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1913 में बलिया का ददरी मेला

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1913 में बलिया का ददरी मेला

यह रसीद वर्ष 1913 में बलिया में लगने वाले प्रसिद्ध ददरी मेले की है। जिसमें मेले में बिक्री के लिए आने वाले पशुओं पर अलग-अलग प्रवेश शुल्क लगाया गया है। इसमें प्रत्येक गाय, बैल, भैंस और अन्य मवेशी के लिए दो आना, घोड़े के लिए चार आना, हाथी के लिए एक रुपए, ऊँट के लिए आठ आना और बकरी या भेड़ के लिए एक आने का शुल्क शामिल है। उल्लेखनीय है कि जुलाई 1909 में ही युक्त प्रांत की सरकार द्वारा एक विज्ञप्ति जारी कर ददरी मेले में पशुओं पर शुल्क लगाने का प्रावधान किया गया। यह प्रावधान युक्त प्रांत नगरपालिका क़ानून, 1900 के अंतर्गत किया गया था।रसीद वर्ष 1913 में बलिया में लगने वाले प्रसिद्ध ददरी मेले की हैरसीद वर्ष 1913 में बलिया में लगने वाले प्रसिद्ध ददरी मेले की है

बाद में, युक्त प्रांत के नगरपालिका विभाग द्वारा अक्टूबर 1913 में इस विज्ञप्ति में संशोधन किया गया।मेलों के बारे में टिप्पणी करते हुए यायावर दार्शनिक कृष्णनाथ ने लिखा है कि ‘मेला संस्कृति का दर्पण है। इसमें लोक सिंगार-पटार कर दीखता है। यह संस्कृति का ऋंगार है। इसमें बूढ़े-जवान, स्त्री-पुरुष, लड़के-लड़कियाँ अपने सबसे सँवरे रूप में होते हैं। अच्छे-अच्छे कपड़े पहनते हैं। मिलते-जुलते हैं। सपने देखते हैं। और हँसते हैं। मेला संस्कृति की हँसी है।’ किंतु औपनिवेशिक सरकार ने मेलों के सांस्कृतिक पक्ष की बजाय उसके आर्थिक पक्ष को ज़्यादा तवज्जो दी और मेलों को आय के स्रोत के रूप में देखना शुरू किया।

लिहाज़ा हम पाते हैं कि वर्ष 1909 की बलिया नगरपालिका बोर्ड की विज्ञप्ति और उसमें चार साल बाद 1913 में किए गए संशोधन में व्यापारियों पर शुल्क लगाने और उनकी गतिविधियों को नियंत्रित करने के प्रयास औपनिवेशिक सरकार द्वारा किए जा रहे थे। इसमें मेला क्षेत्र में प्रवेश करते ही बिक्री के लिए लाए गए सभी पशुओं पर शुल्क लगाना, दुकानदारों द्वारा ली गई ज़मीन पर शुल्क लगाना, मेले में घूमने वाले विक्रेताओं से वसूली करना और बेचे जाने वाले पशुओं पर नियमानुसार रजिस्ट्री शुल्क वसूलना शामिल था।

मसलन 1913 की संशोधित दरों के अनुसार, रजिस्ट्री शुल्क प्रत्येक गाय, भैंस और अन्य मवेशी के लिए एक आना, घोड़े के लिए तीन आना, हाथी के लिए एक रुपए, ऊँट के लिए चार आना और बकरी या भेड़ के लिए तीन पैसे था। प्रवेश और बाहर जाने के लिए बने द्वार पर टिकट क्लर्कों की नियुक्ति होती थी, जो इस बात का ध्यान रखता था कि सभी व्यापारियों से पशुओं की संख्या के अनुसार प्रवेश और रजिस्ट्री शुल्क अवश्य वसूल किया जाए।

इसके साथ ही नगरपालिका बोर्ड के चेयरमैन द्वारा एक अधिकारी की नियुक्ति की जाती थी, जो यह देखता था कि मेला क्षेत्र में लगने वाले ‘मीना बाज़ार’ में व्यापारियों को प्लॉट का वितरण और उसके शुल्क का निर्धारण नियमानुसार हो। साथ ही, मेले में घूमकर सामान बेचने वाले विक्रेताओं से भी तहबाज़ारी शुक्ल वसूला जाता था। औपनिवेशिक काल में युक्त प्रांत की सरकार द्वारा बनाई गई यह व्यवस्था आज भी बलिया के नगरपालिका बोर्ड द्वारा कमोबेश ढंग से अपनाई जा रही है, जिसमें पशु व्यापारियों से प्रवेश और रजिस्ट्री शुल्क वसूलना और मीना बाज़ार के लिए व्यापारियों को प्लॉट का वितरण और तहबाज़ारी शुल्क शामिल है।

स्टोरी – शुभनीत कौशिक

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बलिया में युवक ने सरेआम महिला को मारी गोली, आरोपी गिरफ्तार

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बलिया के कोतवाली क्षेत्र में खौफनाक घटनाक्रम सामने आया है। यहां एक युवक ने दिन दहाड़े महिला को गोली मार दी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस और लोगों ने घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उसका उपचार जारी है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है, उसके पास से एक पिस्टल भी बरामद कर ली गई है।

