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सीवरेज सिस्टम प्रोजेक्ट में बदलाव पर बिफरे पूर्व मंत्री, बोले- भाजपा लोगों के साथ धोखा कर रही

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बलिया में सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने वाले प्रोजेक्ट में बदलाव किया गया है। लेकिन यह बदलाव पूर्व मंत्री नारद राय को पसंद नहीं आया। गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान वो भाजपा सरकार पर जमकर बरसे।

उन्होंने भाजपा पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि नए प्रोजेक्ट के नाम पर सरकार पुराने सीवरेज सिस्टम को लटकाए रखना चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि जांच के नाम पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को पूरा न कर शहर के लोगों के साथ धोखा किया जा रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्टर, मैं बहुत दुखी हूंः उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से जिले के एक मंत्री द्वारा शहर के सीवरेज सिस्टम को लेकर बयानबाजी की जा रही है। इससे मैं दुखी हूं। पिछले दिनों मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई कि गंगा एक्शन प्लान के जिम्मेदार लोगों ने गंगा में प्रदूषित पानी जाने के नाम पर ट्रीटमेंट प्लांट को रुकवा दिया। और रिवाइज्ड एस्टीमेट भेज दिया। जबकि यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके लिए मैंने बहुत पसीना बहाया है।

उन्होंने आगे कहा कि मुलायम सिंह यादव की सपा सरकार में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान से सीवरेज सिस्टम के लिए 95 करोड़ रुपये स्वीकृत कराया था। तब पूरे शहर के लिए दो फेज में सीवरेज सिस्टम लगाने की परियोजना बनी थी। रेलवे लाइन के दोनों तरफ दो चरणों में कार्य होना था। पहले चरण का काम चल ही रहा था कि हमारी सरकार चली गई। अगले पांच साल में बसपा सरकार के दौरान सीवरेज का कोई कार्य नहीं हुआ। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जो अमृतपाली में जमीन चिन्हित की गई थी, बसपा सरकार में उसे वापस कर दिया गया। 2012 में हमारी सरकार आई तो मैं इस प्रोजेक्ट पर पूरी ताकत से लग गया। 2015 में छोड़हर के पास ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जमीन उपलब्ध हो गई।

भाजपा के इशारे पर रुका कामः पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि अखिलेश यादव की सरकार में 19.6 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये दिया गया था। फिर हमारी सरकार चली गई तो बेदुआ से छोड़ हर के लिए जो काम चल रहा था, वह काम भाजपा के मौजूदा जनप्रतिनिधियों के इशारे पर रुक गया। वर्तमान जनप्रतिनिधियों ने जांच के नाम पर इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को रुकवा दिया।

इसके अलावा राय ने कहा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए स्वीकृत इस 25 करोड़ में से नमामि गंगे के नाम पर 11 करोड़ रुपये घरों से निकलने वाले मल-जल को मेन होल तक ले जाने के मद में स्थानांतरित कर दिया गया। जबकि बीस प्रतिशत भी घरों से मेन होल तक कनेक्शन नहीं हुआ है। साथ ही कमीशन लेकर चार करोड़ रुपए सिक्युरिटी मनी ठेकेदार को दे दी गई। इस प्रकार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए स्वीकृत 25 करोड़ में से पंद्रह करोड़ रुपए की बर्बादी कर दी गई।

भाजपा ने किया शहर के सीवरेज का विनाशः राय ने आगे कहा कि अब पुराने प्रोजेक्ट के स्थान पर 204 करोड़ के नए प्रोजेक्ट लाकर वर्तमान सरकार के प्रतिनिधि शहर के विकास को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। कहा कि भाजपा सरकार में शहर के सीवरेज का विनाश कर दिया गया। कहा जा रहा है कि सीवरेज का पानी गंगा में जा रहा है। जबकि जब प्रोजेक्ट अधूरा है तो गंगा में पानी जाने का सवाल ही नहीं है। ये जरूर है कि ड्रेनेज का पानी गंगा में जाता है। प्रदेश के अन्य शहरों में भी ड्रेनेज का पानी गंगा में जाता है। जिस संसदीय क्षेत्र से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं, वहां भी सात एसटीपी बनाए गए हैं। अच्छा होता कि गंगा एक्शन प्लान के अधिकारी हमारे यहां गंगा में गन्दा पानी न जाये इसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट बनवाते।

हमारे सीवरेज को रुकवा देना शहर ही नहीं, जिले भर के लिए आघात है। कहा जा रहा है कि शहर के दक्षिण दिशा में रिंगरोड के नीचे सीवरेज बनेगा। यह सफ़ेद झूठ है। मैं नगर विकास का मंत्री रहा हूं, मैं जानता हूं कि फ्लड एरिया में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनता। मैं अधूरा ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की मांग भारत सरकार से करता हूं। इस अवसर पर चन्द्रशेखर उपाध्याय, प्रेमशंकर चतुर्वेदी व राजकुमार पाण्डेय आदि थे।

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सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।

इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना

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बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।

बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।

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बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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