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ई बलिया है बाबू, जिसकी राजनीति में बहुत घुमाव है, ना भरोसा हो तो सदर सीट पर चल रही ये कहानी पढ़ लीजिए

खांटी चाय की चर्चा वाली भाषा में उत्तर प्रदेश का चुनाव अब चढ़ चुका है। वजह ये है कि लगभग सभी पार्टियों ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। यानी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अब टिकट मिलने के साथ कई लोगों का पत्ता कट भी चुका है। अब जिनको टिकट नहीं मिला है वो नाराज़ हैं। तो एक तरफ तैयारियों का जोर है तो दूसरी ओर रस्साकस्सी का। यूं तो प्रदेश के कई जिलों का चुनाव बेहद दिलचस्प और सुर्खियों भरा है। लेकिन हम बलिया खबर हैं। यानी दुनिया की हर प्रपंच को बलिया की निगाह से देखने के लिए प्रतिबद्ध। तो बात बलिया की राजनीति की होगी।
बलिया और सियासत। इससे ज्यादा मजेदार कॉकटेल तो दुनिया भर में शायद ही कोई होगा। अब जबकि चुनाव का मौसम है ये कॉम्बिनेशन कुछ ज्यादा ही चटपटा हो चुका है। मुद्दे पर आते हैं। बलिया में सात विधानसभा सीटें हैं। सदर, बांसडीह, फेफना, रसड़ा, बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर, और बैरिया। सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी सातों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सदर सीट से दयाशंकर सिंह, बांसडीह से केतकी सिंह, बैरिया से आनंद स्वरूप शुक्ला, फेफना से उपेंद्र तिवारी, सिकंदरपुर से संजय यादव, बेलथरा से छट्ठु राम और रसड़ा से बब्बन राजभर भाजपा गठबंधन की ओर से मैदान में हैं।
हालांकि लड़ाई तो हर सीट पर तलवार की धार पर चल रही है। यानी जरा इधर-उधर हुआ नहीं कि पूरा खेल पलट जाए। लेकिन बलिया सदर, बांसडीह, फेफना और बैरिया की चुनावी भिड़ंत दिलचस्प है। चलिए थोड़ा विस्तार में जाते हैं। हाल जैसा पूरे यूपी में है वही बलिया में भी है। यानी एक सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर भाजपा और सपा के बीच ही सीधी लड़ाई है। अब ये एक सीट कौन सी है? इस सवाल को छेड़कर यहां मुद्दा घुमाना ठीक नहीं। तो आते हैं सदर सीट पर।
बलिया सदर से विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला की सीट बदल दी गई है। सदर की सीट पर उतारा गया है दयाशंकर सिंह को। जानते तो होंगे ही स्वाति सिंह के पति हैं दयाशंकर सिंह। बलिया के चौक-चौराहों पर एक लाइन वाली सीधी चर्चा थी की आनंद स्वरूप शुक्ला का या तो टिकट कटेगा या फिर सीट बदली जाएगी। भाजपा के सर्वे में भी पार्टी आलाकमान ने साफ देखा कि क्षेत्र में आनंद स्वरूप शुक्ला के प्रति नाराज़गी है।
हुआ भी यही। आनंद स्वरूप शुक्ला की सीट बदल गई। आनंद स्वरूप शुक्ला को बैरिया भेज दिया गया। बैरिया से भाजपा के ही विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट काट दिया गया। अब सुरेंद्र सिंह नाराज़ हैं। खैर, इस बात को थोड़ देर के लिए गठरी बांध कर साइड धर दे रहे हैं। दिलचस्प ये है कि सदर सीट पर दयाशंकर सिंह के उतारे जाने को लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं में ही भीतरखाने नाराज़गी है। कार्यकर्ताओं को ये पैराशूट लैंडिंग लग रहा है। समाजवादी पार्टी ने इस सीट से अपने पुराने नेता नारद राय को चुनावी दंगल में उतार दिया है। यही वजह है कि सदर की लड़ाई जबरदस्त मोड़ पर पहुंच चुकी है। नारद राय बनाम दयाशंकर सिंह। दो सियासी चतुर सैनिक अपनी-अपनी पार्टी के लिए तिकड़म भिड़ाएंगे।
