Connect with us

बलिया स्पेशल

ग्राउंड रिपोर्ट- फूलों की नगरी से गायब हो रही फूलों की खुशबू, इतिहास बनने की कगार पर सिकंदरपुर

Published

on

सिकंदरपुर डेस्क– केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार एक तरफ लघु उद्योग, कुटीर उद्योग व पारंपरिक उद्योगों को बचाने व विकसित करने के लिए आये दिन लाखों-करोड़ों रूपया खर्च कर रही है, वहीं दुसरी तरफ फूलों का पारंपरिक उद्योग वर्तमान समय मे दम तोड़ता नजर आ रहा हैं। उत्तर प्रदेश राज्य के बलिया ज़िले में स्थित सिकन्दरपुर एक नगर व नगरपंचायत है, जिसें ज़िले में तहसील का दर्जा भी प्राप्त है।

इस नगर की स्थापना के बाद में राजा सिकन्दर के नाम से इस शहर का नाम सिकन्दरपुर रखा गया था, अतीत में यह नगर इत्र के व्यापार का जीता जागता प्रसिद्ध केंद्र भी था।पर पश्चिमी सभ्यता की औद्योगिक क्रांति ने भारत के जिन प्रमुख कुटीर उद्योगों पर कुठाराघात किया जिनमें सिकंदरपुर का प्रसिद्ध तेल, फूल, केवड़ा, इत्र व गुलाबजल उद्योग भी प्रमुख रूप से शामिल है। हजारों लोगों की रोजी-रोटी से जुड़ा यह उद्योग अनेक कारणों से आज अंतिम सासें गिन रहा हैं।

सांकेतिक तस्वीर

इसका मुख्य कारण प्रतिस्पर्धा सहित बाजार, संरक्षण, भण्डारण का अभाव तथा सरकार व स्थानीय शासन की उपेक्षा ने इस उद्योग को इस कदर प्रभावित किया है कि आज फूल और तेल की खुशबू का दायरा करीब-करीब गुलाबों की नगरी सिकन्दरपुर में ही सिमट कर रह गई हैं, व आज के दौर मे यह फुल उद्योग बिल्कुल ही विलुप्त होने की कगार पर आकर खड़ा है।

वर्तमान समय मे फूलों की खेती अब घाटे की खेती साबित हो जाने के कारण फूलों की खेती करने वाले किसान जहां इससे विमुख होकर इस परम्परागत खेती की ओर से पलायन करते जा रहे हैं, दिनों दिन फूलों के बागान कटते व नष्ट होते जा रहे हैं वहीं फूलों के बल पर चलने वाले तेल और गुलाब जल, केवड़ा जल आदि के व्यवसाय से जुड़े लोग या तो बेरोजगारी मे अपना दिन काटने को विवश हैं ।

अथवा अन्य कामों व रोजीरोटी की तलाश मे इस फूलों की नगरी से पलायन कर देश के विभिन्न हिस्सों मे जाकर अन्य कार्य करने को मजबूर हैं।इस उद्योग की सबसे बड़ी विडम्बना यह कि इस पारंपरिक उद्योग व इससे जुड़े परिवारों की दो वक्त की रोजी रोटी को बचाने की मुहिम को किसी भी राजनीतिक दल ने अपने चुनावी एजेण्डे में आज तक शामिल नहीं किया। वर्तमान मे विकास नामक रथ पर सवार केन्द्र व प्रदेश सरकार के नुमाइंदों की भी नजर कभी इस विलुप्त हो रहें ।

पारंपरिक उद्योग पर नहीं पड़ी। इसको लेकर लोगों मे स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ उग्र गुस्सा तो हैं ही वहीं इलाकाई लोग अब स्थानीय राजनेताओं से इस मुद्दे पर सीधे सीधे सवाल-जवाब करने के मूड में आ गए हैं। इस पारंपरिक उद्योग के बारे मे इस तथ्य से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि 20 से 30 वर्ष पूर्व तक तेल, फूल, केवड़ा जल, गुलाबजल व इत्र के इस पारंपरिक उद्योग में पूरे देश में सिकन्दरपुर नगर की एक तरफा बादशाहत चलती थी।

