बलिया

बागी बलिया के नौजवानों की टोली का ये काम जानकर सलाम करेंगे

बलिया अपनी बग़ावत के लिए पूरे देश में जाना जाता है। जब भी देश बलिया की माटी के बाग़ी अंदाज़ को भूलने वाला होता है, बलिया फिर से अपना रंग दिखा देता है। अभी तो ज्यादा दिन बीते भी नहीं जब ज़िले में सेना भर्ती के अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन देखने को मिला। ऐसा प्रदर्शन जिसे पूरा देश देखता रह गया। लेकिन इसके इतर भी बलिया में बहुत कुछ जारी है। इस बहुत कुछ में जनसेवा का जरूरी काम भी जारी है। जिले के कुछ नौजवानों ने जनसेवा की मशाल उठा रखी है। ‘एक कोशिश मानवता के नाम’ एक संस्था है जिसके जरिए ज़िले में गरीबों और अनाथ लोगों की ‘रोटी’ का जरिया बन रहे हैं।

करीब 2 साल पहले की बात है ज़िले के एक युवक ने ‘एक कोशिश मानवता के नाम’ से एक संस्था की शुरूआत की। संस्था की नींव रखने वाले नौजवान ने बलिया ख़बर के साथ विस्तार से बातचीत की। हालांकि उन्होंने अपना नाम पब्लिश नहीं करने की बात कही। तर्क दिया कि “ये संस्था किसी एक व्यक्ति से नहीं चलती बल्कि साझा प्रयासों से हमारा कार्य जारी है। इसलिए मैं नहीं चाहता कि कहीं भी मेरा नाम जाए।”

‘एक कोशिश मानवता के नाम’ की शुरूआत 2 अक्टूबर, 2020 को हुई थी। तब से ये संस्था ज़िले में निशुल्क भोजन बांटने का कार्य कर रही है। फिलहाल पूरे ज़िले में 3 ऐसी जगहें हैं जहां ‘एक कोशिश मानवता के नाम’ भोजन बांटती है। ज़िला अस्पताल, महिला अस्पताल और रेलवे स्टेशन पर खाना दिया जाता है। “हर दिन करीब 200-250 लोगों में भोजन बांटी जाती है।”

‘एक कोशिश मानवता के नाम’ की संस्था के जरिए बलिया के नौजवान ज़िले के गरीब लोगों में भोजन बांटने का कार्य कर रहे हैं।

संचालक बताते हैं कि “खाने बांटने के लिए कई बार बुकिंग आती है। बुकिंग से मतलब ये है कि कई लोग किसी दिन भोजन देने का प्रबंध कर देते हैं तो संस्था के लोग उसे वितरित कराते हैं।” इसे आसान भाषा में यूं समझिए कि आपके घर कुछ खास होना है। किसी का बर्थडे है या कोई अन्य खास मौका। तो आप संस्था के लोगों से संपर्क करते हैं और उस दिन भोजन की व्यवस्था आप कर देते हैं। जिसे ‘एक कोशिश मानवता के नाम’ संस्था गरीबों में बांटती है।

हालांकि कई बार बुकिंग नहीं आती है ऐसे में संस्था के लोग आपस में ही पैसे इकट्ठा कर भोजन की व्यवस्था करते हैं। इसे देखते हुए संस्था ने गुल्लक का कॉन्सेप्ट शुरू किया है। प्लान ये है कि ज़िले में करीब 200 जगहों पर गुल्लक रखी जाएगी। जिसमें लोग अपनी मर्जी से कुछ रुपए डालेंगे। इन रुपयों का इस्तेमाल तब किया जाएगा जब भोजन की बुकिंग नहीं आएगी। एक तरह से देखा जाए तो समाज के सक्षम लोगों की सहायता से ‘एक कोशिश मानवता के नाम’ संस्था बेसहारों का सहारा बनने की कवायद में जुटी है।

संस्था अब शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने कदम बढ़ा रही है। फेफना के अनाथ आश्रम में संस्था की ओर से एक शिक्षक की व्यवस्था की गई है। शिक्षक अनाथ आश्रम में पढ़ाने का काम करते हैं।

Akash Kumar

Recent Posts

नेपाली लड़के ने किया बलिया की किशोरी का अपहरण, 3 माह तक किया शारीरिक शोषण

बलिया के एक गांव से 15 वर्षीय लड़की के अपहरण का मामला सामने आया है।…

12 hours ago

बलिया में नगर पालिका चेयरमैन समेत 13 लोगों पर FIR दर्ज, ये है मामला

बलिया जिले के छितौनी गांव में नगर पालिका के चेयरमैन विनय जायसवाल सहित 13 लोगों…

1 day ago

भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर ने जहुराबाद विधानसभा क्षेत्र के सभी पदाधिकारीयों के साथ की बैठक

भारतीय जनता पार्टी बलिया लोकसभा क्षेत्र के एनडीए समर्थित प्रत्याशी नीरज शेखर  की उपस्थिति में…

2 days ago

बलिया निवासी रिटायर्ड जवान ने बीटेक छात्र को मारी गोली, हुई मौत, हत्या के आरोपी पिता ,पुत्री गिरफ्तार

गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में दिल दहला देने वाला घटनाक्रम सामने आया है। यहां…

2 days ago

बलिया सपा के युवा नेता ने जॉइन की बीजेपी, भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर की मौजूदगी में ली सदस्यता

बलिया समाजवादी पार्टी के युवा नेता प्रिंस सिंह ने शनिवार को बीजेपी सदस्यता ग्रहण की।…

3 days ago

बलिया में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर प्रशासन सख्त, वसूला जाएगा जुर्माना

बलिया में आए दिन आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है। इन घटनाओं में आर्थिक…

4 days ago