Connect with us

featured

बलिया: बीते एक महीने से जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच बंद, अस्पताल ने दिया अजीबो-गरीब तर्क

Published

on

बलिया के सबसे बड़े जिला अस्पताल में मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा तक नहीं मिल पा रही है। अक्सर केंद्र के बाहर मशीन खराब होने का बोर्ड लगा रहता है। करीब 1 महीने से यही स्थिति है। जब कोई अधिकारी निरीक्षण करने आते हैं तो अस्पताल प्रबंधन की तरफ से आज ही मशीन खराब हुई है, ऐसा तर्क दिया जाता है।

जिला अस्पताल में रोजाना हजार के आसपास मरीज आते हैं। इनमें से सैंकड़ों मरीजों को अल्ट्रासाउंड की जांच करवानी होती है लेकिन जिला अस्पताल में सुविधा न होने से मरीज प्राइवेट क्लीनिकों के चक्कर लगाते हैं और मंहगे दाम पर जांच करवाते हैं। मरीजों की मजबूरी का फायदा निजी अल्ट्रासाउंड वाले खूब उठा रहे हैं। वहीं अस्पताल प्रशासन यह तर्क देता है कि आज मशीन खराब हुई है। जल्द ही इसे बनवा लिया जाएगा। हकीकत यह है कि एक महीन में भी कभार जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की जांच होती है।

बता दें कि महिला अस्पताल में तो पिछले 4 सालों से अल्ट्रासाउंड जांच बंद है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन है लेकिन उसे संचालित करने कोई तकनीशियन नहीं है। ला महिला अस्पताल में लगभग चार वर्षो से बंद पड़े अल्ट्रासाउंड जांच ने कई छोलाछाप पैथालॉजिस्टों की दुकानदारी चला दी है। जब भी गर्भवती महिलाएं अपना स्वास्थ्य परीक्षण के जिला महिला अस्पताल आती है तो संबंधित चिकित्सक बच्चे की स्थिति जानने के लिए अल्ट्रासाउंड जाँच कराने की सलाह देती है। ऐसे में महिलाओं को जिला महिला अस्पताल के गेट के बाहर संचालित निजी पैथालॉजी का सहारा लेना पड़ता है। जहां उनसे जॉच के नाम पर मनमानी रकम वसूली जाती है।

वहीं महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुमिता सिन्हा का कहना है कि अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट की कमी है। इस संबंध शासन से पत्राचार किया गया है। शासन से निर्देश मिलते ही व्यवस्था संचालित करने की कोशिश की जाएगी। वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर दिवाकर सिंह का कहना है कि रेडियोलॉजिस्ट अस्वस्थ चल रहे हैं और पिछले कुछ दिनों से मशीन बंद थी। इस वजह से उसे रिपेयर की आवश्यकता है। मशीन की मरम्मत कराने के बाद शीघ्र ही अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी। इसके अलावा, एक अतिरिक्त रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।

featured

बलिया में 23 साल से नौकरी कर रहा धोखेबाज शिक्षक बर्खास्त, जन्मतिथि में 7 साल का किया हेरफेर

Published

on

बलिया। बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में 23 साल से भी अधिक समय से नौकरी कर रहे धोखेबाज शिक्षक को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया। उसने अलग-अलग शिक्षण संस्थानों से परीक्षा देकर अपने जन्म तिथि में सात साल का हेरफेर किया है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश खंड शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी मनिराम सिंह की ओर से मंगलवार की शाम जारी सेवा समाप्ति आदेश के अनुसार रसड़ा क्षेत्र के जाम गांव निवासी ब्रजनाथ राम की नियुक्ति एक जुलाई 1999 को बेसिक शिक्षा परिषद में सहायक अध्यापक के पद पर हुई थी। वे पिछले कुछ वर्षों से जूनियर हाईस्कूल महाराजपुर, शिक्षा क्षेत्र रसड़ा में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। ब्रजनाथ के खिलाफ उन्हीं के गांव के श्रीराम नारायण गोंड पिछले करीब एक साल से डीएम व बीएसए से शिकायत कर रहे थे। उन्होंने अंतिम शिकायत सात नवम्बर 2022 को जिलाधिकारी से की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि ब्रजनाथ राम की दो तरह की जन्मतिथि है। पहली एक दिसंबर 1953 और दूसरी एक दिसंबर 1960। इस संबंध में उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराये गए पुख्ता प्रमाण भी दिए थे। बीएसए ने शिकायतों की जांच रसड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभिन्न स्तर पर कराई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मानव संपदा पर अपलोड अभिलेखों व सेवा पुस्तिका में उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है, जबकि उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार उन्होंने अमर शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज, रसड़ा से 1972 में हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की है जिसमें उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1953 है। बाद में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय, बैरिया से पूर्व मध्यमा की परीक्षा 1975 में पास की है। यहां उनकी जन्मतिथि एक दिसंबर 1960 है। इस प्रकार अलग-अलग विद्यालयों से जन्मतिथि में परिवर्तन करके उनके द्वारा परीक्षा दी गयी है। बीएसए के अनुसार उत्तर प्रदेश सेवा में भर्ती नियमावली 1974 में उल्लिखित है कि सरकारी सेवक की जन्मतिथि हाईस्कूल या समकक्ष परीक्षा के प्रमाण पत्र में अभिलिखित हो मानी जाएगी। ब्रजनाथ राम ने हाईस्कूल की परीक्षा अमर शहीद भगत सिंह इका, रसड़ा से 1972 में उत्तीर्ण कर ली थी और इस तथ्य को छिपाकर 1975 में राधामोहन संस्कृत महाविद्यालय बैरिया से जन्मतिथि परिवर्तित करके पूर्व मध्यमा परीक्षा पास की। यदि दो विद्यालयों से एक ही परीक्षा अलग-अलग वर्षों में उत्तीर्ण करने को नजर अंदाज भी कर दिया जाए तो जन्मतिथि में हेरा-फेरी करके परिवर्तन किया जाना नियम विरुद्ध है।