उस दौरान नगर के चारों तरफ गुलाब, चमेली, बेला व केवड़ा के बड़े-बड़े बगान हुआ करते थे जिनमें भारी मात्रा में फूल पैदा होते थे, इन बगानों में उगने वाले अलग-अलग तरह के फूलों की सुगन्ध से सिकन्दरपुर नगर ही नहीं बल्कि पास-पड़ोस के गांवों तक का वातावरण सुगंधमय बना रहता था।यहां तक की तीन दशक पहले इस नगर की नालियों से भी गुलाब व इत्र की खुशबू आने जाने वाले लोगों को आनंदित करती थी।

फूलों की खेती से यहां के स्थानीय किसान तथा पारंपरिक उद्योग से जुड़े परिवारों के काफी लोग खुशहाल थे, सिकन्दरपुर नगर मे एक दर्जन से अधिक स्थानों पर ताजा फूलों की दुकानें लगती थी जहां अपने खेतों में पैदा गुलाब, चमेली, केवड़ा के फूल किसान सीधे अपने खेतों से लाकर बाजार मे बेचते थे, उन किसानों से कारखाना मालिक फूल खरीद कर शुद्ध देशी विधि से तरह-तरह के तेल व इत्र के सामान बनाते थे, कारखाना मालिक चमेली व गुलाब रोगन के तेल जहां वासन विधि से

बनाते थे, वहीं गुलाब, केवड़ा जल और इत्र आसवन विधि से निर्मित होते थें।इन कारखानों में निर्मित सामानों को कारखाना मालिक देश के विभिन्न प्रमुख भागों में विक्रय हेतु भेजते थे, उस समय यहां के उत्पादित इन सामानों की महानगरों के साथ साथ क्षेत्रीय बड़े बाजारों मे भी काफी अच्छी मांग थी तथा भरपूर उत्पादन और अच्छी बिक्री के चलते यहां के किसान व इस पारंपरिक उद्योग से जुड़े लोग इस रोजगार से बहुत खुशहाल रहते थे।

पर देखते ही देखते समय ने पलटी मारा और औद्योगिक क्रांति के बाद स्थापित बड़े-बड़े मशीनों से चलने वाले कारखानों में उत्पादित बनावटी सुगंधित तेलों व सेंट जैसे-जैसे बाजारों में अपनी पैठ बनाते गए। उसी अनुपात में यहां के स्थानीय उत्पादित सामानों की बिक्री दिनों दिन घटती गयी, यह अलग बात है कि सिकंदरपुर नगर के उत्पादित सामानों की गुणवत्ता के मुकाबले इन फैक्ट्रियों में बनने वाले तेल, सेंट, इत्र व गुलाबजल आदि किसी भी दृष्टिकोण से टिक नहीं पाते थे।

यह जरूर था कि सिकंदरपुर के उत्पादित सामानों की अपेक्षा प्राइवेट बड़ी फैक्ट्रियों में बने सामानों का मूल्य अवश्य ही कम है। वैसे आज के दौर मे भी यहां के फूल उद्योगों को प्रशासनिक संरक्षण तथा स्थानीय सांसद व विधायक का सहयोग मिले तो यह फूल, तेल, गुलाब जल, केवड़ा तथा इत्र का कारोबार पुन: अपने पुराने रंग में आकर स्थानीय नागरिकों व किसानों की खुशहाली का सबब बन सकता हैं तथा फिर से सिकन्दरपुर नगर अपनी पुरानी बादशाहत को कायम कर सकता हैं।

Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

बलिया स्पेशल

बीजेपी प्रत्याशी की जन आशीर्वाद यात्रा में उमड़ी भीड़, रवीन्द्र कुशवाहा बोले- तीसरी बार मोदी बनेंगे पीएम

Published

on

बलिया। सलेमपुर लोकसभा से भाजपा के सांसद और वर्तमान प्रत्याशी रवीन्द्र कुशवाहा को फिर से टिकट मिलने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता जगह- जगह स्वागत कर रहे हैं। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को स्वागत और जन आशीर्वाद यात्रा मनियर से प्रारंभ होकर बांसडीह पहुंची। बांसडीह स्थित सप्तऋऋषि चौराहे पर भव्य स्वागत किया गया।

