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बलिया

योजनाओं के लाभार्थी अब अपने गांव में ही निकाल सकेंगे रुपये, जानें कैसे!

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423 डाकिया माइक्रो एटीएम लेकर गांवों में रहेंगे

– आधार कार्ड के जरिए 10 हजार तक की निकासी

बलिया: बैंकों में भीड़ ना लगे और सोशल डिस्टेंस का पालन हो, इसके लिए अब विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के गांव में धन निकासी की व्यवस्था की जा रही है। डाकघर विभाग द्वारा जिले में 423 माइक्रो एटीएम के माध्यम से यह निःशुल्क सुविधा दी जाएगी। और हां, एक बार में 10 हजार की सीमा तक ही निकासी की जा सकेगी। बेहतर ढंग से इसका संचालन हो इसके लिए डाकघर अधीक्षक, डीपीआरओ और एलडीएम को जिम्मेदारी दी गई है।

दरअसल, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के खाते में धन भेजे जा रहे हैं। जाहिर सी बात है लोग पैसे निकालने के लिए बैंक शाखाओं में जाएंगे और भीड़ बढ़ेगी। आधार इनबिल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) के माध्यम से हर घर जाकर लाभार्थियों को सेवा देने को लेकर विकास भवन में एक बैठक हुई। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक एवं डाकघर अधीक्षक के माध्यम से जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में कार्यरत 423 पोस्टमैन, जिनके माध्यम से आधार इनबिल्ड पेमेंट सिस्टम का संचालन किया जाता है, उनकी सूची डीपीआरओ को उपलब्ध कराई जाएगी। सूची के आधार पर ग्राम पंचायत या न्याय पंचायत स्तर पर एक जगह चिन्हित करते हुए सचिव, लेखपाल व अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारी लाभार्थियों को इसकी जानकारी दी जाएगी। वहीं पर लाभार्थी अपने खाते से आधार का उपयोग कर धनराशि निकाल सकेंगे। निकासी स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और हैंडवास व सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि उपायुक्त श्रम रोजगार द्वारा मनरेगा के सक्रिय जॉबकार्ड धारकों की सूची तथा श्रम अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, अग्रणी बैंक प्रबंधक तथा सभी नगरीय निकाय के ईओ अपने लाभार्थियों की सूची डाकघर अधीक्षक को देंगे। जिलाधिकारी ने विशेष जोर देकर कहा है कि इस संबंध में कोई बिचौलियागिरि की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। माइक्रो एटीएम ऑपरेटर या वेंडर द्वारा लाभार्थी के खाते से निकाली गई पूरी रकम लाभार्थी के हाथ में ही दी जाए। इस बात का भी ध्यान रहे कि हर बार लाभार्थी का अंगूठा लगवाने के बाद मशीन को सैनिटाइज किया जाए। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ को निर्देश दिया है कि डाक अधीक्षक द्वारा उपलब्ध कराई गई डाकियों की सूची के अनुसार एडीओ पंचायत के माध्यम से गांव में जगह चिन्हित करने और डाकिया, सचिव एवं प्रधान के साथ समन्वय बनाकर लाभार्थियों के घर-घर जाकर धनराशि देना सुनिश्चित कराएं।

इन लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजी गई

– सीडीओ बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा 82 हजार 366 सक्रिय जॉब कार्डधारक, 13 हजार 511 भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिक, 3 हजार 976 नगरीय क्षेत्र में श्रमिक या ठेले खोमचे वाले, 2 लाख 83 हजार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी और 6 लाख 15 हजार 79 जनधन खाता धारको में महिला खाताधारकों को धनराशि भेजी गई है। इसके अलावा 15 हजार से अधिक पेंशन धारकों के खाते में भी पेंशन भेजी गई है। अब पैसे निकालने के लिए बैंकों ने भीड़ होना स्वाभाविक है। इसी भीड़ को कम करने के लिए यह व्यवस्था की गई है।

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सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।

इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना

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बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।

बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।

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बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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