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बलिया – जिस वार्ड में बिगाड़ के डर से सपा ने टिकट नहीं दिया, वहां कौन जीत रहा

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बलिया।  मनियर कस्बे से सटे कटान से प्रभावित कई गांवों को समेटे वार्ड नंबर 15 में रोचक मुकाबला है। सपा ने इस वार्ड में प्रत्याशी नहीं उतारा है। सुभासपा ने नौजवान राजभर चेहरा सामने रखा है। बसपा ने भी समीकरण साध कर प्रत्याशी दिया है तो भाजपा ने अपने पुराने नेता में भरोसा दिखाया है। जीत-हार की तारीख 2 मई है।

कोरोना के इस नई वेव के दौर में चुनाव की वेव जानलेवा तक साबित हो सकती है लेकिन फिर भी चुनाव हो रहे हैं। हम खबर के बीच में आपसे मास्क लगाने की अपील कर रहे हैं।

मास्क लगाएं, हाथ धुलते रहें और बार-बार चेहरा छुने से परहेज़ करें। चुनाव प्रचार में लगे कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों को बिना मास्क दिखने पर उनसे भी मास्क लगाने को जरूर कहें। बतौर नागरिक यह आपकी जिम्मेदारी भी है और जरूरत भी। फिलहाल खबर की तरफ बढ़ते हैं।

वार्ड नंबर 15 से भारतीय जनता पार्टी ने अधिकृत उम्मीदवार उतारा है अजीत सिंह को। अजीत सिंह पार्टी के पुराने नेता हैं और पहली बार जिला पंचायत चुनाव में मैदान में हैं। बहुजन समाज पार्टी ने परमात्मा गोंड को टिकट दिया है। दलित-ब्राह्मण का मेलजोल दिखाने वाले बसपा के उम्मीदवार को इस बार कई राजनीतिक संकटों से दो-चार होना पड़ रहा है। लेकिन इन सभी समीकरणों के बीच में समाजवादी पार्टी ने सेफ खेलना उचित समझा है। समाजवादी पार्टी ने किसी को टिकट नहीं दिया है।

मानद उम्मीदवारी दर्ज कराने में वर्तमान जिला पंचयात सदस्य जेपी यादव और विजय यादव लगे हैं। चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने नौजवान रोहित राजभर को टिकट दिया है। वह अकेले राजभर उम्मीदवार हैं। इलाके में यादव-राजभर का जातिगत समीकरण चुनाव जिताऊ फैक्टर माना जा रहा है। वार्ड नंबर 15 के वर्तमान उम्मीदवारों में दो अन्य प्रत्याशियों का जिक्र करना भी जरूरी है। पुराने कम्यूनिस्ट नेता रहे सुल्तानपुर के पूर्व प्रधान और कभी बांसडीह से निर्दल विधायक प्रत्याशी रहे गोरख यादव और पूर्व मंत्री राजधारी सिंह के साथ राजनीतिक हस्तक्षेप रखने वाले रविंद्र सिंह।

क्या था पिछला परिणाम
विगत चुनाव में वार्ड नंबर 15 की यह सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थी। यहां से 4200 के करीब वोट पाकर चुनाव जीते जेपी यादव। दूसरे नंबर पर थे करीब 2700 वोटों के साथ विजय यादव। सपा के विनोद यादव तकरीबन 1700 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। इस बार यह सीट सामान्य है। जेपी यादव और विजय यादव फिर से मैदान में हैं।

गावों की वस्तुस्थिति

यादव और राजभर बहुल्य वार्ड नंबर 15 में राजनीतिक स्थिति स्थानीय मुद्दों पर नहीं रही है। स्थानीयों से बातचीत में दो प्रमुख मुद्दे निकल कर आए। कटान और किसानी।

कटान

मनियर कस्बे से सटे इस वार्ड के लगभग गांवों की सबसे मुख्य समस्या कटान है। गडौली, नवका गांव, चक्की दियर, ककरघट्टा, दीयरा टुकड़ा नंबर दो सहित ऐलासगढ़ इत्यादि गांवों को हर साल बाढ़ में घघरा नदी का कटान झेलना पड़ता है। ये गांव जातिगत राजनीति में सक्रिय नज़र आते हैं लेकिन इनके लिए कटान कोई खास मुद्दा नहीं है। किसी भी राजनीतिक दल के उम्मीदवार ने अपने प्रचार के दौरान इन मुद्दों के लिए अपनी सक्रियता साबित करने का वादा भी नहीं किया है। जबकि कई उम्मीदवार तो कटान क्षेत्र से आते हैं।

