बलिया । एक साल से वैश्विक बीमारी कोविड 19 का प्रकोप देश के साथ दुनिया में छाया हुआ है जिसमें अबतक लाखों की संख्या में लोगों के जीवन खत्म हो गए और साथ में इसे रोकने के लिए सारा बन्दोबस्त चरमरा गया।
बलिया जिले की बात की जाय तो यहां भी कई जान इस वैश्विक बीमारी के कारण जा चुकी हैं। यहां इस बीमारी ने अप्रैल के आधे माह के बाद शिक्षा विभाग पर भी डेरा डाल लिया है। जिसके चलते मात्र दस दिनों में यहां एक दर्जन से ज्यादा शिक्षकों की मौत हो चुकी है जो अभी भी जारी है।
शिक्षकों की मौत का सिलसिला 17 अप्रैल से शुरू हुआ है। हनुमानगंज के थमहनपुरा प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक अनुज श्रीवास्तव को कोरोना हुआ था। उनका इलाज आज़मगढ़ में हो रहा था। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। सरल स्वभाव के अनुज की मौत से शिक्षा विभाग में शोक की लहर दौड़ गई।
वहीं दूसरी तरफ उच्च प्राथमिक विद्यालय रसूलपुर के सहायक अध्यापक रियाज़ अहमद की मौत भी इलाज के दौरान हो गई। लेकिन उनकी रिपोर्ट में कोविड निगेटिव बताया गया था। रियाज़ को इलाज के लिए गाजीपुर में भर्ती कराया गया था।
जिले में एक ही दिन में दो शिक्षकों की मौत की खबर चल ही रही थी कि अगली सुबह एक ग़म भरी ख़बर शिक्षकों को मिली कि नवानगर उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ललिता देवी का भी इलाज के दौरान निधन हो गया।
सिलसिला यहीं नहीं थमा, 20 अप्रैल को दो और शिक्षकों की मौत की ख़बर आ गई। दिनेश कुमार जो एकदम युवा थे। जो प्राथमिक विद्यालय कैलिपाली के स्कूल में कार्यरत थे। जिन्हें सांस लेने में दिक्कतें आ रही थीं।
तीन दिन तक बुखार का दंश झेल रहे दिनेश की बातें खत्म भी नहीं हो सकीं कि गढताल के उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक अरविंद जायसवाल की मौत की खबर भी सुनाई दी। अरविंद कोविड पाज़ीटिव थे। वो दो दिनों तक होम आइसोलेशन में थे।
इसके बाद 22 अप्रैल को एक अध्यापक कोटवा निवासी रामदेव सिंह उर्फ डिग्री सिंह की मौत हो गई। जो कोरोना संक्रमित व्यक्ति थे। जिन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
24 अप्रैल का दिन जिले के शिक्षकों पर सबसे भारी रहा। इस दिन तीन शिक्षकों की मौत हुई। खानपुर विद्यालय के अध्यापक विजय तिवारी, खनवर विद्यालय की महिमा टीचर अनामिका त्रिपाठी और भरखरा विद्यालय में कार्यरत पूनम सिंह काल के गाल में हमेशा के लिए समा गईं।
25 अप्रैल भी बलिया जिले के शिक्षा विभाग के लिए मनहूस साबित हुआ क्योंकि बलिया में 25 तारीख़ को फिर तीन शिक्षकों की मौत हुई।
शमसुद्दीन पुर के प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक रिज़वान अहमद की मौत उपचार के दौरान आज़मगढ़ के अस्पताल में होने से शिक्षक साथियों में ग़म की लहर दौड़ गई थी कि माल्देपुर की सहायक महिला अध्यापक स्वपना गुप्ता की भी मौत हो गई।
25 अप्रैल को ही बलिया के बैरिया उच्च प्राथमिक विद्यालय के करमानपुर सहायक अध्यापक अमित मिश्रा का भी निधन हो गया। जिस तरह से ज़िले में आम लोगों के साथ ही अध्यापकों की मौत हो रही है, ऐसे में ज़िलावासी यही कामना कर रहे हैं कि जल्दी से कोरोना पर काबू पाया जाए और हालात फिर से नॉर्मल हो जाएं।
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