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बलिया: अज्ञात वाहन ने बाइक में मारी टक्कर, युवक की मौत

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बलिया के गड़वार-बलिया मुख्य मार्ग पर दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने बाइकसवार को टक्कर मार दी। इससे बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।

जानकारी के मुताबिक 32 वर्षीय अखिलेश शर्मा पुत्र लक्ष्मण शर्मा निवासी गांव चंदुकि थाना सुखपुरा किसी काम के लिए मोटरसाइकिल से गड़वार जा रहा था। वह गड़वार-बलिया मार्ग पर नारायनपाली गांव के पास पहुंचा, तभी किसी अज्ञात वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। इससे अखिलेश बुरी तरह घायल हो गया।

लोगों ने घटना की सूचना पुलिस के साथ परिजनों को दी और घायल को अस्पताल पहुंचाया।  जहां से प्राथमिक उपचार कर डॉक्टरों ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। लेकिन रास्ते में ही युवक की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक अखिलेश की दो लड़कियां व एक लड़का है। बताया जाता है कि अखिलेश अपने घर पर ही वेल्डिंग करने का काम करता था। इस घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना पर मौके पर पहुंची जांच पड़ताल में जुटी है।

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मतानंद फाउंडेशन और ENTOD फार्मास्यूटिकल्स ने ग्लूकोमा बीमारी को लेकर चलाया अभियान, लाखों लोगों को किया जागरूक

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मतानंद फाउंडेशन ने ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सहयोग से एक व्यापक ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह अभियान ग्लूकोमा मुक्त ग्लूकोमा का सफलतापूर्वक समापन किया। ये अभियान 10 से 16 मार्च के बीच चलाया हुआ था। इस अभियान के मुख्य उद्देश्य भारत भर में ग्लूकोमा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का प्रसार करना था। इस पहल ने देश भर के विभिन्न शहरों में 40 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को लक्षित किया।

10 से 16 मार्च के पूरे सप्ताह के दौरान हैशटैग ‘#ग्लूकोमामुक्तभारत’ नंबर पर रहा। ट्विटर के ट्रेंडिंग टॉपिक्स में पहला स्थान, देश भर में करोड़ों लोगों की रुचि को आकर्षित करते हुए। इस अभियान को तब महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला जब बॉलीवुड सेलिब्रिटी रणविजय सिंह ने अपनी मां के साथ अभियान की शुरुआत की। उनकी भागीदारी के साथ-साथ पूरे अभियान में शामिल 100 प्रभावशाली लोगों की भागीदारी के साथ, इस पहल ने 5 मिलियन से अधिक प्रभावशाली भागीदारी हासिल की, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में प्रभावी ढंग से जागरूकता फैल गई।

बॉलीवुड अभिनेता रणविजय सिंह विभिन्न चिकित्सा और जीवनशैली प्रभावितों, डॉक्टरों और स्थानीय संघों के सहयोग से चलाए गए इस सप्ताह भर के अभियान के राजदूत थे और भारत में 2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचे।

सप्ताह भर के अभियान के दौरान, समर्पित क्षेत्र टीम द्वारा पूरे भारत में प्रभावशाली गतिविधियों की एक श्रृंखला को सावधानीपूर्वक क्रियान्वित किया गया। भारत के 350 से अधिक जिलों में गाँव स्तर से लेकर कस्बों और स्तरीय शहरों तक ग्लूकोमा जागरूकता रैलियां आयोजित की गईं, जिसमें 2000 से अधिक डॉक्टरों और उनके स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। इन रैलियों ने जनता को ग्लूकोमा की शीघ्र पहचान और उपचार के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए मंच के रूप में कार्य किया।

इसके अतिरिक्त, विभिन्न क्षेत्रों में डॉक्टरों के क्लीनिकों में ग्लूकोमा शिविर स्थापित किए गए, जिससे बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1.5 लाख से अधिक रोगियों तक पहुंच बनाई गई। फ़ील्ड टीम ने दृष्टि जांच की और ग्लूकोमा पर सूचनात्मक पत्रक वितरित किए, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि व्यक्तियों को स्थिति और इसके प्रबंधन के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त हो।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, केरल, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में 300 से अधिक डॉक्टरों की भागीदारी के साथ 10 से अधिक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों ने स्वास्थ्य पेशेवरों को ग्लूकोमा निदान और उपचार के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के अवसर प्रदान किए, जिससे उनके रोगियों की प्रभावी ढंग से सेवा करने की उनकी क्षमता में वृद्धि हुई।