किसानी

दूसरा बड़ा मुद्दा किसानी है। गेहूं-धान और गन्ना इत्यादि की खेती करने वाले इन गांवों में फिलवक्त फसल का उचित मूल्य मिलना ही सबसे बड़ी समस्या है। साल 2018-19 के ताजा आंकड़ों के हिसाब से औसतन 3.6 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर गेंहू की उपज करने वाले बलिया में 3700 मिट्रिक टन गेहूं की ऊपज हुई। जिले में बटाईदार किसानों की हर बार फसल की लागत न निकल पाने की समस्या उनकी स्थिति को और दयनीय बनाती जा रही है। चुनावी दौर के बीच का यह महीना ही गेहूं की कटाई का महीना है। फसल कटने के बाद क्रय केंद्रों पर बिक्री के लिए सरकारी पैंतरों में उलझे किसानों के लिए किसी भी प्रत्याशी के पास कोई साफ रास्ता नहीं है। लेकिन मौजूदा पंचायत चुनाव में यह भी मुद्दा नही है।

जातिगत समीकरण
वार्ड नंबर 15 की जातिगत स्थिति पर ध्यान दें तो करीब आधा दर्जन गांव यादव बहुल्य हैं और लगभग इतने ही राजभर समुदाय के। यादव बहुल्य गांवों में ककरघट्टा, पटखौली, सुल्तानपुर, पीड़हरी, बहदुरा, बड़कीबारी वगैरह हैं। यह गांव सपा के लिए ‘वोट बैंक’ हैं। सपा के अधिकृत प्रत्याशी तय नही होने के बाद अब यहां से जेपी यादव और विजय यादव मैदान में हैं। हालांकि गोरख यादव भी यादव बिरादरी के ही उम्मीदवार हैं। ऐसे में यादव बहुल्य गांव किस करवट बैठेंगे यह देखने लायक होगा।

राजभर बहुल्य दीयरा टुकड़ा नं. 2, असना, गंगापुर इत्यादि गांवों में अन्य पिछड़ी और अति पिछड़ी बिरादरी के वोट हैं। इन गांवों के वोटों पर सुभासपा के उम्मीदवार रोहित राजभर और बसपा के परमात्मा गोंड का हस्तक्षेप माना जा रहा है। सवर्ण जातियों वाले सुल्तानपुर, मनिकापुर, गंगापुर, पटखौली इत्यादि गांवों में भी मिली-जुली जातिगत राजनीति का असर होगा। इन वोटों पर भाजपा के अजीत सिंह और बीते चुनाव में (2013 ) इसी वार्ड के जिला पंचायत के प्रत्याशी रहे रविंद्र सिंह की दावेदारी मानी जा सकती है। फिलहाल चुनाव प्रचार जारी है। 2 मई को गिनती के बाद जीत हार का पता चलेगा लेकिन इस वार्ड में लड़ाई रोचक बनी हुई है।

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बलिया में सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो वायरल करने वाले युवक पर मुकदमा दर्ज

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बलिया के बांसडीहरोड थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने के मामले में पुलिस ने एक युवक पर नामजद मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि युवक ने एक युवती के अश्लील वीडियो बना रखे हैं और बार बार उन्हें वायरल करके किशोरी को बदनाम कर रहा है। इस मामले में पीड़ित पक्ष ने आरोपी युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

जानकारी के मुताबिक, इलाके के एक गांव की रहने वाली युवती को टकरसन निवासी पवन वर्मा कई दिनों से परेशान कर रहा है। युवती का आरोप है कि कुछ दिनों पहले आरोपी ने सोशल मिडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर अश्लील फोटो और वीडियो डालकर बदनाम करने की कोशिश की है। पीड़िता का कहना है कि अब तक तीन बार विवाह तय हो चुका है, लेकिन पवन के चलते हर बार वह ससुराल पक्ष के लोगों के व्हाट्सएप पर अश्लील फोटो व वीडियो भेजकर शादी तुड़वा चुका है।