स्वागत में उमड़े जनसैलाब ने सांसद रवीन्द्र कुशवाहा को फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। साथ ही सांसद के ऊपर पुष्प वर्षा किया। तत्पश्चात सांसद रवीन्द्र कुशवाहा ने कचहरी स्थित मां दुर्गा के दरबार में पहुंच कर पूजा अर्चना किया। जन आशीर्वाद यात्रा लेकर पहुंचे सांसद रवीन्द्र कुशवाहा का विधायक केतकी सिंह के नेतृत्व में बांसडीह चौराहे पर कार्यकर्ताओं ने स्वागत

किया। इस दौरान सांसद रवीन्द्र कुशवाहा ने अपने पांच वर्षों की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि पूरा देश प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पर गर्व कर रहा है। देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिये प्रधानमंत्री अग्रसर है। अबकी बार 400 से ऊपर सीटे जीतकर तीसरी बार नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। विधायक केतकी सिंह ने कहा कि सलेमपुर क्षेत्र से पुनः रवीन्द्र कुशवाहा तीसरी बार भारी मतों से विजयी होंगे। भाजपा बांसडीह मंडल अध्यक्ष प्रतुल कुमार ओझा ने सांसद रवीन्द्र कुशवाहा को अभिनंदन पत्र और अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।

 

इस मौके पर बैरिया चेयरमैन प्रतिनिधि शिवकुमार वर्मा मंटन,  पूर्व चेयरमैन संजय कुमार सिंह मुन्ना, चंद्रबली वर्मा, राजू गुप्ता, रमेश कान्त, डब्लू गुप्ता, व्यापार मंडल अध्यक्ष अभिषेक मिश्र, चंद्रमा गिरी, तेज बहादुर रावत, सिंपी सिंह, शिवम गुप्ता, अजय यादव, अरुण पांडेय, अमित यादव, बिट्टूतिवारी, अभिजीत तिवारी, इरफान अहमद, विवेक उपाध्याय, बलिराम साहनी, राकेश वर्मा, गोपाल जी आदि उपस्थित रहे।

Continue Reading

featured

बलिया में भीषण सड़क हादसा अब तक 6 की मौत !

Published

on

बलिया के बैरिया में सोमवार देर रात दर्दनाक सड़क हादसा हो गया जिसमें अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है । एनएच 31 पर स्थित बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत दुबेछपरा-सुघर छपरा के मध्य अंधा मोड़ पर सोमवार की रात करीब दो बजे ये भीषण हादसा हुआ हादसे में आधा दर्जन लोग घायल भी बताए जा रहे है, जिनमें से चार को वाराणसी रेफर किया गया है। बताया जा रहा है कि, दोकटी थाना क्षेत्र के भगवानपुर निवासी अनवत गुप्ता के घर से खेजुरी थाना क्षेत्र के मासूमपुर गांव में तिलकोत्सव गया था।

तिलकोत्सव में शामिल होने के बाद लोग कमांडर जीप से गांव लौट रहे थे। रात करीब दो बजे जीप अभी बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत दुबेछपरा-सुघर छपरा के मध्य स्थित अंधा मोड़ पर पहुंची थी, तभी टमाटर लदी तेज रफ्तार पिकअप ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि एक जीप के परखच्चे उड़ गये और सभी सवार गंभीर रूप से घायल हो गये। पिकअप पलट गई।

वहीं, दूसरी जीप में शामिल लोग भी घायल हो गये। आस-पास के लोगों ने पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दिया। एम्बुलेंस पहुंची तो लोगों ने सभी घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा। हादसे में अब तक 6 के मरने की सूचना है। मृतकों के शव को कब्जा पुलिस में लेकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही हेतु मोर्चरी हाउस भेजा गया।

Continue Reading

featured

लोकसभा का टिकट मिले या न मिले स्वास्थ्य सेवा की मुहिम लागतार चलती रहेगी- राजेश सिंह दयाल

