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बलिया में चुनावी तस्वीर साफ! दो निवर्तमान अध्यक्ष ने छोड़ी दावेदारी जानिए कहां कितने प्रत्याशी ?

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बलिया। निकाय चुनाव में नाम वापसी की समय खत्म होने के साथ ही जिले की 2 नगर पालिका और 10 नगर पंचायतों की चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। दो नगर पालिकाओं समेत 10 नगर पंचायतों में अब अध्यक्ष पद के 134 दावेदार मैदान में हैं। इसके अलावा
195 वार्ड के लिए 815 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं दो अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले निवर्तमान अध्यक्ष बी अपने नाम वापिस भी ले लिए हैं 

बलिया नगर पालिका –नाम वापस के दौरान बलिया नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले निवर्तमान अध्यक्ष अजय कुमार समाजसेवी और उनकी पत्नी सरिता गुप्ता ने उम्मीदवारी छोड़ने का ऐलान किया। साथ ही व्यापारी और भाजपा नेता प्रदीप कुमार वर्मा और पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता की पत्नी पूर्णिमा गुप्ता ने भी अपना पर्चा वापस ले लिया। इसके अलावा सभासद पद के लिए नामांकन करने वाले 3 लोगों ने भी चुनाव मैदान से हटने की घोषणा की। इस तरह बलिया नगर पालिका में अध्यक्ष के लिए 14 उम्मीदवार मैदान में है।

रसड़ा- नगर पालिका रसड़ा में अध्यक्ष पद के लिए 7 और सभासद के लिए 97 प्रत्याशी किस्मत अजमाएंगे। अध्यक्ष पद पर किसी ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया। जबकि सभासद पद पर 8 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस लिया है।

चितबड़ागांव- अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करने वाले निर्वतमान अध्यक्ष केशरी नंदन त्रिपाठी और संदीप गुप्ता ने मैदान से हटने में ही भलाई समझी। सभासद के लिए 6 दावेदारों ने पर्चा वापस लिया। यहां अध्यक्ष अब 10 उम्मीदवार मैदान में है। जबकि सभासद के लिए 6 प्रत्याशियों ने नाम वापसी की। इस प्रकार 50 उम्मीदवार मैदान में है।

रतसड़कलॉ- अध्यक्ष पद के लिए दावा करने वाले मदन राजभर ने नामांकन वापस ले लिया। अब 12 उम्मीदवार मैदान में है। सभासद पद के लिए 7 उम्मीदवारों ने पर्चा वापस लिया। अब 105 उम्मीदवार हैं।

बांसडीह- नगर पंचायत बांसडीह से अध्यक्ष पद के दो निर्दलीय उम्मीदवार संजय सिंह और सुरेंद्र तिवारी ने भी नाम वापस ले लिया। उम्मीदवारों की संख्या 12 हो गई है। जबकि सभासद के लिए 68 उम्मीदवारों में किसी ने नामांकन वापस नहीं लिया।

सहतवार-अध्यक्ष पद के 12 दावेदारों में एक निर्दलीय राजकुमार ने नामांकन वापस ले लिया। अब उम्मीदवारों की संख्या 11 है। वहीं, सदस्य के मैदान में जुटे 54 उम्मीदवारों में 4 ने अपना नामांकन वापस किया है।

मनियर- नगर पंचायत मनियर में मनियर में अध्यक्ष पद के 7 प्रत्याशियों में किसी ने नाम वापसी नहीं की है। इसके अलावा सभासद पद के 68 उम्मीदवारों में भी किसी ने नाम वापस नहीं लिया है।

रेवती- नगर पंचायत, रेवती में अध्यक्ष के 17 में 2 प्रत्याशी मंजू शर्मा और अतुल पांडे ने नाम वापस लिया है। वहीं, सभासद पद के 91 प्रत्याशियों में 7 उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया है। रेवती में अब अध्यक्ष पद के 15 प्रत्याशी मैदान में हैं।

बेल्थरारोड –अध्यक्ष के लिए एक नामांकन पत्र वापस लिया गया। अब 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं। कुल 13 वार्डों के लिए दाखिल 59 नामांकन पत्रों में वार्ड नंबर 4 व 6 के एक-एक प्रत्याशी के नाम वापस लिए जाने से अब 57 प्रत्याशी मैदान में हैं।

नगरा – नगर पंचायत नगरा में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे नौ उम्मीदवारों में से एक ने वृहस्पतिवार को पर्चा वापस ले लिया। जबकि सभासद पद के लिए चार ने दावेदारी छोड़ दी है। इस प्रकार नवगठित इस नगर पंचायत के अध्यक्ष के लिए आठ और सभासद के लिए 103 उम्मीदवार मैदान में है।

सिकंदरपुर- अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 7 महिला प्रत्याशियों सहित कुल 15 उम्मीदवार मैदान में है। अध्यक्ष पद के लिए 5 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। सभासद पद के लिए 12 उम्मीदवारों ने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिया। इस प्रकार अब 106 प्रत्याशी मैदान में हैं।

