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बलिया: क्या ‘गुलाब की नगरी’ में फिर से खिल पाएगा ‘कमल’ ?

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सिकंदरपुर भाजपा विधायक संजय यादव (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश का सबसे पूर्वी छोर है बलिया। ज़िला बलिया में कुल सात विधानसभा क्षेत्र हैं। सिकंदरपुर इन्हीं में से एक है। सूबे की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने बलिया की 4  सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। सिकंदरपुर से भाजपा ने विधायक संजय यादव पर भरोसा जताया है। 2017 के मोदी लहर के बीच सिकंदरपुर की सीट को भाजपा के खाते में डालने वाले संजय यादव पर एंटी इनकंबेंसी के बीच पार्टी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

2022 के चुनावी रण में सिकंदरपुर के मैदान में भाजपा के संजय यादव के सामने समाजवादी पार्टी के मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी हैं। दिलचस्प है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी संजय यादव के सामने सपा के जियाउद्दीन रिजवी ही चुनौती पेश कर रहे थे। सिकंदरपुर से जियाउद्दीन रिजवी दो बार विधायक भी रह चुके हैं। 2002 और 2012 में जियाउद्दीन रिजवी इस सीट से विधानसभा पहुंचे
थे। लेकिन 2017 में भाजपा की टिकट पर संजय यादव ने पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी को पटखनी दे दी थी।

कुछ जरूरी आंकड़े:

मीडिया रपटों के मुताबिक सिकंदरपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 3 लाख से अधिक मतदाता हैं। 1 लाख 60 हजार से अधिक पुरूष मतदाता और महिला मतदाता 1 लाख 40 हजार के करीब हैं। अगर बात 2017 के विधानसभा चुनाव की करें तो तब लगभग 57 फीसदी वोटिंग हुई थी। 2017 में वोटरों की संख्या 3 लाख से कुछ कम थी। तब संजय यादव को लगभग 70 हजार वोट मिले थे। 2017 में संजय यादव और जियाउद्दीन रिजवी के बीच वोटों का अंतर लगभग 24 हजार था।

जातिगत समीकरण बताते हैं कि इस सीट पर किसी एक जाति का प्रभाव नहीं है। बल्कि सभी जातियों के वोट मिले-जुले हैं। खास बात यह है कि सभी जातियों के ही वोट निर्णायक भूमिका में रहते हैं। जीत के लिए किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को सभी जातियों को साधकर ही चलना होगा।

केशव प्रसाद मौर्य और संजय यादव (फोटो साभार: फेसबुक)

केशव प्रसाद मौर्य और संजय यादव (फोटो साभार: फेसबुक)

टिकट मिलने पर क्या बोले संजय यादव:

बलिया के चौराहों पर चर्चाएं तेज थीं कि इस बार कई सीटिंग विधायकों की टिकट भाजपा काटने वाली है। बेल्थरा रोड से धनंजय कन्नौजिया को लेकर ये चर्चा सबसे अधिक थी। भाजपा ने जब उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कि तो इस सियासी हवा पर मुहर भी लग गई। लेकिन सिकंदरपुर सीट से एक बार फिर संजय यादव को टिकट मिल गया। संजय यादव को दोबारा टिकट मिलने पर कई लोग हैरान हैं तो कई लोग इसे स्वभाविक भी बता रहे हैं।

बलिया की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग बताते हैं कि टिकट बंटवारे से पहले ही भाजपा अपने विधायकों की ग्राउंड रिपोर्ट खंगाल रही थी। रिपोर्ट संजय यादव की भी देखी गई। भाजपा आलाकमान को संजय यादव के प्रति कोई नाराजगी लोगों में नहीं दिखी। तब पार्टी ने एक बार फिर गुलाब नगरी में कमल खिलाने की जिम्मेदारी संजय यादव के युवा कंधों पर दे दी।

टिकट मिलने के ठीक बाद बलिया ख़बर से बातचीत में संजय यादव ने कहा कि “बीते पांच साल के कार्यकाल में हमने जिस प्रकार से क्षेत्र की जनता के लिए काम किया उसे पार्टी ने देखा है। पांच सालों में क्षेत्र की जनता का सम्मान करते हुए हर कोने के विकास के लिए हम प्रयासरत रहे। जिसकी वजह से पार्टी ने हमें दोबारा जनता की सेवा का अवसर दिया है। आगे हम जनता की अदालत में हैं।”

भाजपा के 11 सर्वे में संजय यादव हुए पास:

संजय यादव खुद बताते हैं कि भाजपा ने टिकट बंटवारे से पहले कुल 11 सर्वे किए। संजय यादव ने दावा किया कि पार्टी के 11 सर्वे में हमें 60 फीसदी जनता का आशीर्वाद मिलते हुए दिखाया गया। अपने प्रतिद्वंदी जियाउद्दीन रिजवी पर तंज कसते हुए कहते हैं कि “वो तो हमारे लिए लकी हैं। पिछले चुनाव में मैंने 24 हजार से अधिक वोटों से उन्हें हराया था। इस बार तो पांच साल से वो क्षेत्र की जनता के पास कभी गए नहीं हैं।”