नारद राय 2002 और 2012 में सपा के टिकट पर विधायक बने थे। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते समाजवादी पार्टी के मंत्री भी रहे। हालांकि सपा के अंदरुनी झगड़े का खामियाजा नारद राय को भी भुगतना पड़ा। 2016 में अखिलेश यादव ने नारद राय को मंत्री पद से हटा दिया। उसके बाद नारद राय ने भी साइकिल की सवारी छोड़कर हाथी पर सवार होने का मन बना लिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में नारद राय सदर सीट से ही मैदान में उतरे लेकिन इस बार उनका चुनाव चिन्ह साइकिल नहीं हाथी था। यानी बसपा की टिकट पर। जाहिर है नारद राय चुनाव हार गए और भाजपा के आनंद स्वरूप शुक्ला यहां से विधायक बने। अब एक बार फिर नारद राय अपनी पुरानी पार्टी में आ चुके हैं। चुनाव भी लड़ रहे हैं। सामने भाजपा के दयाशंकर सिंह हैं।
बलिया की सियासत कितनी सीधी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि जिस वक्त यह आर्टिकल लिखी जा रही थी ठीक उसी वक्त खबर आई कि भाजपा से नाराज चल रहे नागेंद्र पांडे ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है। नागेंद्र पांडेय बलिया सदर से भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने दयाशंकर सिंह को टिकट दिया। नागेंद्र पांडेय को यह बात नागवार गुजरी। चर्चा थी कि वह कांग्रेस से हाथ मिला लेंगे। लगभग सब कुछ तय हो चुका था। सियासी गलियारे में यह शोर था कि नागेंद्र पांडेय की बातचीत उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सर्वे-सर्वा प्रियंका गांधी से भी हो चुकी है। लेकिन इसी बीच खबर आ गई कि रसड़ा से बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह ने नागेंद्र पांडेय को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है। अब बसपा ने नागेंद्र पांडेय को सदर सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। जिसके बाद सदर की लड़ाई त्रिकोणीय हो चुकी है।
दयाशंकर सिंह उतने ही पके चावल हैं जितने कि नारद राय। दयाशंकर सिंह के सियासी सफर की शुरुआत भी बलिया से ही हुई थी। एकदम पारंपरिक स्टाइल में दयाशंकर सिंह राजनीति में यहां तक पहुंचे हैं। बलियाटिक लोगों में चर्चा कि कांटे की टक्कर है। बहरहाल इस बतकही को यहीं विराम देते हैं। बलिया में 3 मार्च को मतदान होने हैं। 10 मार्च को नतीजे सामने होंगे। तब पता चलेगा कि इस चुनावी महाभारत का सियासी सूरमा कौन साबित हुआ।
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बलिया में बुजुर्ग की हत्या, हिरासत में आरोपी बेटा, जांच में जुटी पुलिस

बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र में एक अधेड़ की गला रेतकर हत्या का मामला सामने आया है। घटना के बाद से इलाके में सनसनी फैल गई, वहीं पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर मामले की जांच शुरु कर दी है। जानकारी के मुताबिक घटना सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के भाटी गांव के पुरवा अहिरपुरवा की है। जहां रहने वाले 59 वर्षीय लल्लन चौधरी रविवार की शाम खाना खाने के बाद अपने भाई रामप्रवेश यादव के दरवाजे पर सोने चले गए। इसी बीच रात में अज्ञात आरोपियों ने लल्लन चौधरी का गला रेत कर हत्या कर दी।
सोमवार सुबह जब रामप्रवेश का परिवार सो कर उठा तो चारपाई का लल्लन का सिर कटा शव पड़ा मिला। घटना के बाद से परिवार में कोहराम मच गया। घटना की सूचना मिलते ही फॉरेंसिक और एसओजी की टीम के साथ एसपी राजकरण नय्यर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है।
बताया जा रहा है कि मृतक लल्लन चौधरी के पिता बासुदेव चौधरी ने लल्लन चौधरी के छोटे पुत्र संजय चौधरी की पत्नी के नाम से 15 कट्ठा जमीन बैनामा कर दिया था। इसको लेकर लल्लन चौधरी के बड़े पुत्र अजय चौधरी व उसकी पत्नी नाराज चल रहे थे। आए दिन उस जमीन को लेकर दोनों परिवारों में झगड़ा होता रहता था। वहीं लल्लन की हत्या का आरोपी उनके बड़े पुत्र और बहू पर लग रहा है।
