बेल्थरारोड- यूपी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने के तमाम दावे करती है, लेकिन हकीकत में ये दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं। ताजा मामला मामला सामुदायिकस्वास्थ्य केंद्र सीयर का है। जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति दयनीय है। जो ग्रामीणों को राहत देने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हो रही है। दुर्व्यवस्था के चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। व्यवस्था में सुधार के लिए जनप्रतिनिधि व अधिकारी उदासीन बने हुए हैं।
यहां स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर से लेकर कर्मचारियों की मनमानी से जनता परेशान हो चुकी है। इतना ही नहीं केंद्र में इलाज दौरान इस्तेमाल होने वाली सामाग्री तक उपलब्ध नहीं है।
अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं का अभाव है। एंटीबाइटिक दवाओं के अभाव से मरीजों को बाहरी दुकानों से दवा खरीदना पड़ता है। पिछले एक माह से एंटी रैबीज इंजेक्शन का टोटा है। ऐसे में कुत्ता, सियार, बंदर या अन्य जानवरों के काटे मरीजों को अधिक मूल्य देकर इंजेक्शन खरीदने को विवश होना पड़ रहा है।
सीएचसी में एक्सरे मशीन पिछले दो माह से खराब है। प्लेट के अभाव में मशीन शोपीस बनी हुई है। पैथोलॉजी जांच के लिए अस्पताल पर व्यवस्था के बावजूद मरीजों को बाहरी जांच केंद्रों को जाना पड़ता है।
लोगों का आरोप है कि कमीशन के लिए चिकित्सकों द्वारा मरीजों को बाहरी जांच केंद्रों से पैथोलॉजी जांच के लिए बाध्य किया जाता है। अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं का भरपूर लाभ नहीं मिल पाता।
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