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बलिया: आंगनबाड़ी कार्यकत्री की जन्म तिथि में बड़ा फर्जीवाड़ा, बाल विकास परियोजना अधिकारी की मिलिभगत?

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बलिया: आंगनबाड़ी कार्यकात्री की जन्म तिथि में बड़ा फर्जीवाड़ा, बाल विकास परियोजना अधिकारी की मिलिभगत?

बलिया जिले के चिलकहर विकासखंड के पहाड़पुर गांव से एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पहाड़पुर आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत साधना यादव अपनी जन्म तिथि में हेरफेर कर काम कर रही हैं। इस मामले की जानकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव के पास होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सुरेंद्र सिंह यादव पर आरोप है कि पैसे लेकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

साधना यादव पहाड़पुर के राम बदन यादव की पत्नी हैं। साधना यादव ने 2006 के एक आधिकारिक ब्रॉडशीट में अपनी जन्म तिथि 2 अप्रैल, 1984 दर्ज कराई है। जबकि 2007 के एक आधिकारिक ब्रॉडशीट में साधना यादव अपनी जन्म तिथि 2 अप्रैल, 1985 बताती हैं। दो अलग-अलग वर्षों में एक ही महिला की जन्म तिथि अलग-अलग दिखाई गई है।

राम बदन यादव की पत्नी साधना यादव की जन्म तिथि में की गई इस पर हेरफेर पर अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है। बता दें कि ये दोनों ब्रॉडशीट 2007 के तत्कालिक बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पेश किया गया है। न्यायालय में जन्म तिथि में ही की गई हेरफेर को लेकर कलावती शर्मा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के बीच मुकदमा संख्या-47605/2007 में यह ब्रॉडशीट लगाई गई है।

चिलकहर विकासखंड के पहाड़पुर गांव के ही आशुतोष कुमार पांडेय ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के परियोजना निदेशक को पत्र लिखा है। आशुतोष कुमार पांडेय ने परियोजना निदेशक को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि बाल विकास परियोजना अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव जानबुझकर इस मामले में लीपापोती कर रहे हैं। सुरेंद्र सिंह यादव पैसे की लेनदेन का भी आरोप है।

परियोजना निदेशक को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि सुरेंद्र सिंह यादव मूलत: गाज़ीपुर जिले के कासिमाबाद ब्लॉक के रहने वाले हैं। बलिया में सुरेंद्र सिंह यादव का कार्यस्थल उनके घर से महज बारह किलोमीटर की दूरी पर है। गत आठ सालों से सुरेंद्र सिंह यादव बलिया के चिलकहर ब्लॉक पर ही कार्यरत हैं। अनुमान के आधार पर कहा गया है कि जन्म तिथि में हेरफेर करने वाली कार्यकत्री साधना यादव सुरेंद्र सिंह यादव की रिश्तेदार हैं।

आशुतोष कुमार पांडेय ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि सुरेंद्र सिंह यादव चुनाव के समय में एक पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए काम करते हैं। साथ ही कार्यकत्रियों से सहयोग न मिलने पर जबरन स्पष्टीकरण बताओ नोटिस भेजते हैं। परियोजना निदेशक को लिखे गए पत्र के अनुसार साधना यादव के मामले में शिकायत करने पर सुरेंद्र सिंह यादव ने कहा है कि “यहां का मैं ही जिलाधिकारी हूं और मुख्यमंत्री भी। जो करना है कर लो।”

सवाल है कि क्या बाल विकास परियोजना अधिकारी को साधना यादव की जन्म तिथि में किए गए गड़बड़-झाले का पता था? क्या मामले की जानकारी होते हुए भी सुरेंद्र सिंह यादव ने जानबूझकर इस फर्जीवाड़े पर पर्दा डालने की कोशिश की? देखने वाली बात होगी कि उत्तर प्रदेश के परियोजना निदेशक को लिखे गए पत्र पर क्या कदम उठाए जाते हैं?

इस मामले में सुरेंद्र सिंह यादव का पक्ष जानने के लिए हमने उन्हें फोन कॉल किया। सुरेंद्र सिंह यादव ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि “हमारे पास जो दस्तावेज हैं उनमें जन्म तिथि में कोई गड़बड़ी नहीं है। आरोप लगाने को कोई कुछ भी लगा सकता है। मुझे नहीं पता कि ब्रॉडशीट कहां से आया।”

इनपुट: रिपोर्टर कृष्ण मोहन पांडेय

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बलिया के शिवपुर घाट पर गंगा नदी में डूबा किशोर, नहाने के दौरान हुआ हादसा

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बलिया के दोकटी थाना के शिवपुर घाट पर शनिवार सुबह गंगा नदी के गहरे पानी में एक 15 वर्षीय बालक डूब गया। पुलिस ने गोताखोरों को बुलाकर किशोर को ढूंढने का प्रयास शुरू किया है लेकिन अभी तक किशोर नहीं मिल पाया है।