संजय यादव जियाउद्दीन रिजवी पर आगे कहते हैं कि “उनके कार्यकाल की जो करतूत थी, जैसा काम था उसी का जवाब तो जनता ने दिया था।” उन्होंने कहा कि “सपा के नेतृत्व को कोई सूझबूझ नहीं है, इसलिए फिर से उसी व्यक्ति को मेरे सामने भेज दिया जिसे मैंने 24 हजार वोटों से हराया था।”

संजय यादव का सियासी सफर:

संजय यादव लंबे समय से भाजपा के कार्यकर्ता रहे हैं। समय-समय पर संगठन में बड़े पदों पर भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। 1998 से ही भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। पार्टी के दिग्गज नेताओं मसलन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश चुनाव के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ 2000 से 2007 के बीच काम कर चुके हैं। लगातार 5 बार भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे हैं।

2017 में विधानसभा चुनाव जीतकर लखनऊ पहुंचे। हालांकि इससे पहले ही दिल्ली दरबार तक संजय यादव ने अपनी पहुंच बना रखी थी। फिलहाल संजय यादव विधायक के साथ-साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बने रोजगार व सेवायोजन आयोग के सदस्य भी हैं।

लड़ाई लखनऊ में रखी कुर्सी के लिए है। कुर्सी तक पहुंचने के लिए प्रदेश के 403 विधानसभा क्षेत्रों में भिड़ंत हो रही है। इन्हीं में से एक क्षेत्र है सिकंदरपुर। मुकाबला दिलचस्प है। 2017 में एकदम नए चेहरे के रूप में आकर भी संजय यादव ने सपा के पुराने नेता, दो बार के विधायक और मंत्री रह चुके जियाउद्दीन रिजवी को करारी शिकस्त दी थी। अब संजय यादव पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। जनता के सामने उनकी वर्क रिपोर्ट है। देखना होगा कि 3 मार्च को वर्क रिपोर्ट के आधार पर कितनी वोटिंग होती है? साथ ही 10 मार्च को जनता के फैसले के पिटारे से क्या निर्णय सामने आता है?

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बलिया में उत्तराखंड के पूर्व CM त्रिवेंद्र सिंह का सपा पर तंज, बोले – इनको जनता समझ चुकी है

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बलिया। मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी महाजनसंपर्क अभियान चला रही है। जिसके तहत यूपी के बलिया जिले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मीडिया से बातचीत की। जहां उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तंज कसा। साथ ही राहुल गांधी और नीतीश कुमार पर भी हमला बोला।

‘सपा को समझ चुकी जनता’ – कहा कि “प्रदेश की जनता भूली नहीं है कि समाजवादी पार्टी ने किस तरह से उत्तर प्रदेश में गुंडाराज कायम किया। तमाम माफिया समाजवादी पार्टी के कैडर में रहे। यही नहीं सपा ने उनको माननीय बनाने का भी काम किया। इसलिए समाजवादी पार्टी का जो मुखौटा है उसको प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है प्रदेश की जनता ने उसे पहले भी नकारा है और इस बार फिर नाकरेगी।



राहुल गांधी के बोलने BJP को फायदा’- पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार भी BJP प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाएगी। कर्नाटक में जीत के बाद राहुल गांधी के बेहद मुखर होने पर कहा कि राहुल गांधी जितना बोलेंगे BJP को फायदा होगा। जिस तरह से वह नादानी कर रहे हैं. विदेश में जाकर के उन्होंने देश की बदनामी की हैं देश की जनता राहुल गांधी की राजनीतिक समझ को समझ चुकी है। देश की जनता कांग्रेस को नकार चुकी है, इसलिए राहुल गांधी की मुखरता से कोई फर्क नहीं पड़ता। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा BJP के पास इस बार और अधिक वोट बढ़ाने की चुनौती है, उसको हम बढ़ाएंगे।

विपक्षी गठबंधन पर त्रिवेंद्र सिंह का जवाब- विपक्षी गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ दिन इंतजार करिए सब चीजें सामने आ जाएंगी यह किस तरह आपस में लड़ेंगे, किस तरह से एक दूसरे की गर्दन काटेंगे. आप सब देखेंगे। इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सिंह ने सीएम नीतीश कुमार और महाराष्ट्र की शिवसेना कांग्रेस गठबंधन पर भी निशाना साधा। कहा कि BJP पहले भी बिहार और महाराष्ट्र में अपने बल पर लड़ी है अब देश की जनता नीतीश कुमार और महाराष्ट्र की शिवसेना कांग्रेस का गठबंधन को बहुत अच्छी तरीके से समझ चुकी है। नीतीश कुमार और शिवसेना कांग्रेस गठबंधन सरकार अब एक्सपोज हो चुकी है।