ऐसे में स्पष्ट है कि ब्रजनाथ राम तथ्यों को छिपाकर विभाग को धोखा देकर बीटीसी परीक्षा उत्तीर्ण करके गलत तरीके से सेवा में बने हुए हैं। उन्हें सुनवाई का अवसर प्रदान किया जा चुका है। अब उनके सेवा में बने रहने का कोई नैतिक एवं विधिक आधार नहीं रह गया है।

Continue Reading

featured

बलियाः स्पार्किंग से निकली चिंगारी, 12 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक

Published

on

बलियाः रसड़ा के अमरपट्टी उत्तर में 8 किसानों की करीब 12 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया। आनन-फानन में पहुंचे ग्रामीणों ने आग बुझाने की कोशिश की।

फायर बिग्रेड को सूचना दी लेकिन रास्ते की दिक्कत की वजह से गाड़ी मौके पर पहुंचने में देर हो गई। इस बीच सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने अपने अथक प्रयास से आग को बुझाया। इस कारण अन्य किसानों की फसल खराब होने से बच गई।आग लगने का कारण हाईटेंशन तार की स्पार्किंग से निकली चिंगारी थी। बताया जा रहा है कि गांव में किसानों के खेत के पास से गुजर रही एचटी तार काफी दिनों लूज होकर लटका हुआ है। तेज हवाओं के दौरान तार आपस में टकराकर स्पार्किंग करने लगा और उससे निकली चिंगारी पास के अजय सिंह की गेहूं की फसल में लग गई।

धीरे-धीरे पूरे खेत में आग फैल गई। आग की लपटें इतनी तेज थी कि आसपास के लल्लन सिंह, गौरीशंकर सिंह, विदू सिंह, संजय सिंह, आनंद सिंह, राकेश सिंह व सुनील सिंह के खेत में बोयी करीब बारह बीघा गेहूं की खड़ी फसल आग की भेंट चढ़ गई।

इस बीच मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पानी डालकर आग पर किसी तरह काबू पाया। इस घटना के लिए पीड़ित किसानों ने बिजली विभाग पर आरोप लगाते उन्हें जिम्मेदार ठहराया है। ग्रामीणों का कहना है कि तार काफी दिनों से लूज होकर लटका हुआ है। इसे ठीक करने की मांग कई बार की चुकी है लेकिन बिजली विभाग ने ध्यान नहीं दिया।

Continue Reading

featured

अचानक पहुँचे बलिया डीएम! कई कर्मियों पर गिरेगी गाज, विद्यालय पर बंद तो अस्पताल पर लापता मिले कर्मचारी!

Published

on

बलिया। जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने शिक्षा क्षेत्र गड़वार के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय चांदपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में ताला बंद मिला। इस पर नाराज़ ज़िलाधिकारी ने प्रधानाध्यापक भानु प्रकाश पांडे और सहायक अध्यापक संतोष कुमार पर विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश बीएससी मनीराम सिंह को दिया।खंड शिक्षा अधिकारी गड़वार से भी स्पष्टीकरण तलब किया।

जिलाधिकारी ने सीएचसी फेफना का भी निरीक्षण किया।इस दौरान चीफ फार्मासिस्ट व वार्ड बॉय अनुपस्थित मिले। सीएससी पर उपस्थित स्टाफ नर्स अनीता पटेल ने बताया कि यह अस्पताल बंद है। जिलाधिकारी ने चीफ फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय का वेतन रोकने का निर्देश सीएमओ जयंत कुमार को दिया।इसके बाद आरोग्य केंद्र नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,गड़वार का भी निरीक्षण किया गया। उपस्थिति पुस्तिका की जांच में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी चंद्रभान रावत, सुनील कुमार और डॉक्टर एस के पांडे अनुपस्थित मिले। ओपीडी रजिस्टर भी डॉक्टर एनके पांडे के द्वारा तैयार नहीं किया गया था। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि डॉक्टर एनके पांडे पर कठोर कार्रवाई करते हुए इनके निलंबन की कार्रवाई हेतु पत्र शासन को भेजा जाए।

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!