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बलिया

चरौवा बलिदान दिवस आज, अंग्रेजों के लड़ते लड़ते शहीद हुए थे चार वीर

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आजादी की लड़ाई के लिए हजारों वीर शहीदों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। लाखों वीरों का खून बहा, तब जाकर स्वतंत्रता हासिल हुई। इस लड़ाई में बलिया ने अपनी जान की परवाह न करते हुए मातृभूमि की रक्षा की। ऐसा ही एक गांव के चरौवा, जहां के जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी।

1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 25 अगस्त को इस गांव के चार क्रांतिकारी अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। एक मकतुलिया मालिन नाम की महिला भी थी। चलिए इन्हीं वीर शहीदों का कहानी आपको बताते हैं।

बात भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान की है। जब अंग्रेज हुक्मरानों द्वारा विशेषाधिकार युक्त सर्वोच्य प्रशासक नेदर सोल और मार्क्स स्मिथ के नेतृत्व में फौज की टुकड़ी जल मार्ग से बलिया पहुंची। इसका एक दस्ता कैप्टन मूर की देखरेख में चरौवा पहुंचा। कैप्टन मूर ने गांव के सरपंच राम लखन सिंह के यहां चौकीदार भेजकर क्रांतिकारियों को सौंपने का संदेश भेजा।

तभी सरपंच के यहां पहुंचकर चौकीदार ने कैप्टन मूर का संदेश देना शुरू किया था कि इसी बीच सरपंच ने ऐसा करारा तमाचा जड़ा कि चौकीदार का कान फट गया और खून निकलने लगा। इसके बाद अंग्रेज फौजों ने पूरे गांव को घेर लिया। फिर शुरू हुआ अंग्रेजों का दमन चक्र। इसी बीच एक ग्रामीण क्रांतिकारी ने ललकारा की गोरों के पास दो हाथ की मशीन है तो हमारे हाथ में छह फुट की लाठी है। यह सुनते ही ग्रामीण लाठी डंडे लेकर अंग्रेजों पर टूट पड़े।

हंगामा बढ़ता देख गोरों में खलबली मच गई। गांव की महिला मकतुलिया मालिन ने कैप्टन मूर के सिर पर हांडी से हमला बोल दिया। कैप्टन मूर ने मकतुलिया मालिन को गोलियों से छलनी कर शव घाघरा नदी में फेंकवा दिया। इसके बाद अंग्रेजों ने गांव वालों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। कई स्थानों पर ग्रामीणों ने अंग्रेजो से मोर्चा लिया।

गांव के क्रांतिकारियों और अंग्रेजों के बीच युद्ध में ग्रामीणों ने कई अंग्रेजों को जख्मी कर दिया। इस संघर्ष में खर बियार, मंगला सिंह और शिवशंकर सिंह भी शहीद हो गए। इसके बाद फिरंगियों ने गांव में जमकर लूटपाट की। गांव के कन्हैया सिंह, राधा किशुन सिंह, दशरथ सिंह, कपिलदेव सिंह, बृज बिहारी सिंह, मृगराज सिंह, शम्भू सिंह, श्रीराम तिवारी, कमला स्वर्णकार व हरिप्रसाद स्वर्णकार आदि लोगों ने अंग्रेजों को कड़ी चुनौती दी थी। जिन्हें अंग्रेजों ने जेल में बंद कर दिया।

इन्हीं वीर शहीदों के संघर्ष व बलिदान की याद में आज 25 अगस्त को चरौवा में मेला व बलिदान दिवस का आयोजन होता है। क्योंकि आज से 10 दिन पहले 14 अगस्त को इलाहाबाद से छात्र छात्राओं की आजाद हिंद ट्रेन बेल्थरारोड आई थी। ट्रेन से आए क्रांतिकारियों ने बेल्थरावासियों में जोश भर दिया जिससे क्रांति की ज्वाला फूट पड़ी। आक्रोशित क्रांतिकारियों ने रेलवे स्टेशन व मालगोदाम फूंक डाले। बिजली व टेलीफोन का तार काटकर पूरी सरकारी व्यवस्था को तहस नहस कर दिया। रेलवे लाइन उखाड़ते समय डीएवी इंटर कॉलेज के अध्यापक चंद्रदीप सिंह शहीद हो गए। अंग्रेजों के तांडव का जायजा लेने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने फिरोज गांधी को यहां भेजा था। हृदय विदारक शहादत को देख फिरोज गांधी फफक पड़े थे। आज भी चरौवा के लोगों की आंखे अपने वीर शहीदों की याद में नम हो जाती है। हर वर्ग का तबका शहीदों को नमन करने आगे आता है।

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बलिया में पति ने लाठी डंडों से पीट-पीटकर पत्नी को उतारा मौत के घाट

