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Ballia पंचायत चुनाव – भाजपा के लिए सबसे जरूरी वार्ड में किसकी लहर है, हमसे जान लीजिए।

बलिया । भाजपा के लिए बहुप्रतिक्षित वार्ड नंबर 10 में लड़ाई रोचक होती जा रही है। ओबीसी के लिए आरक्षित इस सीट पर भाजपा के दो बार से जिलाध्यक्ष और संघ के पुराने कार्यकर्ता देवेंद्र सिंह उम्मीदवार हैं। कहा जा रहा है कि वह चुनाव जीते तो जिला पंचायत अध्यक्ष पर के भी उम्मीदवार हो सकते हैं। स्थानीयों की माने तो लड़ाई त्रिकोणीय होती जा रही है। सजपा के रमेश वर्मा और सपा की प्रभावती देवी का बराबर हस्तक्षेप है।

प्रभावती देवी पति रामजी यादव सपा की उम्मीदवार हैं। सुभासपा के दिवाकर वर्मा की उम्मीदवारी को लेकर भी लड़ाई में होने के कयास लग रहे हैं। वस्तु स्थिति तो 2 मई को सामने आएगी लेकिन सपा के विधायक और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के प्रभाव क्षेत्र वाले इस वार्ड में देवेंद्र यादव  को लेकर भी बढ़िया माहौल है।

चार न्याय पंचायतों वाले वार्ड नंबर 10 में यादव और दलित बिरादरी चुनाव जिताऊ फैक्टर साबित हो सकते हैं। 35 से 40 प्रतिशत तक यादव बिरादरी के वोट वाले इस वार्ड में भाजपा और सपा ने यादव प्रत्याशी उतारा है। सपा से उम्मीदवार प्रभावति देवी(पत्नी रामजी यादव) चांदपुर से तीसरी बार की प्रधान हैं। इसके अलावा शिवपाल यादव के दल प्रसपा के रमेश वर्मा और सुभासपा के दिवाकर वर्मा भी मैदान में है. 20 प्रतिशत के करीब यादव और लगभग 10-12 प्रतिशत राजभर और दलित बिरादरी वाले इस वार्ड में जातिगत वोटों का बंटवारा होना तय है।

क्या हो सकता है जातिगत बंटवारे का समीकरण
यादव बहुल्य और चांदपुर, महाराजपुर, कोलकलां, तीवारी, छितौनी, सुरहिया आदि गांवों में देवेंद्र यादव और रामजी यादव के नाम की खासी चर्चा है। स्थानीयों की मानें तो चांदपुर के आस-पास के गांवों में प्रधान प्रतिनिधि रामजी यादव के प्रभाव की चर्चा है। मगर देवेंद्र यादव को भी नकारा नहीं जा सकता। इसके अलावा सराक, बलेऊर, धरवार, जैदोपुर इत्यादि गांवों में दलित और राजभर बिरादरी के वोट बंटने की संभावना साफ है। सजपा के रमेश वर्मा और सुभासपा के दिवाकर वर्मा भी राजभर सहित अन्य पिछड़ी बिरादरीयों के वोट पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। न्याय पंचायत सुरहियां और छितौनी में स्थानीयों से बातचीत में रामजी यादव और देवेंद्र यादव के नाम की चर्चा रही। यह चर्चा भाजपा उम्मीदवार होने से अधिक जिला पंचायत अध्यक्ष की उम्मीदवार को लेकर ज्यादा दिखी। लोगबाग इस बात को लेकर उत्साहित दिखे कि देवेंद्र यादव जीतने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।

क्या हैं/हो सकते हैं स्थानीय मुद्दे

कटान
जिला पंचायत में लगभग 22 गांवों का प्रतिनिधि चुने जाने के बाद भी स्थानीय स्तर पर जरूरी और मूलभूत मुद्दों पर किसी तरह की बातचीत सामने नहीं आयी। कटान से पीड़ित रहने वाले चांदपुर के आसपास के गांवों का हाल ये है कि चकविलियम और दियरा भांगर की दो ग्रामसभाएं घाघरा नदी के उस पार हैं।आने-जाने का साधन नाव है। बाढ़ के दौर में उस पार जाने के लिए मांझी के पुल से लगभग 80 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। 2017 में पास हुआ लगभग 300 करोड़ का पूल चार साल से बन ही रहा है। लोगबाग भी इसके बनने की धीमी गति को लेकर शिकायत के मूड में नहीं दिखे।

शिक्षा
22 गांवो के इस जिला पंचायत के वार्ड में एक सराकरी इंटर कॉलेज है। हज़ारों की आबादी वाले इस वार्ड में किसी भी प्रतिनिधि के द्वारा स्कूल, कॉलेज खोलने के लिए प्रयास करने का आश्वासन भी नहीं है। छितौनी में स्थिति एक मात्र इंटर कॉलेज पर हज़ारो छात्रों का दबाव है मगर यह हरेक चुनाव की तरह ही गैर जरूरी मुद्दा है।

स्वास्थ्य
चांदपुर में 20 बेड के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वाले वार्ड नंबर 15 की आम जनता बिमार पड़ने पर मनियर अथवा बांसडीह के अस्पतालों पर निर्भर है। सरकारी अस्पतालों की कमी को लेकर भी पूरे चुनाव में ना तो प्रतिनिधि और ना ही स्थानीय इसके लिए बातचीत करते दिखे। एक साल से कोविड के इस जानलेवा दौर में भी कोई अतिरिक्त सुविधाएं ना तो दी गईं हैं और ना ही आगे उनको लेकर कोई वादा है। सारी बातचीत जातीय समीकरण और प्रत्याशी के वोट मांगने को लेकर गांव में आने पर टिकी हुई है।

किसानी
इस इलाके में बड़े पैमाने पर धान और गेंहू की खेती होती है। क्रय केंद्रों की वर्तमान स्थिति चिंतनीय है। वार्ड के लगभग गांवों में गेंहू कट चुके हैं मगर किसनों का सारा समय क्रय केंद्रों पर नंबर लगाने में ही बीत जा रहा है। क्रय केंद्र के अलावा 1968 रुपये प्रति क्विंटल का गेंहू बिचौलियों को 1500 से 1600 रुपये के भाव से बेचना पड़ रहा है। लेकिन मौजूदा पंचायत चुनाव में यह भी मुद्दा नही है।

इतनी व्यापक और मूलभूत समस्याओं में उलझे ग्रामीणों में राजनीतिक निरहिता का यह आलम नुकसानदायक भी है और भविष्य को लेकर खतरनाक भी। मगर वार्ड नंबर10 सहित जिले भर के पंचायत चुनावों की यही सच्चाई है। फिलहाल हार जीत के समीकरण पर देंवेद्र यादव, रमेश वर्मा सहित प्रभावति देवी पत्नी रामजी यादव, दिवाकर वर्मा आदि कुल करीब एक दर्जन प्रत्याशीयों के भविष्य का फैसला 26 मार्च को होना है।

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