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क्या है 26 साल पहले हुए रिटायर्ड सूबेदार की हत्या का मामला? तीन आरोपी पुलिस की पकड़ में

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बलिया के बांसडीह कोतवाली थाना क्षेत्र के आदर गांव में 1995 में रिटायर्ड सूबेदार कृपाशंकर शुक्ला की हत्या कर दी गई थी। फोटो: सर्वोच्च न्यायालय

बलिया में आज से लगभग 26 साल पहले एक रिटायर्ड सूबेदार की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक आरोपी अभी भी फरार चल रहा है। बलिया के बांसडीह कोतवाली थाना क्षेत्र के आदर गांव में 1995 में कृपाशंकर शुक्ला की हत्या कर दी गई थी। कृपाशंकर शुक्ला एक रिटायर्ड सूबेदार थे। सर्वोच्च न्यायालय ने कृपाशंकर शुक्ला की हत्या के दोषियों की जमानत निरस्त कर दी। जिसके बाद पुलिस ने यह धर पकड़ शुरू की है।

बता दें कि रिटायर्ड सूबेदार कृपाशंकर शुक्ला के हत्या के आरोप में जिला न्यायालय ने चार लोगों को आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इनमें स्वामीनाथ यादव, विक्रमा यादव, झींगुर राजभर, सुरेंद्र पांडेय व उमेश पांडेय का नाम शामिल था। जिसके बाद जेल में ही उमेश पांडेय की मौत हो गई थी। अन्य आरोपितों ने उच्च न्यायालय से जमानत ले ली थी। आरोपितों के जमानत के खिलाफ पीड़ित परिवार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते ही इस मामले में सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी। जिसके बाद पुलिस अभियुक्तों की तलाश में जुट गई। आखिरकार पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। एक और आरोपित की खोजी चल रही है। जो कि फरार चल रहा है।

गौरतलब है कि रिटायर्ड सूबेदार कृपाशंकर शुक्ला की 26 अक्टूबर, 1995 की रात हत्या कर दी गई थी। इस रात कृपाशंकर शुक्ला अपनी साइकिल से बांसडीह बाजार गए हुए थे। बाजार से लौटते हुए रास्ते में ही उनकी हत्या करके एक कुंए में फेंक दिया गया था। दो दिन बाद 28 अक्टूबर को उनकी लाश उसी कुंए से बरामद हुई। मृत शरीर देखकर हर कोई हक्का-बक्का रह गया था। 45 साल की ही उम्र में रिटायर्ड सूबेदार कृपाशंकर शुक्ला की हत्या हो गई थी।

कृपाशंकर शुक्ला हत्या की जांच सीबीसीआइडी ने की। सीबीसीआइडी की रिपोर्ट के ही आधार पर ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने अपने मुकदमे में हल्का दारोगा जयनाथ यादव और पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर को भी सहआरोपित बनाया था। इन दोनों पर सबूत के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। बाद में जयनाथ यादव और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को चार-चार साल की सजा हुई थी।

कृपाशंकर शुक्ला 1973 में सेना में भर्ती हुए थे। 1993 में कृपाशंकर शुक्ला सेना से रिटायर होकर घर चले आए थे। घर आने के दो साल बाद ही उनकी हत्या कर दी गई थी। कृपाशंकर शुक्ला की हत्या के बाद उनकी पत्नी और भाई को इंसाफ के लिए सालों तक लड़ाई लड़नी पड़ी। सर्वोच्च न्यायालय ने जब सभी अभियुक्तों की जमानत रद्द की तब कृपाशंकर शुक्ला की पत्नी ने कहा कि “माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। सुहाग उजड़ने के बाद मेरा सबकुछ खत्म हो गया। आरोपितों के डर के कारण मैंने गांव में रहना तक छोड़ दिया। अपनी सुरक्षा के लिए सीएम से भी गुहार लगाई गई है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।”

 

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बलिया:

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बलिया के चितबड़ागांव के जमुना राम मेमोरियल स्कूल में विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को जागरूक किया जाता है। इसी कड़ी में आज स्कूल में एक दिवसीय कराटे ट्रेनिंग कैम्प और कलर बेल्ट टेस्ट का आयोजन किया गया। ये आयोजन द शोतोकान स्पोर्ट्स कराटे फेडरेशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर फेडरेशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सेंसई एलबी रावत नेशनल रेफ्री कराटे इण्डिया ऑर्गनाइजेशन की उपस्थिति रही।

इस बेल्ट टेस्ट में कराटे की अलग अलग तकनीकों के बारे में बताया गया, इसमें येल्लो बेल्ट, ओम प्रकाश शर्मा, रजनीश गुप्ता, वेद गुप्ता, अमृतेश सिंह, शिव प्रकाश, प्रियल तिवारी, देवाशीष भूषण, अनुपमाराय, रणबीर कुमार, अनूप यादव, संध्या कुमारी पास हुए।

इसके अलावा ऑरेंज बेल्ट एन्डरीव बघेल, तनय यादव,अनमोल गुप्ता, श्रेयशी सिंह, जयवीर सिंह, ग्रीन बेल्ट स्मृति पाठक, अमित विक्रम मिश्रा, ब्लू बेल्ट अंकित यादव हुए पास हुए खिलाड़ियों कों विद्यालय के प्रधानाचार्य ऐब्री बघेल और विद्यालय के प्रबंध निदेशक तुषार नन्द सभी पास हुए।

इस दौरान विद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर धर्मात्मा नन्द जी ने बताया कि बालिकाओं को कराटे एवं सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेना बहुत जरुरी है, इससे वे खुद को आत्मनिर्भर बना सकती है। इस मौक़े पर विद्यालय के कराटे कोच सुनील यादव ने महासचिव एल बी रावत का स्वागत अभिनन्दन किया। इस मौके अपर वरिष्ठ खेल प्रशिक्षक सरदार मुहम्मद अफजल, आनन्द मिश्रा, अरविन्द चौबे आदि उपस्थित रहे।

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