इसके अलावा, मतानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मा ने विश्व ग्लूकोमा सप्ताह को चिह्नित करते हुए और अपने राष्ट्रीय अभियान पर प्रकाश डालते हुए, अखिल भारतीय नेत्र रोग सोसायटी वार्षिक सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। सम्मेलन में, प्रमुख ग्लूकोमा डॉक्टरों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं में महत्वपूर्ण संदेश देने वाले 30 से अधिक रोगी शिक्षा वीडियो रिकॉर्ड किए गए, जिससे देश भर में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों को और बढ़ावा मिला।

पहल पर टिप्पणी करते हुए, ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के सीईओ, श्री निखिल के मसुरकर ने कहा, “भारत में नेत्र स्वास्थ्य के समर्थक के रूप में, ‘ग्लूकोमामुक्तभारत’ पहल के साथ हमारा लक्ष्य हमारे समुदायों में ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। यह अभियान था हमारे देश के युवाओं को विशेष रूप से लक्षित किया गया है ताकि वे अपने माता-पिता और दादा-दादी को ग्लूकोमा के लिए परीक्षण करवाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।

डॉ. रोमा जौहरी ने बताया कि “वैश्विक स्तर पर अपरिवर्तनीय अंधेपन के लिए ग्लूकोमा प्राथमिक योगदानकर्ता के रूप में खड़ा है। हालांकि, शीघ्र पता लगाने और उपचार के साथ, ग्लूकोमा से संबंधित 90 प्रतिशत तक अंधेपन के मामलों को रोका जा सकता है। नियमित नेत्र परीक्षण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो ऊंचे स्तर पर हैं जोखिम, दृष्टि की सुरक्षा के लिए शुरुआत में ही स्थिति का निदान और प्रबंधन करने में। हमें मटानंद फाउंडेशन और ईएनटीओडी फार्मास्यूटिकल्स के साथ सहयोग करने पर गर्व है, जो ग्लूकोमा की सार्वजनिक समझ को बढ़ाता है और ग्लूकोमा-प्रेरित अंधापन को रोकने में नियमित आंखों की जांच के महत्व पर जोर देता है।

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बलिया पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पिकअप से बरामद की 30 पेटी शराब

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बलिया पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा और अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी के निर्देशन में जिले में लगातार अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में एसपी और एएसपी के निर्देशन में अवैध शराब की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को सफलता मिली है।

पुलिस ने सुखपुरा थाना क्षेत्र के हरदिया गांव के समीप से पिकअप पर लदी 30 पेटी अवैध शराब बरामद की है। पकड़ी गई शराब की कीमत लगभग दो लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस का पीछा करते देख ड्राइवर मौके से गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। उसके बाद पुलिस ने पिकअप को थाने लाई तथा विधिक कार्रवाई में जुट गई।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार देर रात आबकारी टीम और सुखपुरा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए अवैध शराब जब्त की है। इस संबंध में थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पिकअप चालक फरार है, जिसकी तलाश में टीम जुटी हुई है। इसके अलावा पुलिस अन्य पहलुओं पर जांच कर रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि आखिर ये शराब कहां ले जाई जा रही थी।

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बलिया के CRPF जवान का इलाज के दौरान निधन, लोगों ने नम आंखों के साथ दी अंतिम विदाई

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बलिया जिले के खेजूरी थाना क्षेत्र के ग्राम भुड़ाडीह निवासी सीआरपीएफ जवान का शव तिरंगे में लिपटा हुआ गृह ग्राम पहुंचा। जवान को तिरंगे में लिपटा देख लोगों की आंखें नम हो गई। सम्मान के साथ जवान के शव को सुपुर्द ए खाक किया गया। इस दौरान परिजनों और रिश्तेदारों के साथ ही आसपास के लोगों ने श्रद्धांजलि दी।

बता दें कि खेजुरी थाना क्षेत्र के गांव भूड़ाडीह निवासी सीआरपीएफ के जवान अख्तर हुसैन खान (58) 1985 में सेना में भर्ती हुए थे। वे वर्तमान में सीआरपीएफ में एसआई के पद पर रांची में तैनात थे। कुछ दिनों पहले ड्यूटी के दौरान उनकी तबियत खराब हो गई, उन्हें मुंबई के टाटा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

सीआरपीएफ की 95 बटालियन वाराणसी के सहायक कमांडेंट हनुमान सिंह और इंस्पेक्टर दिनेश सिंह यादव के नेतृत्व में जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो घर में चीख-पुकार मच गई। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। यह माहौल देख मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। जवान की अंतिम यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।

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