जानकारी के मुताबिक, दोकटी थाना क्षेत्र के रामपुर गांव निवासी 15 वर्षीय रणवीर गुप्ता पुत्र रामनारायण गुप्ता अपने परिवार व रिश्तेदार के साथ शनिवार सुबह करीब आठ बजे गंगा स्नान करने शिवपुर घाट आया था। नदी के अंदर नहाने के लिए रणवीर और रौनक पुत्र राजेश गुप्ता एक साथ गए। नहाते-नहाते तीनों गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे।

इस दौरान शोर सुनकर नाविक पहुंचे और अनिकेत और रौनक को बचा लिया, लेकिन रणवीर को नहीं बचाया जा सका और वह डूब गया। सूचना पर चौकी इंचार्ज लालगंज जय प्रकाश सिपाहियों के साथ घाट पर पहुंच गए। पुलिस की मौजूदगी की सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया लेकिन अभी तक डूबे युवक को बाहर नहीं निकाला जा सका है।

 

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बलिया में कूड़े के ढेर में लगी भयानक आग, पुलिस की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

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बलिया के बिल्थरारोड में कूड़े के ढेर में अचानक आग लग गई। इस घटना के बाद इलाके में अफरा तफरी मच गई। आग की लपटें इतनी तेज़ थी कि इन पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा था। इसी बीच सीयर पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र कुमार और सिपाहियों ने तेज़ी दिखाई और आग पर काबू पाया।

जानकारी के मुताबिक, नगर के चौधरी चरण सिंह तिराहे के समीप कूड़े का ढेर पड़ा हुआ था। कूड़े में अज्ञात कारणों से आग लग गई। तेज पछुआ हवा के चलते देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। रात को कूड़े की ढेर से आग की लपटें निकलते देख लोग सहम गए और वहां अफरा तफरी मच गई।

शोर सुनकर सीयर पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र कुमार अपने सिपाहियों को लेकर वहां पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने लोगों की मदद से आग पर काबू करने का प्रयास शुरू कर दिया। आसपास के घरों के लोगों ने भी बाल्टी में पानी लाकर आग बुझाने में पुलिस की भरपूर मदद की। अंततः पुलिस और पब्लिक की मदद से लगभग 45 मिनट के अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया।

समय रहते आग आग पर काबू पाए जाने से धन-जन का नुकसान होने से बच गया। मुहल्ले वालों ने मदद के लिए सीयर पुलिस चौकी को शुक्रिया कहा। आग लगी के कारणों का पता नहीं चल सका है।

 

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बलिया में बक्से में मिली वृद्धा की लाश के मामले में पुलिस ने आरोपी बेटी को किया गिरफ्तार

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बलिया के नरहीं थाना क्षेत्र के उजियार में तीन महीने पहले बक्से में मिली वृद्धा की लाश के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में हत्यारिन बेटी और साथी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त हैंडपम्प का हैंडल भी बरामद हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, बक्सर जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र के बड़की सारिमपुर निवासी 60 वर्षीया खैरुनिशा 12 जनवरी की सुबह उजियार गांव स्थित अपने घर गई थी। उसने यहां मकान बनाकर किराए पर दे रखा था। देर शाम तक वापस नहीं गयी तो बक्सर से परिजन ढूंढते हुए उजियार स्थित घर पर पहुंच गए। बाहर से घर की कुंडी बंद थी। पीछे की दीवार फांदकर परिजन अंदर गए तो फर्श पर खून देख सन्न रह गए थे।

इस घटना के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। जांच के बाद पुलिस ने सारिमपुर को ही सबा खातून और फैयाज खां की गिरफ्तार किया। सबा मृत महिला के दूसरे पति की बेटी है। पुलिस की पूछताछ में सबा खातून ने बताया कि मां खैरुनिशा पूरी संपति पहले पति के बेटे के नाम कर रही थी। जबकि उक्त सभी संपत्ति मेरे पिता स्व. मुजिबुल ने कमाई थी। घटना के दिन संपत्ति को लेकर विवाद हो गया। उसी दौरान फैयाज खां के साथ मिलकर हैंडपंप के हैंडल से हमला कर दिया। लाश कमरे में रखे बक्से में रख दिया। रात में शव को फेंकने की योजना थी।

बेटी के अनुसार उसकी मां पूरी सम्पत्ति बेटे के नाम से करना चाहती थी। इसके चलते ही बेटी शादी के बाद भी ससुराल की बजाय सारिमपुर स्थित अपने मां के घर के बगल में ही रहती थी। वहीं उसकी फैयाज से जान पहचान हुई और यह प्रगाढ़ हो गया। पुलिस के अनुसार फैयाज के साथ मिलकर ही उसने मां की हत्या को अंजाम दिया। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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