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बलिया के नगरा थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कलयुगी पति ने अपनी पत्नी की लाठी डंडों से पीट कर मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। क्षेत्रीय लोगों में डर का माहौल देखा जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है कि नरही थाना क्षेत्र में राजू गुप्ता ने अपनी पत्नी की डंडे से पीट कर हत्या कर दी। इस घटना की जानकारी मृतिका के बेटे सुमंत ने पुलिस को दी। बेटे की तहरीर पर पुलिस ने पिता के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस को दी तहरीर में सुमंत गुप्ता ने बताया कि मैं करीब दो माह से अपनी पत्नी के साथ अपने ससुराल नरही थाना के बसंतपुर में रहता हूँ। मेरे पिता राजू गुप्ता करीब 15 दिन से नरही थाना के लक्ष्मणपुर गांव निवासी भरत चौरसिया के मकान में किराये पर कमरा लेकर मेरी मां कुमकुम देवी 45 वर्ष के साथ रहने लगे। मंगलवार को मेरी मां कुमकुम देवी करीब बजे दिन में मुझसे मिलने मेरे ससुराल बसंतपुर में आयी थी। शाम को करीब साढ़े छह बजे मेरे पिता ससुराल आए और मेरी माँ को साथ में ले जाने की जिद्द करने लगे, लेकिन बेटे ने मां को ले जाने से इंकार कर दिया। बेटे का कहना था कि पिता शराब पीकर मां को मारते-पीटते थे। इसलिए हम लोग ले जाने से मना किया। लेकिन वह नहीं माने और मेरी माँ को लेकर साथ में चल गए।

रात करीब आठ आरोपी ने महिला के साथ झगड़ा किया और लाठी-डण्डा और ईंट से महिला को मारकर गम्भीर रूप से घायल कर दिया। मौके पर पहुंचे लोगों महिला को अस्पताल भिजवाया। लेकिन अस्पताल में महिला की मौत हो गई। इधर दाह संस्कार करने को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे मृतक के मायके वाले व मृतका के बेटे के बीच हाथापाई भी हुई। अंत में पोस्टमार्टम के बाद बेटे को शव सुपुर्द किया गया। जिसके बाद महावीर घाट पर महिला का अंतिम संस्कार किया गया। फिलहाल इस मामले में नरही पुलिस ने बेटे द्वारा दिए गए तहरीर के आधार पर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दिया है।

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बलिया के सिकंदरपुर में तहसील कर्मचारियों ने किया काम का बहिष्कार, ये है मामला

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बलिया के सिकंदरपुर में तहसील कर्मचारी, लेखपाल संघ, राजस्व निरीक्षक, लिपिक सवर्ग, पटल सहायक, संविदा कर्मचारी संघ ने संयुक्त रूप से सिकंदरपुर तहसील में ताला बंद कर कार्य बहिष्कार किया। बताया जा रहा है कि अपने साथी कर्मचारी के साथ हुए दुर्व्यवहार से कर्मचारी काफी नाराज थे और उन्होंने विरोध दर्ज कराने के लिए ताला बंद हड़ताल की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तत्काल FIR दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। साथ ही कार्रवाई न होने की स्थिति में व्यापक रूप से आंदोलन करने की चेतावनी दी।

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को मनियर थाना क्षेत्र के पिलुई गांव निवासी अखिलेश गुप्ता पुत्र द्वारा तहसीलदार 5 सिंकन्दरपुर और उप जिलाधिकारी सिकंदरपुर के चेंबर के सामने खड़ा होकर गाली-गलौज किया जा रहा था। इस दौरान वहां मौजूद कर्मचारियों ने मना किया तो अखिलेश गुप्ता ने कर्मचारियों के साथ मारपीट, गाली-गलौज किया गया। इसको लेकर कर्मचारी आक्रोशित हो गए और कार्य का बहिष्कार करते हुए तहसील प्रांगण तालाबंदी कर विरोध करने लगे।

सभी कर्मचारियों ने तहसील परिसर में पुलिस बल तैनात करने की मांग की। इसके साथ ही दोषी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग भी की। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के अंदर मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया तो हम व्यापक स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

इधर इस मामले को लेकर उप जिलाधिकारी सिकंदरपुर रवि कुमार ने कहा कि लेखपाल व कर्मचारी संघ द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया है। जिस पर थानाध्यक्ष सिकंदरपुर को एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया गया है।

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बलिया में गंगा नदी में नहाते समय डूबा युवक, मौत

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बलिया में गंगा नदी में नहाते समय युवक हादसे का शिकार हो गया। युवक गंगा नदी में नहाने गया था, इसी दौरान उसका पैर फिसला और वो नदी में डूब गया। गहरे पानी में डूबने से युवक की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला जिले में हल्दी थाना के चैनछपरा गंगा घाट का है। जहां सोमवार की सुबह ओझवलिया निवासी गोलू पासवान अपने बड़े भाई अर्जुन पासवान के दो पुत्र बलवीर और कान्हा का मुण्डन संस्कार में शामिल होने के लिए गंगाघाट पर गया था।

स्नान करने के बाद गोलू पूजा करने के लिए लोटे में गंगा जल लाने दोबारा नदी में गया। इस दौरान नदी में उतरते ही उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। जिसके कारण गंगा में डूबने से उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद घाट पर अफरा तफरी मच गई। मृतक के परिवार जनों का रो रो कर बुरा हाल है।

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