बैरिया- निर्धारित तिथि पर किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिया है। उक्त जानकारी देते हुए निर्वाचन अधिकारी आत्रेय मिश्र ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए कुल 9 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। सभी मैदान में हैं। वहीं, सभासद के चुनाव में कुल 16 पदों के लिए 74 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं।

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बलिया में दूल्हे पर एसिड अटैक, पूर्व प्रेमिका ने दिया वारदात को अंजाम

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बलिया के बांसडीह थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाले घटना सामने आई हैं। यहां शादी की रस्मों के दौरान एक युवती ने दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया, इससे दूल्हा गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने युवती को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। फिलहाल पुलिस बारीकी से पूरे मामले की जांच कर रही है।

बताया जा रहा है की घटना को अंजाम देने वाली युवती दूल्हे की पूर्व प्रेमिका है। उसका थाना क्षेत्र के गांव डुमरी निवासी राकेश बिंद के साथ बीते कई वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती ने युवक से शादी करने का कई बार दबाव बनाया, लेकिन युवक ने शादी करने से इन्कार कर दिया। इस मामले में कई बार थाना और गांव में पंचायत भी हुई, लेकिन मामला सुलझा नहीं।

इसी बीच राकेश की शादी कहीं ओर तय हो गई। मंगलवार की शाम राकेश की बारात बेल्थरारोड क्षेत्र के एक गांव में जा रही थी। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए दूल्हे के साथ परिछावन करने के लिए गांव के शिव मंदिर पर पहुंचीं। तभी घूंघट में एक युवती पहुंची और दूल्हे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना से दूल्हे के पास में खड़ा 14 वर्षीय राज बिंद भी घायल हो गया। दूल्हे के चीखने चिल्लाने से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन फानन में दूल्हे को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

मौके पर पहुंची पुलिस युवती को थाने ले गई और दूल्हे को जिला अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष अखिलेश चंद्र पांडेय ने कहा कि तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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कौन थे ‘शेर-ए-पूर्वांचल’ जिन्हें आज उनकी पुण्यतिथि पर बलिया के लोग कर रहे याद !

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‘शेर-ए-पूर्वांचल’ के नाम से मश्हूर दिग्गज कांग्रेस नेता बच्चा पाठक की आज 7 वी पुण्यतिथि हैं. उनकी पुण्यतिथि पर जिले के सभी पक्ष-विपक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं और इलाके के लोग नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.  1977 में जनता पार्टी की लहर के बावजूद बच्चा पाठक ने जीत दर्ज की जिसके बाद से ही वो ‘शेर-ए-बलिया’ के नाम से जाने जाने लगे. प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बच्चा पाठक लगभग 50 सालों तक पूर्वांचल की राजनीति के केन्द्र में रहे.
रेवती ब्लाक के खानपुर गांव के रहने वाले बच्चा पाठक ने राजनीति की शुरूआत डुमरिया न्याय पंचायत के संरपच के रूप में साल 1956 में की. 1962 में वे रेवती के ब्लाक प्रमुख चुने गये और 1967 में बच्चा पाठक ने बांसडीह विधानसभा से पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बैजनाथ सिंह से हार का सामना करना पड़ा. दो साल बाद 1969 में फिर चुनाव हुआ और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बच्चा पाठक ने विजय बहादुर सिंह को हराकर विधानसभा का रुख़ किया. यहां से बच्चा पाठक ने जो राजनीतिक जीवन की शुरुआत की तो फिर कभी पलटकर नहीं देखा.
बच्चा पाठक की राजनीतिक पैठ 1974 के बाद बनी जब उन्होंने जिले के कद्दावर नेता ठाकुर शिवमंगल सिंह को शिकस्त दी. यही नहीं जब 1977 में कांग्रेस के खिलाफ पूरे देश में लहर थी तब भी बच्चा पाठक ने पूरे पूर्वांचल में एकमात्र अपनी सीट जीतकर सबको अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया था. तब उन्हें ‘शेर-ए-पूर्वांचल का खिताब उनके चाहने वालों ने दे दिया.  1980 में बच्चा पाठक चुनाव जीतने के बाद पहली बार मंत्री बने. कुछ दिनों तक पीडब्लूडी मंत्री और फिर सहकारिता मंत्री बनाये गये.
बच्चा पाठक ने राजनीतिक जीवन में हार का सामना भी किया लेकिन उन्होंने कभी जनता से मुंह नहीं मोड़ा. वो सबके दुख सुख में हमेशा शामिल रहे. क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले बच्चा पाठक  कार्यकर्ताओं या कमजोरों के उत्पीड़न पर अपने बागी तेवर के लिए मशहूर थे. इलाके में उनकी लोकप्रियता और पैठ का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे सात बार बांसडीह विधानसभा से विधायक व दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बने. साल 1985 व 1989 में चुनाव हारने के बावजूद उन्होंने अपना राजनीतिक कार्य जारी रखा. जिसके बाद वो  1991, 1993, 1996 में फिर विधायक चुनकर आये. 1996 में वे पर्यावरण व वैकल्पिक उर्जा मंत्री बनाये गये.
राजनीति के साथ बच्चा पाठक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहे. इलाके की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए बच्चा पाठक ने लगातार कोशिश की. उन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना के साथ ही उनके प्रबंधक रहकर काम भी किया.
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ब्राह्मण बहुल बलिया लोकसभा सीट से सपा ने सनातन पांडेय को दिया टिकट

