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चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह संपन्न, 33 मेधावी गोल्ड मेडल से हुए सम्मानित

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बलिया: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह सोमवार को आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वर्चुअली शिरकत की। इस प्रोगाम में 33 मेधावियों को गोल्ड मेडल तथा 320 छात्र-छात्राओं को उपाधि वितरित की गयी।

इस दौरान समारोह का शुभारंभ डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के कुलपति प्रो. रमेश चंद श्रीवास्तव व चंद्रशेखर विवि की कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान वर्चुअल शामिल हुईं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने जनपद के सेनानियों व साहित्यकारों को याद कर की। उन्होंने छात्र-छात्राओं के चहुँमुखी विकास और गांव को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय को कुछ जिम्मेदारियां भी सौंपी। उन्होंने चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय द्वारा 125 से ज्यादा गांवों को गोद लिए जाने की सराहना करते हुए कहा, हम लोगों ने कई नए कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के माध्यम से शुरू किए हैं। इसमें टीबी वाले बच्चों को गोद लेना भी शामिल है। इसलिए यह लक्ष्य बनाएं कि इन 125 गांवों में सभी प्रसव अस्पताल में ही हो, तथा एक भी शिशु की मृत्यु नहीं होने पाए।

आंगनबाड़ी में अगर कोई भी कुपोषित बच्चा हो तो ग्राम प्रधान को सूचित करते हुए गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि बच्चे को स्वस्थ बनाया जा सके। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ इन 125 गांवों में सभी पात्रों को मिल रहा है या नहीं, यह भी देखें। लाभ दिलाने का प्रयास भी करें। कुलाधिपति ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई से लेकर कई अन्य बहुपयोगी कार्यों में प्रकाश का महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें सोलर पैनल के प्रयोग को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जाए।

कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने छात्र-छात्राओं को अपना संदेश देते हुए कहा कि जीवन मे शिक्षा का कभी अंत नहीं होता। यहीं से जीवन की असली परीक्षा शुरू होती है। निरन्तर परिश्रम ही आप सबको सफलता की ओर ले जाएगा। राष्ट्र के निर्माण में उच्च शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के प्राविधानों के अनुरूप विश्वविद्यालय स्थानीय लघु उद्योग एवं रोजगारपरक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। एक जनपद-एक उत्पाद के अंतर्गत बिंदी उद्योग, स्थानीय सिन्होरा एवं काष्ट शिल्प तथा कृत्रिम आभूषण निर्माण को भी अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

कुलाधिपति ने कहा कि बहुत से लोग अपनी बेटियों को किसी अन्य जनपद में या दूर कहीं पढ़ाई के लिए भेजने में संकोच करते हैं। ऐसे में इस जिले में विश्वविद्यालय का होना सौभाग्य की बात है। सभी बेटियां भी इसका लाभ लें और बेहतर शिक्षा ग्रहण करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सभी बेटियों का हीमोग्लोबिन टेस्ट समय-समय पर करवाता रहे। आज की बेटी कल की मां बनने वाली है, इसलिए वह सशक्त और स्वस्थ होनी चाहिए। विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य बनता है कि बेटियों को सही मार्ग दिखाया जाए।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में सभी से यह अपील की कि 18 वर्ष के ऊपर के सभी छात्र-छात्राएं अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। अपने माता-पिता व अभिभावक को भी साथ ले जाएं और मतदान को प्रेरित करें। आपका हर एक वोट राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड की तीसरी लहर में सावधानी और सतर्कता ही जीवन बचाएगी। इसलिए कोविड नियमों का पालन करें। आगामी गणतंत्र दिवस की भी उन्होंने बधाई दी। अंत में उन्होंने सभी मेधावी छात्रों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने अपने सम्बोधन की शुरुआत भोजपुरी भाषा से की। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि तमाम परेशानियों के बाद भी विश्वविद्यालय जिस तरह प्रगति कर रहा है, काबिले तारीफ है। ‘लिविंग लीजेंड्स ऑफ बलिया’ फोरम की स्थापना करके यहां की विभूतियों को उनकी मिट्टी से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया। यह यहां के लिए एक बेहतर थिंक टैंक का कार्य करेगा।