मिली जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के संतनी सराय चौकी अंतर्गत 32 वर्षीय सिंधु देवी को घनश्याम सिंह ने गोली मार दिया, गोली महिला के बाएं कंधे पर जा लगी, इससे महिला घायल हो गई। बताया जा रहा है कि घायल महिला का पति सुदामा यादव आइटीबीपी में नौकरी करता है। जबकि घर पर उसकी पत्नी सिंधु देवी और उसके दो छोटे बच्चे और उसकी मां रहती है।

आरोपी घनश्याम सिंह ने मामूली विवाद में महिला को गोली मार दी, जो महिला के बाएं कंधे पर जा लगी। सिंधु देवी के बड़े पुत्र ने बताया कि घनश्याम इसके पहले मेरे दादी से झगड़ा कर चुका है, लेकिन दादी ने कुछ नहीं बोला था।

इस मामले में क्षेत्राधिकारी गौरव कुमार का कहना है कि क्षेत्र के एक गांव में सुबह एक महिला पर गोली चलने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर तत्काल थाना स्थानीय द्वारा मौके पर पहुंचकर महिला को इलाज हेतु जिला अस्पताल भेजा गया, जहां से महिला को उच्च इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है। महिला की स्थिति डॉक्टर्स ने खतरे से बाहर बताई है, किंतु एहतिहात के लिए BHU रिफर किया गया है। मौके पर कानून व्यवस्था सम्बन्धित कोई समस्या नही है।

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बलिया: खाताधारकों के खाते से अचानक गायब हो गए 16 लाख, सब पोस्ट मास्टर सस्पेंड

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बलिया के सोहांव गांव में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां खाताधारकों के बचत खाते से 16 लाख रुपए गायब हो गए। इस मामले में सब पोस्ट मास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सभी खाताधारकों को रकम वापस मिलेगी।

सोहांव गांव निवासी एक व्यक्ति के पोस्ट ऑफिस में 3 लाख रुपए जमा थे, वो पैसा लेने के लिए डाकघर पहुंचे तो देखा कि खाते से पैसे गायब थे। इसी क्षेत्र में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति की लड़की की शादी अप्रैल में है। 16 मार्च को अपने खाते से पांच लाख रुपये लेने पहुंचे, तो पता चला कि उनके खाते में 56 हजार 50 रुपये ही थे। अब वह अपनी बेटी की शादी को लेकर चिंतित हैं।

इसी गांव के अन्य व्यक्तियों के खाते से भी पैसे गायब हैं। सभी अपने पैसों को लेकर परेशान हैं। इसकी लिखित शिकायत विभाग के अधिकारियों से की गई है। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को हुई तो सब पोस्ट मास्टर राजेश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया।

सहायक अधीक्षक रसड़ा एससी मिश्रा ने बताया कि जैसे ही गड़बड़ी की जानकारी हुई सब पोस्ट मास्टर राजेश सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। सभी खाताधारकों को पत्र देकर अपने खाते को चेक कराने को कहा गया है। सभी का पैसा मिलेगा।

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बलिया के अरुण केंपस कोचिंग के छात्र-छात्राओं ने सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा में लहराया अपना परचम।

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बलिया जनपद के बलिया गढ़वाल रोड मुख्य मार्ग पर कट्टर नाले के पास वरुण केंपस कोचिंग की है। जहां कोचिंग के छात्र आयुष सिंह पुत्र गुप्तेश्वर सिंह ग्राम गोपाल नगर सिवारन के मठिया ने ऑल इंडिया रैंक में 433 वा रैंक लाकर अपने कोचिंग सहित अपने माता-पिता का नाम रोशन किया।

वही वरुण केंपस कोचिंग के तीन छात्र-छात्राओं ने सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा पास किया है जिसमें से अभिमन्यु गुप्ता पुत्र प्रद्युम्न गुप्ता ग्राम सोनाड़ीह बेल्थरा रोड व छात्रा में नंदिनी पुत्री हरिद्वार प्रजापति ग्राम जेपी नगर गढ़वार रोड ने सैनिक स्कूल परीक्षा में अपना परचम लहराया है, छात्र-छात्राओं सहित जब अभिभावकों से भी बात किया गया तो अभिभावको का खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

वहीं छात्र छात्राओं ने ऐसे कोचिंग में पढ़ने का सभी बच्चों को आवाहन भी किया। वही बताएं कि इस कोचिंग में टीचर बहुत ही अच्छे से पढ़ते हैं जैसा लगता है कि जादू हो रहा है। वही बच्चों ने अरुण सर का काफी तारीफ किया। वहीं अभिभावकों का कहना कि ऐसा कोचिंग रहेगा तो कोई भी बच्चा अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है।

वही हम बात करें अरुण केंपस लाइब्रेरी का तो लाइब्रेरी में भी पढ़कर एक छात्र ITI भी पास कर लिया है। जिसका नाम कृपाशंकर पुत्र राम आशीष राम ग्राम इंदौर ब्लॉक चिलीकहर ने आईआईटी में भी अपना परचम लहरा दिया है।

उस छात्र ने बताया कि हमने बहुत लाइब्रेरिय में पढ़ा है लेकिन इतना शांत और इतना स्वच्छ लाइब्रेरी नहीं मिलती है। अगर किसी छात्र-छात्राओं को शांत वातावरण में पढ़ाई करनी हो तो अरुण केंपस लाइब्रेरी को ही चुने ।आई सुनते हैं वहां पर उपस्थित छात्रों व अभिभावक सहित अध्यापकों का क्या कहना है

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