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बलिया के अमीरचंद का निधन, CM योगी ने जताया शोक, ऐसा था सफर

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बलिया से दुखद ख़बर सामने आई है। संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीरचंद का निधन हो गया है। उनके निधन से प्रदेश में शोक की लहर छा गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक जताया। वहीं कवि कुमार विश्वास समेत राजनैतिक व कवि जगत के लोगों ने अमीरचंद के निधन पर शोक संवेदनाएं व्यक्ति की हैं।

बलिया में हुआ जन्मः अमीरचंद का जाना संस्कार भारती, संघ के लिए बड़ी छति है। 1 अगस्त 1965 को बलिया जिले मुख्यालय से 5 किमी दूर ब्रह्माइन गांव में जन्मे अमीरचंद बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनके पिता का नाम अवधकिशोर व माता का नाम गुलजरिया देवी था। वह सात संतानों में छटवें नंबर के थे।

धर्म व संस्कृति से रहा जुड़ाव– बचपन से ही उनकी रुचि धर्म व संस्कृति में रही। वह आरएसएस के विचारों से हमेशा प्रभावित रहते थे। इनके परिवार का मुख्य पेशा तो व्यापार था, पर अमीरचंद जी शुरू से ही धार्मिक व आध्यात्मिक अनुष्ठानों से जुड़े रहे। सुबह-शाम संघ की शाखा में उपस्थित रहना व उसके प्रचार-प्रसार के प्रति विशेष लगाव इनके अंदर हमेशा दिखाई देता था।

अमीरचंद जी के पिता अवधकिशोर 1971 में सपरिवार ब्रह्माइन गांव से हनुमानगंज में आकर बस गया और वहीं अपने व्यापार को बढाने में लग गए। 1985 में अमीरचंद जी के परिवार ने इनको कलकत्ता व्यापार करने के लिए भेज दिया। वहां जाने के बाद उनको संघ के कार्य व गतिविधियों की आंशिक जानकारी हो चुकी थी। उनका मन हमेशा व्यापार छोड़ राष्ट्र की सेवा में समर्पित होने के प्रति प्रेरित हो रहा था। उन्होंने ऐसा किया भी। उन्हें अपने जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रुप में काम करने की ठानी।अपने निर्णय पर अडिग रहते हुए उन्होंने प्रचारक के रुप में काम किया। बाद में वह संघ की विभिन्न जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री के पद तक पहुंचे और उसी सन्दर्भ में अरुणाचल प्रदेश में प्रवास के दौरान अपने शरीर का त्याग कर 16 अक्टूबर को शाम 7 बजे अचानक संसार को अलविदा कह गए। उनके जाने से शोक की लहर छा गई है।

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बलिया: मारपीट से जुड़े मामले में इंसाफ न मिलने पर पीड़ित ने एसपी से लगाई गुहार

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बलिया पुलिस में इंसाफ न मिलने पर बिशुनीपुर निवासी प्रशांत कुमार ने पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने बताया कि बीते 10 मार्च को 40 से 50 की संख्या में बदमाशा मेरे घर में घुसकर मारपीट किए। उसमें से जो मुख्य आरोपी है वह तथाकथित भाजपा नेता भी है। मारपीट में मेरे घर के लोगों को काफी चोटें आईं।

पीड़ित ने बताया कि बदमाशों ने घर में तोड़फोड़ भी की। इस मामले में कोतवाली में तहरीर दी गई, लेकिन कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने के बजाय उल्टे मेरे ही परिवार के उपर क्रास कराने की धमकी दी।

अब पीड़ित प्रशांत कुमार सिंह उर्फ विक्की ने पुलिस के सामने न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों के ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई कर उन्हे गिरफ्तार किया जाए। फिलहाल पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।

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बलिया: संपूर्ण समाधान दिवस पर हुई चूक के मामले में चौकी प्रभारी और सिपाही निलंबित

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बलिया में संपूर्ण समाधान दिवस पर पहुंचे एक युवक ने अधिकारियों के सामने ही खुद पर चाकू से आत्मघाती हमला कर दिया था। युवक का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। इस मामले में लापारवाही बरतने वाले अधिकारियों पर प्रशासन की गाज गिरी है। प्रशासन ने बांसडीह चौकी प्रभारी राजेश सिंह और सिपाही प्रदीप कुमार को निलंबित कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक, पिंडहरा निवासी सनोज गोंड़ संपूर्ण समाधान दिवस पर शिकायत करने पहुंचा था। एसपी से बात कर रहा था। इस बीच किसी बात को लेकर आक्रोशित हो गया और चाकू से कई बार खुद पर वार कर लिया। बताया जा रहा है कि छह महीने से पीड़ित थाना और तहसील में चक्कर काट रहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इससे परेशान होकर उसने आत्मघाती कदम उठाया।

इस घटना के बाद डीएम रवींद्र कुमार ने एसडीएम और सीओ की संयुक्त टीम बना दी तो वहीं एसपी देवरंजन वर्मा ने सुरक्षा में हुई चूक की जांच कराने को कहा। इस मामले में हैरानी की बात ये रही कि प्रकरण की जांच करने के लिए बनाई गई टीम चौबीस घंटे बाद भी फरियादी के घर नहीं पहुंची। मामले को लेकर पुलिस और राजस्व विभाग एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहे हैं। अब मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। सुरक्षा में हुई चूक के लेकर चौकी प्रभारी और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।