वहीं पार्टी में अब तक सम्मान नहीं मिलने के सवाल पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने कहा कि मैं BJP राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य हूं। पार्टी समय-समय पर मुझे जिम्मेदारी देती है। उस जिम्मेदारी को मैं एक कार्यकर्ता होने के नाते निभाता हूं।

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मंदिर की चल-अचल संपत्ति के फर्जीवाड़े के आरोप में रसड़ा चैयरमैन समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज

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बलिया में रसड़ा कोतवाली पुलिस ने ठाकुर जी और महादेव जी मंदिर की चल और अचल संपत्ति के फर्जीवाड़े के आरोप में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने नगरपालिका अध्यक्ष विनय शंकर जायसवाल समेत 9 के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।

दैनिक अखबार हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के  मुताबिक रसड़ा निवासी रौखीलाल ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत वाद दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि मेरे पूर्वजों की ओर से 24 अक्तूबर, 1897 को ठाकुरबाड़ी व मंदिर के बावत एक रजिस्टर्ड न्यास नाम तैयार किया गया।

इसमें ठाकुर जी और मंदिर के नाम से चल-अचल संपत्ति को व्यवस्था के लिए सर्वाकार की नियुक्ति होती रहेगी। स्वर्गीय विश्वनाथ प्रसाद श्री ठाकुर जी, महादेव जी मंदिर तथा उनके नाम की सभी चल-अचल संपत्ति के सर्वाकार नियुक्त हुए थे। उन्होंने अपनी पुत्रियों सरस्वती व सुमित्रा को सर्वाकार नियुक्त कर दिया था। बिना किसी को सर्वाकार नियुक्त किए ही सुमित्रा का निधन हो गया।

दूसरी बेटी सरस्वती ने अपने चार पुत्रों में दो शंभूनाथ व रोखीलाल उर्फ ऋषिलाल को सर्वाकार नियुक्त कर दिया। इसमें शंभूनाथ ने भी अपने पुत्र राजेश, रितेश व दिनेश को सर्वाकार नियुक्त कर दिया। वादी पक्ष ने कोर्ट में बताया कि कुछ लोगों ने साजिश व षड़यंत्र के जरिये रसड़ा तहसील के कर्मचारियों के साथ मिलकर अवैध तरीके से ट्रस्ट को जमीन पर परशुराम का नाम अंकित कराकर सात जनवरी, 2017 को कवाला करा लिया।

इसके बाद न्यायालय में सुनवाई हुई और पुलिस ने हनुमान गली ब्रह्मस्थान निवासी परशुराम, शंकर राम का हाता ठाकुरबाड़ी निवासी चेयरमैन विनय कुमार उर्फ विनय शंकर जायसवाल, थाना रोड निवासी कैलाश प्रसाद उर्फ मुन्ना, केशव उर्फ जुन्या हिता के पुरा निवासी ललिया उर्फ रामदुलारी (मृतक ठाकुरबाड़ी निवासी अभिषेक दुबे, रसड़ा कस्बा के जवाहर लाल हिता के पुरा निवासी रामआशीष यादव पर धारा 419 व 420 में केस दर्ज किया गया है। रसड़ा कोतवाल हिर्मेंद्र सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है। उधर, चेयरमैन विनय शंकर जायसवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने की जानकारी नहीं है।

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बालासोर ट्रेन हादसे में बलिया के युवक की भी गई जान, गांव में मातम!

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बलिया। उड़ीसा के बालासोर में हुए दुर्घटना में बलिया के एक नौजवान की भी जान चली गई। जिल के दोकटी थाना क्षेत्र के बहुआरा निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र सूर्यदेव सिंह 38 साल के मृत्यु होने से गांव में शोक का हौल है।

बता दें  कि बहुआरा गांव निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र सूर्यदेव सिंह दुर्घटना ग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस में पेंटी चेयर कार खाना देने का कार्य करते थे तथा दुर्घटना के दिन भी अपने ड्यूटी पर गए थे दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। कागजी खाना पूर्ति के बाद गांव खबर पहुचने के बाद कल से ही उनके घर पूछन हारो का तांता लगा हुआ है।

स्वर्गीय सिंह अपने परिवार सहित कोलकत्ता में रहते थे और वही से अपनी नौकरी करते थे। वह अपने पीछे अपनी पत्नी पूजा व चार वर्षीय बच्ची सृष्टि को छोड़ गये है। उनके चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह ने बताया कि देवेंद्र बहुत मिलनसार व मेहनती लड़का था जो अपने इस नौकरी के बदौलत ही अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।

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