तीन बार युवती का रिश्ता टूट चुका है। युवती का कहना है कि आरोपी युवक किसी भी तरह से मेरी शादी नहीं होने दे रहा है। इस सम्बंध में एसओ अखिलेश चंद्र पांडेय का कहना है कि तहरीर के आधार पर आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। इधर युवती के परिवारवालों ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की है।

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बलिया में नक्सलियों के 11 ठिकानों पर NIA ने मारा छापा

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बलिया में एनआईए ने नक्सलियों के 11 ठिकानों पर शनिवार को छापा मारा, जहां से तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और नक्सली साहित्य बरामद किया गया है। एनआईए ने यह कार्रवाई पिछले साल यूपी एटीएस द्वारा बलिया में पकड़े गए पांच नक्सलियों पर दर्ज केस को टेकओवर करने के बाद की है।

बता दें कि यूपीएटीएस ने 15 अगस्त, 2023 को बलिया से नक्सली संगठनों में नई भर्तियां करने में जुटी तारा देवी के साथ लल्लू राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत राजभर व विनोद साहनी को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के कब्जे से नाइन एमएम पिस्टल भी बरामद हुई थी। जांच में सामने आया है कि तारा देवी को बिहार से बलिया भेजा गया था। वह वर्ष 2005 में नक्सलियों से जुड़ी थी और बिहार में हुई बहुचर्चित मधुबन बैंक डकैती में भी शामिल थी।

इसके अलावा लल्लू राम उर्फ अरुन राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राममूरत तथा विनोद साहनी की गिरफ्तारी हुई थी। ये सभी बिहार के बड़े नक्सली कमांडरों के संपर्क में थे।

एनआईए की अब तक की जांच के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश समेत उत्तरी क्षेत्र अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है। जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि भाकपा (माओवादी) के नेता, कार्यकर्ताओं और इससे सहानुभूति रखने वाले, ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) इस क्षेत्र में संगठन की स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

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कोलकाता-वाराणसी जलमार्ग शुरू, लेकिन बलिया के उजियार घाट पर नहीं रुकता जहाज, लोग निराश

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केंद्र सरकार ने कोलकाता-वाराणसी जलमार्ग को शुरू कर दिया है, लेकिन इसका फायदा बलिया वासियों को नहीं मिल पा रहा है। चितबड़ागांव के उजियार घाट पर कोई भी मालवाहक जहाज नहीं रुक रहे हैं। लोग दूर से ही जहाजों को निहार रहे हैं।

बता दें कि केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ वाराणसी कोलकाता मार्ग के उजियारघाट में गत 11 नवंबर 2022 को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सात जेटी का एक साथ लोकार्पण किया।

कोलकाता से वाराणसी तक गंगा नदी में जल परिवहन शुरू करने के लिए बलिया में मालवाहक जहाजों वातानुकूलित क्रूज को ठहरने के लिए पहला जेटी सरयां उजियार गंगा तट पर स्थापित किया गया। इस तट पर बड़ी तैयारी की गई थी। सरकार और अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि जेटी स्थापित होने के बाद यहां पर क्रूज और मालवाहक जहाज रूकेंगे और उजियार घाट पर रौनक लौट आएगी, पर ऐसा नहीं हुआ।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, 13 जनवरी 2023 को वातानूकुलित गंगा विलास क्रूज को वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर डिब्रूगढ़ के लिए रवाना किया लेकिन गंगा विलास क्रूज बक्सर के रामरेखा घाट के पास रूका। गुरुवार को भी एक मालवाहक जहाज उजियार गंगा तट से वाराणसी के तरफ निकल गया, लेकिन ये उजियार घाट पर नहीं रुका। इससे जनता में घोर निराशा है। लोगो का कहना है कि पहले सरकार ने उजियार घाट पर जहाज रुकने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इससे काफी ज्यादा परेशानी हो रही है और लोगों को कुछ लाभ भी नहीं मिल रहा है।

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