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बलिया SP के एक्शन से पुलिसकर्मियों को सर्द रातों में भी छूट रहे पसीने!

बलिया में विधानसभा की तैयारी और अपराध की रोकथाम को लेकर एसपी एक्शन में जा रहे हैं। ऐसे में काम में लापरवाही बरतने वाले दरोगा और थानेदारों के सर्द रातों में भी पसीने छूट रहे हैं। दरअसल पुलिस कप्तान गूगल मीट क्लास में सभी दारोगा और थानेदारों की क्लास ले रहे हैं। हालांकि पुलिस कप्तान की सख्ती का असर भी देखने को मिल रहा है। इस पहल को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक सार्थक पहल माना जा रहा है।
दरअसल बीते कुछ दिनों से विभिन्न सर्किल क्षेत्रों में एसपी की देर रात तक चलने वाली मीटिग पूरे महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है। बारी-बारी से कप्तान हल्कावार सबके कार्यो की समीक्षा के साथ उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं। अब तक कई की फाइल भी खुल चुकी है। इस तरह की डिजिटल मॉनीटरिग से लापरवाही उजागर होने पर पुलिसकर्मियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर देखी जा सकती हैं।
बता दें रात लगभग दस बजे से डिजिटल मीटिंग शुरू होती है। जिसमें 3 से 4 घंटे सर्किल के क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी और उपनिरीक्षक शामिल होते हैं। कप्तान बारी-बारी से सभी से रू-ब-रू होते हैं। आवश्यकता पड़ने पर जिले की 6 सर्किल के 22 थानों के पुलिसकर्मियों को मीटिग में जोड़ा जा सकता है। गूगल मीट के दौरान काम में लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारियों को डांट-फटकार के साथ जांच का सामना करना पड़ रहा है। इस नई व्यवस्था से कानून व्यवस्था कायम रखने में अधिकारियों को सहूलियत होगी।
मीटिंग को लेकर एसपी राजकरन नय्यर का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौर में वर्चुअल माध्यम का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है। पूरे जनपद में कानून व्यवस्था की जानकारी अपडेट होती रहती है। विधानसभा चुनाव को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए जा रहे है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिहाज से यह एक सार्थक पहल मानी जा रही है। इससे कानून व्यवस्था में कसावट भी आ रही है।
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करोड़ों का रेलवे का सामान चोरी करने वाला रिटायर्ड फौजी बलिया से गिरफ्तार

बलिया। वाराणसी मंडल के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। करीब सवा करोड़ की रेलवे की संपत्ति चुराने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए सरगना को गिरफ्तार किया है रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे लाइन और इलेक्ट्रिक तार चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना है। आरोपी फर्जी ठेकेदार बनकर कई स्टेशनों से चोरी करता था और फिर चोरी किए सामान को पटना में ठिकाने लगाता था। गिरफ्तार आरोपी रणविजय फौज से रिटायर्ड होकर नोएडा में निजी जॉब करता था।
बता दें कि सिकंदरपुर का हरदिया निवासी रिटायर्ड फौजी रणविजय सिंह को गांव के पास से ही गिरफ्तार किया गया। गुरुवार को सिकंदरपुर पुलिस की मदद से वाराणसी के सीआईबी इंस्पेक्टर अभय राय अपनी टीम के साथ उसे बनारस ले गए। रणविजय सिंह फौज से रिटायर्ड होकर नोएडा में प्राइवेट जॉब करता था। बाद में बनारस आकर रहने लगा।
सीबीआई इंस्पेक्टर अभय कुमार राय ने पीटीआई को बताया कि ‘रणविजय हरदिया सिवानकलां का निवासी है। वह रेलवे लाइन और इलेक्ट्रिक तार की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का मुख्य सरगना है। रेलवे का फर्जी ठेकेदार बनकर अब तक दानापुर, भागलपुर, कहलगांव, बगहा, मुजफ्फरपुर व नौगछिया समेत कई रेलवे स्टेशन के पास सामान की चारी करता था, उसे वह पटना बिहार में ठिकाने लगाता रहा है।’
27 मार्च को वाराणसी के पास कादीपुर रेलवे स्टेशन यार्ड से रेल लाइन चुराने की कोशिश में पुलिस ने डीसीएम और हाईड्रा जब्त किया था और चालकों के गिरफ्तारी के बाद उसकी जानकारी हो सकी। वर्तमान में वह करीब सवा करोड़ का रेलवे सामान पटना में इकट्ठा कर कई कारखानों में बेच चुका है। परिवार वाले कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।
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बलियाः 3 साल में भी नहीं बन सका डेढ़ किमी नाला, अब फिर होगी जलभराव की समस्या

