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बलिया- ‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’ पर ‘प्रधान’ संवाद, संजय यादव ने फिर ‘कमल’ खिलने का किया दावा

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बलिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को लेकर वर्चुअल संबोधित किया। बलिया में भी बीजेपी ने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को लेकर एक वर्चुअल रैली का आयोजन किया। जहां सिकंदरपुर से बीजेपी विधायक और प्रत्याशी संजय यादव की अगुवाई में विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुना। वहीं निवर्तमान विधायक ने कुलदीप चौबे की अगुवाई में विभिन्न दलों को छोड़कर आए दर्जनों लोगों को बीजेपी की सदस्यता भी दिलाई।

युवाओं को रोजगार देने पर फोकस- पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीबी, बेरोजगारी, कोरोना महामारी, गरीबों के लिए आवास, विश्व में भारत की भूमिका, भारतीय अर्थव्यवस्था पर बात की। वोकल फॉर लोकल, पब्लिक इन्वेस्टमेंट, बजट- 2022, आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर कहा कि जल्द ही भारत मोबाइल और बैटरियों का हब बनेगा। जिससे देश के युवाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं प्रधानमंत्री के संबोधन के बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ताली बजाकर और नारेबाज़ी कर भरपूर समर्थन के साथ ही विश्वास भी जताया।

सरकार की तारीफ, विपक्ष पर वार-पीएम मोदी के संबोधन के बाद संजय यादव ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में देश और प्रदेश में चौमुखी विकास हो रहा। साथ ही विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने सिर्फ अपने विकास और मतलब की राजनीति की। ऐसा नहीं होता तो भारत भी विकसित देशों में शामिल होता। लेकिन आज पूरा विश्व यह सोचने पर मजबूर है कि एक व्यक्ति ने बीते 5 सालों में उत्तर प्रदेश का इतिहास और स्वरूप कैसे बदल दिया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील भी की।

‘एक बार फिर बनेगी बीजेपी सरकार’-वहीं कुलदीप चौबे की अगुवाई में विभिन्न दलों को छोड़कर आए दर्जनों लोगों को बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई। जहां सैकड़ों लोगों ने निवर्तमान विधायक संजय यादव का फूल माला पहनाकर स्वागत किया और उन्हें भारी मतों से जिताने का विश्वास दिलाया। कार्यकर्ताओं और आम लोगों का समर्थन देखकर संजय यादव ने कहा कि अपार जन समर्थन को देखते हुए इस चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीतेंगे। और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फिर से भाजपा की सरकार बनाने का काम करेंगे।

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बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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सलेमपुर सीट से प्रत्याशी रमाशंकर राजभर पहुंचे बलिया, भाजपा पर बोला जमकर हमला

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बलिया के बेल्थरारोड़ में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर पहुंचे। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। सलेमपुर लोकसभा के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने पत्रकारों से बातचीत की और भाजपा पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा के सारे मुद्दे फेल हो चुके हैं, सिर्फ टीवी पर भाजपा जीत रही है। इंडिया गठबंधन बूथों पर जीत रहा है। उन्होंने कहा इस बार भाजपा का 400 का सपना पूरा होने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा यह प्रचारित कर रही है कि विपक्षी दल के लोग रामजी की प्राण प्रतिष्ठा पर अयोध्या नहीं पहुंचे। कहा कि जब यह कार्यक्रम ऋषि मुनियों द्वारा किया गया होता तो हम अवश्य वहां पहुंचते। सभी जानते हैं कि यह कार्यक्रम भाजपा द्वारा प्रायोजित था। कहा कि श्रीराम हम सब के आराध्य हैं, वह सिर्फ भाजपा के नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कितनी विडम्बना की बात है कि 10 वर्ष सरकार चलाने के बाद भाजपा महंगाई, बेरोजगारी पर बहस को तैयार नहीं है। वह केसीसी पर किसानों एवं व्यापारियों को जीएसटी पर छूट को भी तैयार नहीं है। कहा कि अब भाजपा के झूठ को नौजवान, किसान, मजदूर जान चुका है।