पुलिस ने अजय समेत तीन ललोगों को हिरासत में ले लिया है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी, क्षेत्राधिकारी भूषण वर्मा, प्रभारी निरीक्षक पंकज कुमार सिंह,एसएचओ खेजुरी अखिलेश कुमार, चौकी प्रभारी मुरादी मिश्रा के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
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Ballia- सांसद और मंत्री ने किया नाला निर्माण कार्य का निरीक्षण, कार्य में तेजी लाने को दीजिए निर्देश

बलिया: परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने एनसीसी चौराहा से लेकर कुंवर सिंह चौराहा तक बन रहे नाले का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि भारी व लगातार होने वाली बरसात कभी भी शुरू हो सकती है, लिहाजा निर्माण में और ज्यादा तेजी लाई जाए। साथ में मौजूद सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भी जरुरी सुझाव दिए।
परिवहन मंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिया कि नाले के निर्माण के समय बन रहे मेन होलों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि बाद में नाले की सफाई का काम आसानी से हो सके। उन्होंने वीर लोरिक स्टेडियम के साथ लगे हुए नाले का भी निरीक्षण किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। कुंवर सिंह चौराहे से आगे हो रहे निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा।
कटहल नाले से अतिक्रमण हटाएं – मंत्री दयाशंकर सिंह परमंदापुर के पास पहुंच कटहल नाले की हो रहे सफाई कार्य को देखा। नाले की सफाई तेजी से कराने के लिए जिलाधिकारी की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि नाले के किनारे जिन लोगों ने भी अतिक्रमण कर लिया है, उन्हें हटाकर मशीनों को नाले तक पहुंचा कर उसकी सफाई का काम और तेज किया जाए।
नाले में गिरे हुए पेड़ों को वन विभाग का सहयोग लेकर जल्द से जल्द हटाया जाए, ताकि नाले की सफाई का काम जल्द हो सके। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल, सीडीओ प्रवीण वर्मा, सिंचाई खण्ड के अधिशासी अभियंता चंद्र बहादुर पटेल आदि थे।
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पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने लोकसभा 2024 चुनाव बलिया से लड़ने का किया ऐलान

अमिताभ ठाकुर बलिया से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ेंगे। वह नवगठित दल अधिकार सेना की ओर से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने बीते दिन चुनाव लड़ने का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने चुनाव जीतकर जनता की सेवा करने की बात कही। बता दें कि अमिताभ ने कल ही अधिकार सेना के गठण की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अधिकारी सेना आम नागरिक में समस्त अधिकार निहित होने की भावना पर विश्वास करता है और उसका प्रयास संविधान प्रदत्त शक्तियों को प्रत्येक नागरिक की पहुँच तक लाने का है। उन्होंने आगे कहा कि बलिया की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण ही मैंने यहां से चुनाव लड़ने की बात सोची।
बलिया को स्वतंत्रता की लड़ाई में अप्रतिम भूमिका तथा विशेषकर 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में चित्तू पाण्डेय के अधीन अंग्रेजों से आज़ाद घोषित करने के कारण बागी बलिया के नाम से जाना जाता है। उन्होंने चुनाव लड़ने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि एक बेहतर समाज की स्थापना हेतु निरंतर प्रत्यनशील रहने वाले जय प्रकाश नारायण तथा चंद्रशेखर की धरती की पूरी ईमानदारी तथा तन्मयता से सेवा करना चाहते हैं। बता दें कि अमिताभ ठाकुर उत्तरप्रदेश के रिटार्यड आईपीएस अफसर हैं।
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