प्रो. श्रीवास्तव ने कहा कि शोध किसी भी विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी पूंजी होती है, इसलिए यहां प्राकृतिक संसाधनों पर विभिन्न विभागों द्वारा शोध को बढ़ावा दिया जाए, ताकि रोजगारपरक तकनीकों का विकास हो सके। आज ऐसी शिक्षा की जरूरत महसूस की जा रही है, जो अधिक से अधिक रोजगार देने में सहायक हो। कृषि बलिया का मुख्य व्यवसाय है। कुछ छोटे-मोटे उद्योग धंधे भी यहां रोजगार के प्रमुख साधन हैं। इसलिए यह भी प्रयास हो कि यहां के लोगों को कौशल विकास एवं कृषि आधारित उद्योग-धंधों से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए।

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर श्रीवास्तव ने ‘वी कैन डू इट, वी विल डू इट’ लाइन के जरिए सभी छात्र-छात्राओं में सकारात्मक ऊर्जा भरने का प्रयास किया। उन्होंने सभी छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने कहा कि पिछले वर्ष दूसरे दीक्षांत समारोह के दौरान कुलाधिपति की ओर से मिली प्रेरणा से विवि और बेहतर स्वरूप में आया है। कोविड से पठन-पाठन प्रभावित जरूर हुआ, लेकिन एनसीसी, रोवर्स रेंजर्स आदि ने महामारी के दौरान जिस सेवाभाव से कार्य किया, सराहनीय हैं। विवि परिसर ने 5 गांव गोद लिए, तथा 135 महाविद्यालयों के 14 संकुलों ने 70 गांव गोद लेकर उन गांवों में समाज कार्य किए जा रहे हैं।

विश्वविद्यालय द्वारा डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर तथा भारतीय दलहन शोध संस्थान, कानपुर के साथ महत्वपूर्ण समझौते किए गए हैं। इसके अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन व किसानों को बीज आवंटित करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। उद्यान विज्ञान को गति देने के लिए भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, अदलपुरा से समझौता की प्रक्रिया विचाराधीन है। विश्वविद्यालय में लगभग 70 शोधार्थियों को पंजीकृत किया गया है, जिन्होंने शोध कार्य शुरू कर दिया है। कुलपति ने कहा कि लिविंग लीजेंड्स की संख्या 80 से ऊपर पहुँच गई है, जिसमें आज के मुख्य अतिथि भी शामिल हैं।

कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा खेल प्रतियोगिता में अंतर-विश्वविद्यालयीय स्तर पर पूर्वी जोन में सहभाग किया गया। इसमें यूनिवर्सिटी के आरिफ अली ने हाफ मैराथन में स्वर्ण पदक प्राप्त करके विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। इसके अलावा बीपीएड के छात्र अभिषेक सोनी ने भी अंतर-विश्वविद्यालयीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में छठवां स्थान पाया, जिनका चयन खेलो इंडिया में भी हो सकता है।

दीक्षांत समारोह आयोजन के दौरान कुल सचिव एसएल पाल, यूनिवर्सिटी के कुलानुशासक डॉ अरविंद नेत्र पांडेय, कुलपति के पीआरओ डॉ जैनेन्द्र पांडेय, डॉ अखिलेश राय, डॉ मान सिंह, डॉ अखिलेश राय, डॉ आशुतोष यादव, डॉ शुभनीत कौशिक, डॉ दिलीप श्रीवास्तव, डॉ ममता वर्मा, डॉ निशा राघव, डॉ साहब दूबे, डॉ अजय पांडेय, धर्मात्मानंद गुप्ता, अशोक श्रीवास्तव, डॉ रामशरण पांडेय, डॉ अशोक सिंह, डॉ प्रमोद पांडेय, डॉ यादवेंद्र, डॉ निवेदिता श्रीवास्तव, अतुल सिंह, नेहा बिसेन, अजय बिहारी पाठक, फुलबदन सिंह आदि थे। संचालन डॉ दयालानन्द राय ने किया।

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सलेमपुर से टिकट मिलने के बाद बलिया पहुंचे रमाशंकर राजभर, किया जीत का दावा

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लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बलिया के राजनैतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई हैं। अलग अलग सीटों से लोकसभा प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच रहे हैं और अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं।