Published

on

दयाल फाउंडेशन Dayal Foundation

बलिया के पूर में शनिवार को  दयाल फाउंडेशन के तरफ से  स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।  यहाँ हजारों की संख्या में लोग इलाज कराने पहुचें थे। यूं तो इस क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से परेशान थे, महंगे अस्पतालों की महगी दवाओं ने इस क्षेत्र को और कमजोर कर दिया था, वहीं सलेमपुर एक नेता ने साहस दिखाया और यहाँ के लोगों के जीवन में नई किरण बिखेर दी। उनके मुफ्त स्वास्थ्य कैंपो ने सिर्फ इसी क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक मरीजों को नया जीवन दिया है। “मेडिसिन मैन” के नाम से प्रसिद्ध राजेश सिंह दयाल ने बलिया और देवरिया में गंभीर बीमारियों का न सिर्फ मुफ्त इलाज करवा बल्कि जनता के चेहरे पर मुस्कान ला दी है।

महीनो से राजेश सिंह दयाल सलेमपुर क्षेत्र में बड़े बड़े स्वस्थ कैम्प का आयोजन करवा रहें हैं। वह भाजपा में बड़े पद पर हैं और इस बार सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ सकतें हैं। उनकी इस पहल को देखते हुए, बलिया और देवरिया के भाजपा नेता और समर्थक भी उनके साथ खड़े हैं। शनिवार को जब बलिया में दयाल फाउंडेशन के डॉक्टर लोगों का मुफ्त इलाज कर रहे थे तब भाजपा के ज़िला अध्यक्ष संजय यादव भी स्थानीय गाँव में  मौजूद थे। इस कैम्प में 1500 मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य जाँच और मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। भाजपा के कार्यकर्ता भी इस कैप में लोगों कि मदद करते दिखे। संजय यादव ने भी सिविर में आए लोगों से बात कि और उनका हाल जाना।

इस कैम्प में लखनऊ से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों की स्वास्थ्य जांच की और उन्हें आवश्यक सलाह दी। शिविर में ब्लड टेस्ट, ईसीजी, आंखों की जांच जैसी सुविधाएं भी मुफ्त में उपलब्ध थीं। पुरे क्षेत्र में जगह जगह राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन द्वारा ऐसे कई निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते रहें हैं। अब तक ऐसी शिविरों में 1 हजार से अधिक मरीजों का मुफ्त मोतियाबिंद ऑपरेशन भी कराया गया है।

शनिवार के शिविर में बलिया के जिलाध्यक्ष की मौजूदगी ने कही न कही बड़ा सन्देश दिया हैं। दयाल सलेमपुर से भाजपा दावेदारों में सबसे मजबूत चहेरा माने जा रहें हैं। संजय यादव का इस मुफ्त स्वस्थ सिविर में रहना यह बताता है कि 2024 के चुनाव में बलिया और देवरिया के भाजपा कार्यकर्ता भी दयाल के नाम से सहमत हैं और सलेमपुर में राजेश सिंह दयाल के नाम पर बढ़ी घोषणा हो सकती हैं

इस कैम्प के दौरान राजेश सिंह दयाल ने पिछले 30 साल से भाजपा से अपने जुड़ाव को व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सामाजिक कार्य राष्ट्रहित से जुड़े हुए हैं। उन्होंने प्रेरणास्रोत के रूप में पीएम मोदी जी का नाम लिया और इसका श्रेय भारतीय जनता पार्टी को दिया। उन्होंने भाजपा को एक परिवार मानते हुए आपस में प्रेमभाव की भावना व्यक्त की।

2014 में दयाल के बड़े बेटे का निधन हो गया था। इसके बाद से वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे और राजनीति से परे, राजेश दयाल ने अपने निजी दुख को समाज सेवा में बदल दिया और इस क्षेत्र में कई बड़े काम करने लगे। उनका दयाल फाउंडेशन सालों से सलेमपुर के लोगों की मदद कर रहा हैं। टिकट मिलने कि बात पर उन्होंने कहा सेवा का कोई अंत नहीं, चाहे चुनावी टिकट मिले या न मिले। चुनाव को आधार बनाकर समाज सेवा के कार्यों को करने की बात पर दयाल ने स्पष्ट किया कि उनकी समाज सेवा और स्वास्थ्य सेवा की मुहिम निरंतर चलती रहेगी, टिकट मिले या न मिले ।

Continue Reading

TRENDING STORIES

error: Content is protected !!