बलिया-बांसडीह मार्ग के एनसीसी तिराहा से कटहल नाला तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा शहर का सबसे गहरा-चौड़ा नाला है। बीते तीन साल से इस नाले का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन निर्माण की चाल इतनी धीमी है कि बीते 3 सालों में काम पूरा नहीं हुआ।
तीन साल में लागत बढ़कर दोगुना से अधिक हो गई, लेकिन निर्माण अधूरा ही पड़ा है। अब बारिश की शुरुआत हो गई है, ऐसे में फिर से जलभराव की समस्या खड़ी हो सकती है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने इसके लिए 30 मई तक का अल्टीमेटम दिया गया था।
लेकिन काम पूरी नहीं हुआ। बता दें कि कुछ साल से पानी निकासी सही तरीके से नहीं होने के कारण स्टेडियम, पुलिस लाइन, पुलिस परेड ग्राउंड, एसपी आफिस के साथ ही आनंद नगर, टैगोर नगर, आवास-विकास, तिखमपुर, श्रीराम विहार कालोनी आदि मोहल्लों में जल भराव हो जाता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिये साल 2020 में नाला निर्माण की योजना तैयार की गई।
सूत्रों की मानें तो उस वक्त करीब तीन करोड़ रुपए की राशि निर्धारित हुई थी। लेकिन तीन सालों में 2021 में नाला निर्माण का यह खर्च 5 करोड़ तक पहुंच गया। इसके बाद एक बार फिर रिवाईज कर दो करोड़ रुपये मांगे गये। शासन की ओर से इसकी स्वीकृति भी हो गयी। कुल मिलाकर सात करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। लेकिन काम अभी भी अधूरा पड़ा है।
एनसीसी तिराहा से सिविल लाइन फीडर के पास कटहल नाला तक बन रहे नाला का निरीक्षण मंत्री, सांसद व डीएम कर चुके हैं। कार्यदायी संस्था को फटकार लगाई गई अल्टीमेटम दिया गया। यहां तक पेनाल्टी भी लगाई गई। इसके बावजूद निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका। नगरपालिका सूत्रों की माने तो नाला निर्माण कार्य पूरा करने का निर्धारित वक्त 15 जून था।
अब जून का महीना समाप्त हो चुका है, बरसात भी शुरु हो चुकी है। लेकिन काम रफ्तार नहीं पकड़ सका है। कुछ दिनों पहले डीएम सौम्या अग्रवाल और फिर मंत्री दयाशंकर सिंह, सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त नाला निर्माण कार्य को देख चुके हैं। उन्होंने ठेकेदार व अफसरों को हिदायत भी दिया, लेकिन उसका भी असर होता नजर नहीं आ रहा है। इस सम्बंध में नपा बलिया के चेयरमैन अजय कुमार का कहना है कि नाला निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। किन्हीं कारणों से कुछ देरी हुई है, लेकिन काम पूरा करने पर जोर है। निर्माण के लिये और 10 दिनों की मोहलत मांगी गयी है।
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विधायक उमाशंकर सिंह की पहल पर रसड़ा CHC पर हुई दो नए चिकित्सकों की तैनाती

बलियाः रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो नए चिकित्सकों की तैनाती की गई है। क्षेत्रीय विधायक उमाशंकर सिंह की पहल पर अस्पताल में चिकित्सकों की पोस्टिंग हुई है। रसड़ा सीएचसी में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओपी वर्मा और फिजिशियन डॉक्टर पंकज कुमार को तैनात किया गया है।
क्षेत्रीय विभागी उमाशंकर सिंह ने बीते 27 मई 2022 को रसड़ा सीएचसी में चिकित्सकों की कमी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने सदन में सरकार का ध्यान चिकित्सकों की कमी पर लाकर स्टाफ बढ़ाने की मांग की थी। जिसके बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के निर्देश पर बलिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डॉक्टर ओपी वर्मा और फिजिशियन डॉक्टर पंकज कुमार को रसड़ा सीएचसी भेजा है।
वहीं विधायक के द्वारा पूछे गए सवाल के जबाव में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सीएचसी रसड़ा में पूर्व से ही डा. विनोद कुशवाहा निश्चेतक, मनीष जायसवाल व स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती है। रसड़ा सीएचसी में दो चिकित्सकों की तैनाती के संबंध में सीएचसी रसड़ा के अधीक्षक डा. बीपी यादव ने वास्तविकता बताई। उन्होंने बताया कि तैनाती के बाद से ही डॉक्टर पंकज कुमार लापता हैं तो वहीं ओपी वर्मा ने भी पत पदभार ग्रहण नहीं किया।
इसी जानकारी सीएमओ को भेजी गई है। विधायक उमाशंकर सिंह ने आश्वासन दिया है कि दोनों लापता डॉक्टर्स को तलाश कर जल्द ही उन्हें सीचएसी पहुंचाया जाएगा। ताकि आम जनता को राहत मिले और समय पर इलाज हो सके।
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