इसके अलावा मीडिया से बातचीत करते हुए रमाशंकर राजभर ने अपनी प्राथमिकताओं को गिनाया। रमाशंकर ने कहा कि सांसद बनते ही वो पहला कार्य वर्तमान सांसद के घर से शुरू करेंगे। उनकी टंकी में पानी नहीं आ रहा है, वो सही करवाने का काम करूंगा। इसके अलावा घाघरा नदी पुल पर जीवन रक्षक जाली लगवाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बेल्थरा रोड – बकुल्हां रेल मार्ग की फ़ाइल को कूड़ेदान से बाहर निकलवाना भी उनकी प्राथमिकता है। इसके अलावा रामशंकर ने अपनी जीत का दावा भी किया।

इस अवसर पर सपा के प्रदेश सचिव आद्याशंकर यादव, मतलूब अख्तर, पूर्व ब्लाक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल, शमशाद बासपारी, बब्बन यादव, राजनाथ यादव, आनन्द यादव, रामाश्रय यादव, अमरजीत चौधरी, पिंटू यादव, फाइटर, राजाराम यादव, कांग्रेसी नेता अशोक सिंह, अमलेश कन्नौजिया, शाहिद समाजवाद, मिर्धा, संजय यादव, संजय राजभर सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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बलिया में नए सिरे से होगी गंगा पुल निर्माण में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच, नई टीम गठित

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बलिया में गंगा पुल के निर्माण में हुए घोटाले के मामले से जुड़ी बड़ी अपडेट सामने आई है। अब निर्माण में हुए करोड़ों के घपले की जांच के लिए नई समिति गठित की जाएगी। समिति नए सिरे से पूरे मामले की जांच करेगी। बता दें कि विधानसभा में प्रकरण उठने के बाद पुनः जांच समिति गठित करने के आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि ड्राइंग के मद में 16.71 करोड़ रुपये का प्रावधान शामिल था या नहीं, यह शासन ही स्पष्ट कर सकता है।

जानकारी के मुताबिक, बलिया में श्रीरामपुर घाट पर गंगा पर करीब 2.5 किमी लंबे पुल का निर्माण कराया गया है। यह काम वर्ष 2014 में मंजूर हुआ था। साल 2016 में संशोधित एस्टीमेट और 2019 में पुनः संशोधित एस्टीमेट मंजूर किया गया। कुल 442 करोड़ रूप का एस्टीमेट रखा गया, जबकि ये नियमानुसार 424 करोड़ रूपये होना चाहिए था। दोबारा संशोधित स्वीकृति में बिल ऑफ क्वांटिटी में 16.7 करोड़ का डिजाइन चार्ज के मद में अतिरिक्त प्रावधान किए जाने से निगम और शासन को यह नुकसान हुआ। जीएसटी लगाकर यह राशि करीब 18 करोड़ रुपये बनती है।

जब इस मामले में जांच हुई तो पता चला कि डिजाइन चार्ज से संबंधित दस्तावेज आजमगढ़ में मुख्य परियोजना प्रबंधक के कार्यालय से उपलब्ध नहीं कराए गए हैं और न ही कोई दस्तावेज सेतु निगम मुख्यालय में उपलब्ध हैं। ऐसे में इस मामले में अब गहराई से जांच की जायेगी।

बता दें कि सेतु निगम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यय वित्त समिति को प्रस्तुत किए जाने से पूर्व किसी भी परियोजना की लागत दरों का मूल्यांकन, परियोजना मूल्यांकन प्रभाग करता है। इसलिए इस संबंध में वास्तविक स्थिति प्रभाग ही स्पष्ट कर सकता है। यह भी बताया गया है कि पुनः जांच समिति की जांच प्रक्रियाधीन है।

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