इसी कड़ी में सलेमपुर लोकसभा से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार घोषित होने के बाद पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर पहली बार सलेमपुर के सिकंदरपुर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने इस दौरान मीडिया से चर्चा की और कहा कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर समाज के ऊपर बहुत बड़ा भरोसा जताया है। इस दौरान उन्होंने लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील की। उन्होंने जनता पर भरोसा जताते हुए कहा कि राजभर समाज सलेमपुर के साथ-साथ पूर्वांचल की सभी सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताकर अखिलेश यादव का सम्मान बढ़ाएगा।

इस दौरान डॉ. मदन राय, रामजी यादव, भीष्म यादव, रामबचन यादव, चंद्रमा यादव, सरतेज यादव, शेयबुल इस्लाम, खड़खड़ राजभर, आकाश राजभर, नितिन मिश्रा, मीरा देवी, मंजू देवी, विधावती देवी, श्रीराम चौधरी, अमरनाथ राम, मदन यादव, शिवनारायण यादव, बुड्ढा यादव, तारिक अजीज गोलू, सियाराम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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बलिया में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर होगी कार्रवाई, लगेगा 1 लाख तक जुर्माना

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बलिया शिक्षा विभाग ने बगैर मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे शिक्षा संस्थानों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों की जांच शुरू की है और अनियमितता मिलने पर स्कूलों पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

बता दें कि बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बीएसए ने सभी BEO को पत्र लिखकर बताया है कि 6 से 14 साल के बच्चों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा परिषदीय प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल, मान्यता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं।

निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में स्पष्ट है कि बिना मान्यता के कोई स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता। ऐसे में क्षेत्र में बगैर मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर मान्यता वापस ले ली जाएगी।

बीएसए ने चेतावनी दी है कि बगैर मान्यता के चल रहे स्कूलों पर एक लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्राविधान है। सभी बीईओ को बीएसए ने संबंधित प्राविधानों के अनुसार बगैर मान्यता के या मान्यता के विपरित चल रहे स्कूलों पर र्कारवाई करके तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।

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बलिया के तहसीलदार कोर्ट से एक साथ गायब हुईं 85 फाइलें, अधिकारियों में मचा हड़कंप

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बैरिया के स्थानीय तहसीलदार कोर्ट से फाइलें गायब होने का मामला सामने आया है। यहां तहसीलदार कोर्ट से 1-2 नहीं बल्कि 85 फाइलें गायब हो गई हैं। इस मामले में तहसीलदार के पेशकार ने पुलिस को तहरीर दी है। पुलिस अब मामले की जांच-पड़ताल कर रही है। जानकारी के मुताबिक, तहसील के तहसीलदार न्यायालय से जमीन आदि से जुड़े मुकदमों की करीब 85 फाइलें गायब हो गयी हैं। इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गयी। खोजबीन शुरू हुई लेकिन गायब फाइलों का सुराग नहीं लग सका।

इसके बाद ओमप्रकाश पटेल ने पुलिस को तहरीर दी। जो फाइलें कोर्ट से गायब हुई हैं, वह विभिन्न मुकदमों से जुड़ी हुई है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप मच गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी जानकारी तब हुई, जब कोर्ट में फाइलों से जुड़े लोग तथा उनके अधिवक्ता सुनवाई के लिए पहुंचे। उनका कहना है कि इसमें तहसील के ही किसी कर्मचारी की भूमिका हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एसडीएम अथवा तहसीलदार कोर्ट में स्थाई कर्मचारियों के अलावा फाइलों के रख-रखाव की जिम्मेदारी प्राइवेट लोग भी करते हैं। यह वादकारियों आदि से फाइल दिखाने के बदले अवैध रूप से पैसा भी वसूलते हैं। आशंका जतायी जा रही है कि इस घटना में न्यायालय में रहने वाले किसी प्राइवेट व्यक्ति का भी हाथ हो सकता है।

इस मामले में तहसीलदार सुर्दशन कुमार का कहना है कि कोर्ट की फाइलें गायब हुई हैं। खोजबीन हो रही है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। एसओ धर्मवीर सिंह का कहना है कि पेशकार से मिली तहरीर के बारे में अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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