछ नहीं अब फिर जांच के आदेश जारी हुए हैं देखना होगा क्या कार्रवाई होती है।

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सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।

इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना

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बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।

बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।

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बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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