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लोकसभा चुनाव का मंच सज चुका है. एकाध राउंड का प्रदर्शन (वोटिंग) भी हो चुका है. इस बीच बलिया लोकसभा सीट की गर्माहट भी बढ़ गई है. क्योंकि लंबे इंतज़ार के बाद आख़िरकार समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. सपा ने ब्राह्मण बहुल बलिया सीट से सनातन पांडेय को लोकसभा उम्मीदवार बनाया है.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यहां से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को टिकट दिया है. नीरज शेखर के सामने सनातन पांडेय को मैदान में उतारना ‘नहले पर दहला’ जैसा दांव माना जा रहा है. सनातन पांडेय 2019 में भी बलिया से सपा के उम्मीदवार थे. तब बीजेपी के वीरेंद्र सिंह ‘मस्त’ मैदान में थे. उस चुनाव में वीरेंद्र सिंह के हाथों सनातन पांडेय को शिकस्त मिली थी. लेकिन दोनों के बीच महज 15 हजार 519 वोटों का फासला था.

2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया. उनकी जगह लाए गए नीरज शेखर. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि सपा बलिया से किसे टिकट देती है. सनातन पांडेय के नाम को लेकर चर्चाएं पहलें से ही तेज़ थीं और अब हुआ भी ऐसा ही है.

ब्राह्मण बहुल बलिया सीट:

सनातन पांडेय और बलिया के चुनावी इतिहास में पर एक नज़र डालेंगे लेकिन पहले बात करते हैं जातीय समीकरण के बारे में. क्योंकि इस बार का खेल इसी समीकरण से सेट होता दिख रहा है. बलिया की कुल आबादी करीब 25 लाख है. मतदाता हैं करीब-करीब 18 लाख. इनमें सबसे ज्यादा वोट ब्राह्मण समुदाय का है. तीन लाख ब्राह्मण वोटर्स हैं. राजपूत, यादव और दलित वोटर लगभग ढाई-ढाई लाख हैं. इसके बाद मुस्लिम मतदाता हैं एक लाख. भूमिहार और राजभर जाति के वोट भी प्रभावी हैं.

यूपी में बीजेपी को लेकर 2017 के बाद से ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगता रहा है. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ये आरोप लगने शुरू हुए हैं. विपक्षी पार्टियां गाहे-बगाहें ब्राह्मणों के ख़फ़ा होने का दावा करती हैं. ऐसे में इस सीट से सपा ने एक ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर पर्सेप्शन की लड़ाई में तो बाज़ी मार ली है.

‘सनातन’ की सियासत:

साल 1996. गन्ना विभाग के इंजीनियर सनातन पांडेय ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. क्योंकि सिर पर सियासत का खुमार सवार हो गया था इस्तीफे के बाद पहली बार 2002 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहा था. सनातन पांडेय ने निर्दलीय ताल ठोक दिया. लेकिन उनके हिस्से आई हार. इसके बाद उन्होंने सपा ज्वाइन कर लिया.

साल 2007. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहे थे. सपा ने चिलकहर सीट से सनातन पांडेय को टिकट दिया. वे चुनाव लड़े और नतीजे उनके पक्ष में रहे. पांच साल बाद 2012 में फिर विधानसभा चुनाव हो रहे थे. तब तक चिलकहर विधानसभा सीट को समाप्त कर दिया गया था. पार्टी ने उन्हें रसड़ा से टिकट दिया. इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उमाशंकर सिंह की जीत हुई थी.

2012 में यूपी में सपा की सरकार बनी. रसड़ा से हारने के बावजूद सनातन पांडेय को मंत्री पद मिला था. 2017 में भी उन्होंने रसड़ा से चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी, लेकिन इस बार वे तीसरे नंबर पर खिसक गए थे.

2007 के बाद से चुनावी सियासत में सूखे का सामना कर रहे सनातन पांडेय के लिए 2024 लोकसभा चुनाव का स्टेज सेट है. इस बार उनके पास एक बड़ा मौका है सियासी ज़मीन पर झमाझम बारिश कराने की. ये बारिश कितनी मूसलाधार होगी और कौन-कितना सराबोर होगा, इसके लिए 4 जून की तारीख़ का इंतज़ार है.

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