बलिया- नेताओं की सरपरस्ती में मलाई काटने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की गर्दन फंसती दिख रही है। जिले में दो साल के अंदर सीएमओ, जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल में हुई दवा खरीद की जांच ईओडब्ल्यू करने में जुट गयी है। एजेंसी ने दो वर्ष के अंदर के दवा खरीद से जुड़े सभी रिकार्ड को तलब किया है। इसकी जानकारी होने के बाद महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है।
आर्थिक अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजकर अभिलेखों को उपलब्ध कराने को कहा है। 20 जून को जांच एजेंसी की ओर से भेजे गये पत्र में अधिकारियों का कहना है कि सीएमओ व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों के साथ ही उनके कर्मचरियों की मिलीभगत से यूपी ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (यूपीडीपीएल) की नकली दवा मुख्य औषधि भंडार से स्वास्थ्य केन्द्रों पर आपूर्ति कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया है। ईओडब्ल्यू की ओर से मुख्य चिकित्साधिकारी के साथ ही जिला व महिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को पत्र भेजकर साल 2004 से 2006 तक यानि दो साल के अंदर खरीदी गये दवाओं का विवरण मांगा गया है। एजेंसी ने उक्त दो वर्ष के दौरान तैनात रहे सीएमओ, सीएमएस, स्टोर प्रभारी, चीफ फार्मासिस्ट, स्टोरकीपर आदि का ब्योरा तलब किया है। 21 जुलाई को सीएमओ ने दोनों अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों से जानकारी उपलब्ध करने को कहा है।
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