मामले की प्रारंभिक जांच के मुताबिक, बांसडीह कोतवाली के पिंडहरा गांव में 2015 में शिकायतकर्ता की मां प्रभावती देवी सहित अन्य तीन चार लोगों निलकर भूमि खरीदी थी। सभी आपस में हिस्से की जमीन का बंटवारा कर लिया था। इस बीच प्रभावती के बेटे सनोज गोंड और अशोक के बीच प्रस्ताव छज्जा निर्माण का विवाद चल रहा था। 18 जनवरी को सनोज गोंड ने दीवानी न्यायालय में बाद दखिल किया था, जो विचारधीन है।

पीड़ित युवक ने कई माह में अपनी समस्या को लेकर 19 प्रार्थना पत्र दिये गये हैं। इसमें पुलिस के पास तीन प्रार्थना पत्र व राजस्व विभाग के पास 16 प्रार्थना पत्र लंबित हैं। मामले में पुलिस द्वारा विवाद को लेकर दोनों पक्षों का दो बार शांति भंग में चालान किया गया है। वहीं, राजस्व विभाग द्वारा भी मामले में तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर रिपोर्ट लगाई गई है। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस व राजस्व विभाग दोनों ने अपनी तकनीकी दक्षता दिखाई, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं किया जा सका।

एसडीएम बांसडीह अभिषेक प्रियदर्शी ने बताया कि सनोज का मामला दीवानी न्यायलय में चल रहा है इसलिए इसमें ज्यादा प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हो सकती है। मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है। आचार संहिता लगने के कारण चुनाव आयोग के निर्देशों को लेकर थोड़ी व्यस्तता हो गई है। मौके पर निर्माण रोक दिया गया है, निगरानी की जा रही है।

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बलिया: ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत, परिजनों ने कहा- डॉक्टरों की लापारवाही से गई जान

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बलिया के सिकंदरपुर के मनियर थाना क्षेत्र में ऑपरेशन के दौरान लापारवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद परिजनों को समझा बुझा कर मामला शांत कराया।

जानकारी के मुताबिक, बैरिया थाना क्षेत्र के सुरेमनपुर गांव निवासी 25 वर्षीय बेटी पिंकू यादव वर्ष पत्नी प्रदीप यादव अपने मायके में प्रसव कराने के लिए आई थी। शनिवार की सुबह पेट दर्द होने के बाद वह अपने भाभी सुगती देवी व बहन रिंकू यादव के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर पहुंची।

जहां चिकित्सक डॉ अंशुमन राय ने ऑपरेशन करने का सलाह दिया। परिजनों के कहने पर चिकित्सक प्रसूता को ऑपरेशन थिएटर में ले गए, लेकिन 2 घंटे बाद परिजनों को पता चला की प्रसूता की मौत हो गई है, इसके बाद परिजन हंगामा करने लगे।

वहीं चिकित्सकों ने प्रसूता को जीवित बता कर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया, लेकिन परिजनो ने प्रसूता को ले जाने से इनकार कर दिए और चिकित्सक पर लापारवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग करने लगे। करीब 4 घंटे तक हंगामा चलता रहा, इसके बाद पुलिस पहुंची और हस्तक्षेप के बाद चिकित्सक डॉक्टर अंशुमन राय और कुछ स्टाफ के साथ एंबुलेंस से प्रसूता को बलिया भेजा गया। हालांकि तब तक प्रसूता की मौत हो चुकी थी।

मृतिका की भाभी ने बताया कि मै अपनी ननद पिंकू को लेकर सुबह 11 बजे के आस-पास अस्पताल पहुंची थी। उसके पेट में बहुत दर्द था। डॉक्टर अंशुमान ने चेकअप किया और बोले कि ऑपरेशन करना होगा। हमने परिजनों और ननद के पति से बात की। उनकी अनुमति मिली तो हमने डॉक्टर को हां कर दी। उन्होंने तैयारी की और दोपहर डेढ़ बजे पिंकू को लेकर ऑपरेशन थियेटर में चले गए। 4 बजे के आस-पास डॉक्टर बहार आए और कहा कि उसकी हालत सीरियस है, जिला अस्पताल ले जाओ। तब हम समझ गए इन्होंने मेरी ननद की जान ले ली।’

मृतिका के पति प्रदीप यादव का रो रो कर बुरा हाल है। प्रदीप की शादी पिछले वर्ष अप्रैल माह में ही हुई थी। नई खुशियां आने से पहले ही उसने अपने हमसफर को खो दिया। प्रदीप का कहना है कि ‘मेरी तो दुनिया ही उजाड़ गई। एक झटके में भगवान ने मुझसे पत्नी के साथ ही साथ बच्चा भी छीन लिया।

घटना के बाद परिजनों ने हंगामा किया, लेकिन डॉक्टर सफाई देते रहे। फिलहाल उपजिलाधिकारी रवि कुमार, क्षेत्राधिकारी आशीष मिश्र, थानाध्यक्ष दिनेश पाठक, चौकी प्रभारी रविंद्र पटेल ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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